क्या बवासीर की समस्या से परेशान हैं? आयुर्वेद में बताए गए इन नुस्खों से पाएँ तुरंत आराम!

सारांश
Key Takeaways
- बवासीर एक सामान्य समस्या है, जो लाइलाज नहीं है।
- फाइबर युक्त आहार का सेवन करें।
- गुनगुने पानी का सिट्ज बाथ लाभदायक है।
- घरेलू नुस्खे जैसे नारियल तेल और एलोवेरा का प्रयोग करें।
- स्वस्थ जीवनशैली अपनाना आवश्यक है।
नई दिल्ली, 3 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। बड़ी बवासीर यानी मस्से वाली पाइल्स एक ऐसी समस्या है, जिसके बारे में लोग खुलकर बात करने में संकोच करते हैं। लेकिन यह कोई असाध्य बीमारी नहीं है। उचित आहार, योग और घरेलू उपायों के माध्यम से इसे काफी हद तक नियंत्रण में लाया जा सकता है और जीवन को बिना दर्द और परेशानियों के बिताया जा सकता है।
आयुर्वेद में बड़ी बवासीर को अर्श के नाम से जाना जाता है। सरल शब्दों में कहें तो जब गुदा के आस-पास की नसें सूज जाती हैं और मस्सों के रूप में उभर आती हैं, तो इसे बड़ी बवासीर कहा जाता है। ये मस्से कभी अंदर (इंटर्नल पाइल्स) होते हैं और कभी बाहर (एक्सटर्नल पाइल्स) निकल आते हैं। इसकी मुख्य वजह कब्ज़ होती है, क्योंकि बार-बार जोर लगाकर मल त्याग करने से नसों पर दबाव बढ़ जाता है।
इसके अलावा, लंबे समय तक टॉयलेट पर बैठना, गर्भावस्था, जंक फूड और मसालेदार भोजन, भारी वजन उठाना और पानी की कमी भी इसे बढ़ाते हैं। शुरुआत में यह केवल हल्की असुविधा देता है, लेकिन धीरे-धीरे दर्द, जलन, खुजली और खून आना शुरू हो जाता है। मल त्यागते समय परेशानी इतनी बढ़ जाती है कि जीवन की गुणवत्ता पर इसका असर पड़ता है।
अब सवाल यह है कि इसका घरेलू और आसान इलाज क्या हो सकता है। सबसे पहले, आहार में सुधार करना आवश्यक है। फाइबर युक्त चीजें जैसे हरी सब्जियां, सलाद, फल, दलिया और इसबगोल की भूसी रोजाना खानी चाहिए। पर्याप्त पानी पीना और कब्ज़ से बचना सबसे महत्वपूर्ण उपाय है। तैलीय और मसालेदार चीजों को कम करना चाहिए। इसके अलावा, गुनगुने पानी का सिट्ज बाथ दिन में दो-तीन बार करना राहत देता है। इसमें बस एक टब में गुनगुना पानी भरकर 10-15 मिनट बैठना होता है, जिससे मस्सों की सूजन और दर्द कम होता है।
घरेलू नुस्खों में नारियल तेल और एलोवेरा जेल मस्सों पर लगाने से जलन और सूजन कम होती है। त्रिफला चूर्ण रात में लेने से कब्ज़ दूर रहती है और इसबगोल मल को नरम बनाकर दबाव कम करता है। बरगद का दूध और अर्जुन छाल का काढ़ा भी खून रोकने और नसों को मजबूत करने में मदद करते हैं। नीम और हल्दी का लेप लगाने से मस्से सिकुड़ने लगते हैं। अंजीर को रात भर भिगोकर सुबह खाने से मल त्याग आसान होता है और धीरे-धीरे आराम मिलता है। दही और छाछ को खाने में शामिल करना भी फायदेमंद है, क्योंकि यह पाचन को सुधारता है।
लाइफस्टाइल सुधार भी बहुत आवश्यक है। लंबे समय तक बैठकर काम करने से बचें, टॉयलेट में मोबाइल लेकर न बैठें और नियमित योग करें। भारतीय शैली यानी स्क्वैटिंग पोजिशन में शौच करना भी बेहतर है, क्योंकि इससे गुदा पर कम दबाव पड़ता है।