क्या बिहार चुनाव में बेतिया विधानसभा सीट महत्वपूर्ण है?

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क्या बिहार चुनाव में बेतिया विधानसभा सीट महत्वपूर्ण है?

सारांश

बिहार विधानसभा चुनाव में बेतिया विधानसभा सीट पर सभी की नजरें हैं। भाजपा का यहाँ दबदबा है, जबकि कांग्रेस भी लगातार मुकाबला कर रही है। बेतिया का ऐतिहासिक और राजनीतिक महत्व इसे और भी खास बनाता है। जानिए इस सीट की खासियतें और राजनीतिक समीकरण।

Key Takeaways

  • बेतिया विधानसभा का राजनीतिक इतिहास
  • भाजपा का प्रभाव और कांग्रेस की चुनौती
  • महात्मा गांधी का चंपारण सत्याग्रह
  • बेतिया राज की ऐतिहासिक महत्ता
  • संस्कृति और पर्यटन के दृष्टिकोण से बेतिया

पटना, 7 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। बिहार विधानसभा चुनावों को लेकर राजनीतिक गतिविधियों में तेजी आ गई है। सभी प्रमुख दल अपनी तैयारियों में लगे हुए हैं और पश्चिमी चंपारण जिले की बेतिया विधानसभा सीट पर सबकी निगाहें हैं। वर्तमान में इस सीट पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का प्रभाव है।

बेतिया विधानसभा क्षेत्र बिहार के पश्चिमी चंपारण जिले में स्थित है और यह एक सामान्य श्रेणी की सीट है। यह पश्चिम चंपारण लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा है। इसमें बेतिया सामुदायिक विकास खंड और मझौलिया प्रखंड की 18 पंचायतें शामिल हैं। 2024 के अनुमानित आंकड़ों के अनुसार बेतिया की कुल जनसंख्या लगभग 4.92 लाख है, जिसमें पुरुषों की संख्या 2,58,925 और महिलाओं की संख्या 2,33,100 है।

भारत निर्वाचन आयोग के अनुसार 1 जनवरी 2024 की स्थिति में इस क्षेत्र में कुल 2,90,244 मतदाता पंजीकृत हैं, जिनमें 1,53,120 पुरुष और 1,37,119 महिला मतदाता शामिल हैं।

राजनीतिक दृष्टि से, बेतिया विधानसभा सीट का इतिहास काफी दिलचस्प रहा है। यह सीट 1951 में स्थापित हुई थी और अब तक 18 चुनाव हो चुके हैं। प्रारंभिक वर्षों में यह सीट कांग्रेस के नियंत्रण में रही और 1952 से 1985 के बीच आयोजित 10 चुनावों में से 9 में पार्टी ने जीत दर्ज की। भाजपा ने 1990 में इस सीट पर चुनाव लड़ना शुरू किया और अब तक 6 बार जीत हासिल की है। पार्टी को केवल 1995 और 2015 में मामूली अंतर से हार का सामना करना पड़ा।

भाजपा की वरिष्ठ नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री रेणु देवी इस सीट से 5 बार विधायक रह चुकी हैं। उनका प्रभाव यहाँ खासकर महिला मतदाताओं और संगठित भाजपा कैडर के कारण मजबूत माना जाता है। कांग्रेस की ओर से गौरी शंकर पांडे ने चार बार और जय नारायण प्रसाद ने दो बार इस सीट पर जीत हासिल की। हाल के वर्षों में भाजपा का प्रभाव और भी बढ़ा है।

राजनीतिक समीकरणों के साथ-साथ, बेतिया का ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व भी इसे एक विशेष पहचान देता है। यह शहर न सिर्फ बेतिया राज की ऐतिहासिक रियासत का केंद्र रहा है, बल्कि महात्मा गांधी के चंपारण सत्याग्रह जैसी ऐतिहासिक घटनाओं का साक्षी भी है।

बेतिया से लगभग 10 किलोमीटर दूर स्थित स्थान पर 1937 में ऑल इंडिया गांधी सेवा संघ का वार्षिक सम्मेलन हुआ था, जिसमें महात्मा गांधी, डॉ. राजेंद्र प्रसाद और जेबी कृपलानी जैसे नेता शामिल हुए थे। महात्मा गांधी द्वारा स्थापित एक बेसिक स्कूल आज भी संचालित है।

बेतिया में शिव-पार्वती मंदिर के अलावा सरैया के शांत परिवेश में एक प्राकृतिक झील है, जो इसे सांस्कृतिक और पर्यटन दृष्टि से भी महत्वपूर्ण बनाती है। सरैया मन (पक्षी विहार) कई प्रजातियों के पक्षियों का प्रवास स्थल भी है। झील के किनारे लगे जामुन के पेड़ों से गिरने वाले फल के कारण इसका पानी पाचक माना जाता है। यह स्थान लोगों के लिए पिकनिक स्थल भी बना हुआ है।

बेतिया पूर्व-मध्य रेलवे से जुड़ा हुआ है और देश के प्रमुख शहरों से रेल संपर्क सशक्त है। सड़क मार्ग से यह बिहार, उत्तर प्रदेश और नेपाल से जुड़ा है, जबकि निकटतम हवाई अड्डे पटना और गोरखपुर में हैं।

इतिहास की दृष्टि से, मुगल काल के बाद चंपारण क्षेत्र में बेतिया राज का उदय हुआ। शाहजहां के शासनकाल में उज्जैन सिंह और गज सिंह ने इसकी नींव रखी। मुगलों के कमजोर होने पर बेतिया राज महत्वपूर्ण बन गया और शानो-शौकत के लिए अच्छी ख्याति हासिल की। 1763 ईस्वी में, यहां के राजा धुरुम सिंह के समय बेतिया राज अंग्रेजों के अधीन काम करने लगा। इसके अंतिम राजा हरेंद्र किशोर सिंह को पुत्र न होने के कारण 1897 में इसका नियंत्रण न्यायिक संरक्षण में चला गया, जो अब तक कायम है। हरेंद्र किशोर सिंह की दूसरी रानी जानकी कुंवर के अनुरोध पर 1990 में बेतिया महल की मरम्मत कराई गई। बेतिया राज की शान का प्रतीक महल आज शहर के मध्य में इसके गौरव का प्रतीक बनकर खड़ा है।

Point of View

बल्कि ऐतिहासिक और सांस्कृतिक भी है। यह क्षेत्र अपने समृद्ध इतिहास और राजनीतिक गतिविधियों के कारण महत्वपूर्ण बन गया है। हमें इस सीट के विकास और राजनीतिक बदलावों पर नजर रखनी चाहिए।
NationPress
07/08/2025

Frequently Asked Questions

बेतिया विधानसभा क्षेत्र की जनसंख्या क्या है?
2024 के प्रोजेक्टेड आंकड़ों के अनुसार बेतिया की कुल जनसंख्या लगभग 4.92 लाख है।
इस सीट पर कितने मतदाता हैं?
1 जनवरी 2024 की स्थिति में इस क्षेत्र में कुल 2,90,244 मतदाता पंजीकृत हैं।
कौन सी पार्टी का बेतिया में प्रभाव है?
वर्तमान में इस सीट पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का प्रभाव है।
बेतिया का ऐतिहासिक महत्व क्या है?
बेतिया न केवल बेतिया राज की ऐतिहासिक रियासत का केंद्र है, बल्कि महात्मा गांधी के चंपारण सत्याग्रह जैसी घटनाओं का भी साक्षी है।
बेतिया के प्रमुख आकर्षण क्या हैं?
बेतिया में शिव-पार्वती मंदिर और सरैया की झील प्रमुख आकर्षण हैं।