क्या भाई दूज पर ठाकरे परिवार का मिलन हुआ?

सारांश
Key Takeaways
- भाई दूज पर ठाकरे परिवार का एकजुट होना एक महत्वपूर्ण घटना है।
- राज और उद्धव ठाकरे का एक साथ आना आगामी चुनावों के लिए रणनीतिक कदम हो सकता है।
- महाविकास अघाड़ी गठबंधन में दरारें बढ़ती नजर आ रही हैं।
मुंबई, 23 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। भाई दूज के इस विशेष अवसर पर ठाकरे परिवार का एकत्र होना हुआ है। राज ठाकरे, जो महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के प्रमुख हैं, और उद्धव ठाकरे, जो शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के नेता हैं, ने गुरुवार को अपनी बहन जयवंती ठाकरे देशपांडे के दादर स्थित निवास पर भाई दूज का पर्व मनाया।
इस पारिवारिक समारोह में राज ठाकरे अपने सम्पूर्ण परिवार के साथ आए, जबकि उद्धव ठाकरे अपनी पत्नी रश्मि ठाकरे के साथ उपस्थित रहे।
इस अवसर पर अमित ठाकरे, उर्वशी ठाकरे, आदित्य ठाकरे और तेजस ठाकरे भी मौजूद थे। ठाकरे परिवार का एकजुट होना एक सुखद और यादगार पल बन गया, जिसने पारिवारिक रिश्तों की गर्माहट को प्रदर्शित किया।
ऐसा माना जा रहा है कि आगामी बृहन्मुंबई नगर निगम चुनाव (बीएमसी) और स्थानीय निकाय चुनावों के संदर्भ में ठाकरे भाइयों का एक साथ आना महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे ने दीपावली के समय भी एक साथ आने का अवसर प्राप्त किया, जब महाराष्ट्र ने दोनों परिवारों के बीच प्रेम का बंधन देखा।
लगभग दो दशक बाद 5 जुलाई को मराठी भाषा के एक सम्मेलन में दोनों भाई पहली बार एक ही मंच पर उपस्थित हुए थे। राज ठाकरे उसी महीने उद्धव ठाकरे के जन्मदिन पर उनके आवास मातोश्री गए थे। इसके बाद उद्धव ठाकरे ने राज ठाकरे के शिवतीर्थ स्थित निवास पर जाकर अपने परिवार के साथ भगवान गणेश के दर्शन किए।
हालांकि, ठाकरे भाइयों के इस एकत्र होने से विपक्षी महाविकास अघाड़ी गठबंधन में दरार भी देखी गई है। हाल ही में कांग्रेस ने अपना रुख स्पष्ट किया। कांग्रेस नेता और पूर्व मुंबई अध्यक्ष भाई जगताप ने कहा कि उनकी पार्टी राज ठाकरे के साथ संधि नहीं करेगी और उद्धव ठाकरे के साथ चुनावी गठबंधन में भी नहीं लड़ेगी। उन्होंने यह भी घोषणा की कि कांग्रेस बीएमसी चुनाव अकेले लड़ेगी।
इस दौरान, उन्होंने बताया कि हाल में महाराष्ट्र प्रभारी रमेश चेन्निथला के साथ नवगठित समिति की बैठक में चर्चा हुई थी।