क्या ममता बनर्जी का दुर्गापुर मामले पर बयान शर्मनाक सोच का प्रतीक है?

सारांश
Key Takeaways
- ममता बनर्जी का बयान महिलाओं की सुरक्षा पर सवाल उठाता है।
- भाजपा नेता बिरांची नारायण त्रिपाठी ने बयान की निंदा की।
- पश्चिम बंगाल सरकार की संवेदनशीलता पर सवाल।
- ओडिशा सरकार ने पीड़िता के परिवार को सहायता दी है।
- नुआपाड़ा उपचुनाव में भाजपा की तैयारी चल रही है।
भुवनेश्वर, 14 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। भाजपा नेता बिरांची नारायण त्रिपाठी ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के दुर्गापुर गैंगरेप मामले पर दिए बयान की कड़ी निंदा की है। त्रिपाठी ने ममता बनर्जी के बयान को संवेदनहीन और शर्मनाक सोच का प्रतीक बताया।
बिरांची नारायण त्रिपाठी ने कहा कि पश्चिम बंगाल, जो मां काली की भूमि है और जहां संस्कृति और आस्था की गहराई है, वहां एक महिला मुख्यमंत्री का ऐसा बयान चौंकाने वाला है। उन्होंने कहा कि महिलाओं को रात में बाहर न निकलने की सलाह देना एक बेहद पिछड़ी और गलत सोच को दर्शाता है। त्रिपाठी ने टीएमसी नेता सौगत रॉय के इस बयान का समर्थन करने को भी चिंताजनक बताया।
त्रिपाठी ने कहा कि जिस प्रकार से पश्चिम बंगाल सरकार ने पीड़िता के प्रति सहानुभूति नहीं दिखाई, वह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। उनका मानना है कि ममता बनर्जी का यह रवैया इंसानियत के खिलाफ है। देश की जनता ऐसी मानसिकता को कभी बर्दाश्त नहीं करेगी और सही समय पर इसका करारा जवाब देगी।
त्रिपाठी ने बताया कि ओडिशा भाजपा महिला मोर्चा की एक टीम पीड़िता के परिवार से मिलने दुर्गापुर जा चुकी है और ओडिशा सरकार ने पूरा सहयोग और चिकित्सा सहायता प्रदान की है। ओडिशा सरकार ने भी हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया है। हम उम्मीद करते हैं कि पश्चिम बंगाल सरकार सख्त कार्रवाई करेगी और दोषियों को कड़ी सजा दिलाएगी।
इसके साथ ही त्रिपाठी ने नुआपाड़ा उपचुनाव को लेकर कहा कि भाजपा उम्मीदवार के चयन की प्रक्रिया अंतिम चरण में है और एक-दो दिनों में आधिकारिक सूची जारी कर दी जाएगी। उन्होंने दावा किया कि पार्टी पूरी तरह तैयार है और नुआपाड़ा में भाजपा शानदार जीत हासिल करेगी।
गौरतलब है कि दुर्गापुर में दलित लड़की से गैंगरेप मामले में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा था कि लड़कियों को रात के 12 बजे के बाद बाहर नहीं निकलना चाहिए। उन्हें अपनी सुरक्षा खुद करनी चाहिए। साथ ही उन्होंने यह भी कहा था कि इस तरह की घटना के लिए सरकार को सीधे तौर पर दोषी ठहराना गलत है।