क्या बरेली में जमात-ए-इस्लामी हिंद का प्रतिनिधिमंडल निष्पक्ष जांच और बंदियों की रिहाई की मांग कर रहा है?
सारांश
Key Takeaways
- बरेली में हाल की हिंसा के बाद स्थिति गंभीर है।
- जमात-ए-इस्लामी हिंद ने निष्पक्ष जांच की मांग की है।
- कई निर्दोष लोग राजनीतिक प्रतिशोध का शिकार हुए हैं।
- एपीसीआर अदालत में मामलों को उठाने की योजना बना रहा है।
- जनता से अपील की गई है कि न्याय के लिए संघर्ष करें।
बरेली, 29 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। हाल के दिनों में उत्तर प्रदेश के बरेली में हुई हिंसा के परिणामस्वरूप हुई गिरफ्तारियों, मकानों के ध्वस्तीकरण और व्यापारिक प्रतिष्ठानों को सील करने की घटनाओं के बीच, जमात-ए-इस्लामी हिंद (जेआईएच) का एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल रविवार को शहर का दौरा किया और जमीनी हालात का अवलोकन किया।
इस प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व जेआईएच के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मलिक मोतासिम खान ने किया। उनके साथ आई. करीमुल्लाह, नदीम खान, लईक अहमद, जमीरुल हसन (अध्यक्ष, जेआईएच यूपी पश्चिम) सहित कई अन्य वकील और पदाधिकारी भी शामिल थे।
टीम ने प्रभावित इलाकों का दौरा किया और पीड़ित परिवारों से मुलाकात की, ताकि उन कठिनाइयों को समझा जा सके जिनका सामना वे कर रहे हैं। प्रतिनिधिमंडल ने पाया कि तोड़फोड़ और सीलिंग की कार्रवाइयां बिना उचित कानूनी प्रक्रिया के की गईं, जबकि कई परिवारों के पास वैध स्वामित्व के दस्तावेज और डिजिटल सबूत थे जो यह साबित करते हैं कि वे कथित घटनाओं के समय वहां मौजूद नहीं थे।
जेआईएच के प्रतिनिधियों ने बताया कि कई निर्दोष लोग राजनीतिक प्रतिशोध और पुलिस के मनमाने रवैये का शिकार हो गए हैं। टीम ने स्थानीय वकीलों के साथ मिलकर कानूनी स्थिति की समीक्षा की और आगे की कार्यवाही के लिए रणनीति बनाई।
प्रतिनिधिमंडल ने डीएम और एसपी से मिलकर अपनी चिंताओं को प्रशासन के समक्ष रखने का प्रयास किया, लेकिन उन्हें सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिली। जेआईएच के उपाध्यक्ष मलिक मोतासिम खान ने मांग की कि राजनीतिक रूप से प्रेरित एफआईआर तुरंत वापस ली जाएं, पर्याप्त सबूतों के अभाव में बंदियों को रिहा किया जाए और पुलिस की ज्यादतियों के लिए न्यायिक जवाबदेही तय की जाए। उन्होंने कहा कि यह समय न्याय, संविधानिक मूल्यों और नागरिक अधिकारों की रक्षा के लिए एकजुट होकर खड़े होने का है।
एपीसीआर (एसोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स) के राष्ट्रीय सचिव नदीम खान ने बताया कि अब तक 27 परिवारों को मकान खाली करने के नोटिस मिले हैं और 32 दुकानें सील की गई हैं। उन्होंने कहा कि एपीसीआर इन मामलों को अदालत में ले जा रही है और न्यायालय से उम्मीद है कि निर्दोष लोगों को राहत मिलेगी।
जमात-ए-इस्लामी हिंद ने इस मौके पर जनता से अपील की कि वे शांतिपूर्ण और संवैधानिक तरीकों से न्याय के लिए संघर्ष जारी रखें, एकजुट रहें और किसी भी प्रकार के अन्याय के खिलाफ मजबूती से खड़े हों।