क्या भारत और अमेरिका के बीच 10 साल की डिफेंस डील हुई है?
 
                                सारांश
Key Takeaways
- भारत और अमेरिका के बीच 10 साल की डिफेंस डील पर हस्ताक्षर किए गए।
- राजनाथ सिंह की मलेशिया यात्रा एडीएमएम-प्लस बैठक के लिए थी।
- यह डील दोनों देशों के बीच सुरक्षा सहयोग को मजबूत करेगी।
- आसियान देशों के साथ सुरक्षा और सहयोग पर चर्चा की गई।
- भारत की सक्रिय भूमिका एडीएमएम-प्लस में महत्वपूर्ण है।
कुआलालंपुर, 31 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। मलेशिया में 12वें आसियान रक्षा मंत्रियों की बैठक-प्लस (एडीएमएम-प्लस) का आयोजन हो रहा है। इस अवसर पर भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मलेशिया में उपस्थित हैं। राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को कुआलालंपुर में अमेरिकी युद्ध सचिव पीटर हेगसेथ के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की।
आसियान रक्षा मंत्रियों की बैठक एक बहुपरकारी सुरक्षा चर्चा का मंच है। इस संदर्भ में रक्षा मंत्री सिंह और हेगसेथ के मध्य यह बैठक बहुपक्षीय सुरक्षा मंच में शामिल रक्षा नेताओं की चर्चा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
भारतीय रक्षा मंत्री ने मुलाकात की तस्वीरें साझा करते हुए एक्स पर लिखा, "कुआलालंपुर में पीटर हेगसेथ के साथ एक उपयोगी बैठक हुई। हमने 10 साल के 'अमेरिका-भारत प्रमुख रक्षा साझेदारी की रूपरेखा' पर हस्ताक्षर किए। यह हमारी पहले से मजबूत रक्षा साझेदारी में नए युग की शुरुआत करेगा। यह रक्षा रूपरेखा भारत-अमेरिका रक्षा संबंधों को नीतिगत दिशा प्रदान करेगी।"
उन्होंने आगे यह भी कहा कि रक्षा हमारे द्विपक्षीय संबंधों का एक महत्वपूर्ण स्तंभ बना रहेगा। एक स्वतंत्र, खुले और नियम आधारित हिंद-प्रशांत क्षेत्र को सुनिश्चित करने के लिए हमारी साझेदारी महत्वपूर्ण है।
इससे पहले, हेगसेथ ने अपने मलेशियाई और चीनी समकक्षों के साथ अलग-अलग बैठकें कीं। चीनी रक्षा मंत्री एडमिरल डोंग जून के साथ अपनी बातचीत की जानकारी साझा करते हुए उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "आज, मैंने आसियान रक्षा मंत्रियों की बैठक के दौरान चीन के राष्ट्रीय रक्षा मंत्री एडमिरल डोंग जून से मुलाकात की। यह एक अच्छी और रचनात्मक बैठक थी। मैंने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शक्ति संतुलन बनाए रखने के महत्व पर जोर दिया।"
उन्होंने आगे कहा, "संयुक्त राज्य अमेरिका संघर्ष नहीं चाहता। वह अपने हितों की दृढ़ता से रक्षा करेगा और यह सुनिश्चित करेगा कि क्षेत्र में उसके पास ऐसा करने की क्षमता हो। आज की बैठक 9 सितंबर को एडमिरल डोंग के साथ हमारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के बाद हुई। हम आपसी महत्व के मामलों पर पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के साथ चर्चा जारी रखेंगे।"
बता दें कि गुरुवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह एडीएमएम-प्लस में भाग लेने के लिए दो दिवसीय यात्रा पर मलेशिया पहुंचे। भारत के उच्चायुक्त बीएन रेड्डी ने सुबांग एयरबेस पर उनका स्वागत किया।
कुआलालंपुर में आयोजित हो रहे 12वें एडीएमएम-प्लस में आसियान सदस्य देशों और भारत, अमेरिका, चीन, रूस, जापान, दक्षिण कोरिया, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड जैसे आठ संवाद भागीदारों के बीच चर्चा होगी।
राजनाथ सिंह द्वारा 'एडीएमएम-प्लस के 15 वर्षों पर चिंतन और आगे का रास्ता तैयार करना' विषय पर मंच को संबोधित करने की उम्मीद है। अपनी यात्रा के दौरान राजनाथ सिंह सम्मेलन में भाग लेने वाले देशों के रक्षा मंत्रियों और वरिष्ठ नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठकें भी करेंगे।
भारत 1992 से आसियान का एक संवाद साझेदार है। एडीएमएम-प्लस की स्थापना 2010 में की गई थी और तब से ही इसमें भारत की सक्रिय भूमिका रही है। वर्तमान (2024-2027) में, भारत और मलेशिया आतंकवाद-निरोध पर विशेषज्ञ कार्य समूह के सह-अध्यक्ष हैं। अगला आसियान-भारत समुद्री अभ्यास 2026 में आयोजित किया जाएगा।
 
                     
                                             
                                             
                                             
                                             
                             
                             
                             
                            