क्या बिहार चुनाव में सीट बंटवारे की नाराजगी से महागठबंधन प्रभावित होगा?

सारांश
Key Takeaways
- बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए ने सीट बंटवारे की प्रक्रिया पूरी की है।
- महागठबंधन में सीट बंटवारे की कोई घोषणा नहीं हुई है।
- भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने त्याग की भावना दिखाने की अपील की है।
- महागठबंधन में नाराजगी की स्थिति पैदा हो गई है।
- राजनीतिक अभियान का मुख्य उद्देश्य महागठबंधन की सरकार बनाना है।
पटना, 13 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार विधानसभा चुनाव के संदर्भ में एनडीए ने सीट बंटवारे की प्रक्रिया पूरी कर ली है, जबकि महागठबंधन में अब तक सीटों के बंटवारे की जानकारी सामने नहीं आई है। इस स्थिति में महागठबंधन के सहयोगी दलों में नाराजगी के संकेत स्पष्ट दिखने लगे हैं।
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के बिहार राज्य सचिव रामनरेश पांडेय ने कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव का नामांकन आरंभ हो चुका है, लेकिन महागठबंधन में सीटों का बंटवारा अभी तक नहीं हुआ है। इससे महागठबंधन के कार्यकर्ताओं में निराशा का माहौल बन गया है। उन्होंने मांग की है कि जल्द से जल्द सीटों का बंटवारा किया जाए और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी को सम्मानजनक सीटें प्रदान की जाएं।
पांडेय ने राजद और कांग्रेस से अपील की है कि वे बिहार की सत्ता से एनडीए को हटाने के लिए त्याग की भावना प्रदर्शित करें।
उन्होंने आगे कहा कि भाजपा-आरएसएस की गतिविधियों से गंभीर खतरा उत्पन्न हो रहा है। संविधान के मूलभूत सिद्धांतों, लोकतांत्रिक मूल्यों, धर्मनिरपेक्षता, संघवाद, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, और सामाजिक समानता को खतरे में डाला जा रहा है। धार्मिक सहिष्णुता को तबाह किया जा रहा है और सांप्रदायिक हिंसा को बढ़ावा दिया जा रहा है। इन सभी घटनाओं को देखते हुए भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी का मानना है कि भाजपा को सत्ता से हटाना, चाहे वह केंद्र हो या राज्य, वक्त की जरूरत है। एनडीए को सत्ता से हटाने के लिए एक व्यापक वामपंथी, जनवादी और धर्मनिरपेक्ष दलों की एकता अनिवार्य है।
उन्होंने कहा कि भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी लगातार ‘बदलो सरकार, बचाओ बिहार’ के नारे के साथ अपने राजनीतिक अभियान को आगे बढ़ा रही है। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य एनडीए की जगह महागठबंधन की सरकार का गठन करना है।
यह उल्लेखनीय है कि रविवार को एनडीए ने सीट बंटवारे की घोषणा कर दी है। इस बीच, महागठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर बैठकों का सिलसिला जारी है।