क्या भारत और पाकिस्तान के बीच कैदियों की सूची का आदान-प्रदान होगा?

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क्या भारत और पाकिस्तान के बीच कैदियों की सूची का आदान-प्रदान होगा?

सारांश

भारत और पाकिस्तान ने नागरिक कैदियों और मछुआरों के आदान-प्रदान की प्रक्रिया शुरू की है। यह कदम द्विपक्षीय समझौतों के तहत उठाया गया है, जिससे दोनों देशों के बीच मानवीय संबंधों में सुधार की उम्मीद है। जानिए इस प्रक्रिया के पीछे का उद्देश्य और इसका महत्व क्या है।

Key Takeaways

  • भारत और पाकिस्तान के बीच कैदियों की सूची का आदान-प्रदान हुआ।
  • हर साल 1 जनवरी और 1 जुलाई को यह प्रक्रिया होती है।
  • भारत ने 382 कैदियों और 81 मछुआरों के नाम साझा किए।
  • पाकिस्तान ने 53 कैदियों और 193 मछुआरों के नाम साझा किए।
  • रिहाई की प्रक्रिया को तेज करने के लिए भारत ने कदम उठाए।

नई दिल्ली, 1 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। भारत और पाकिस्तान ने मंगलवार को राजनयिक चैनलों के जरिए एक-दूसरे की हिरासत में बंद नागरिक कैदियों और मछुआरों की सूचियों का आदान-प्रदान किया है।

साल 2008 में कांसुलर एक्सेस पर द्विपक्षीय समझौते के अनुसार, यह आदान-प्रदान हर साल 1 जनवरी और 1 जुलाई को किया जाता है।

विदेश मंत्रालय की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, भारत ने अपनी हिरासत में बंद 382 कैदियों और 81 मछुआरों के नाम साझा किए हैं, जिन्हें पाकिस्तान द्वारा भारतीय माना जाता है। इसी प्रकार, पाकिस्तान ने अपनी हिरासत में बंद 53 कैदियों और 193 मछुआरों के नाम साझा किए हैं, जिन्हें भारत के अनुसार पाकिस्तानी माना जाता है।

भारत सरकार ने पाकिस्तान की हिरासत से नागरिक कैदियों, मछुआरों और उनकी नावों के साथ-साथ लापता भारतीय रक्षा कर्मियों की शीघ्र रिहाई और घर वापसी का वादा किया है। उन भारतीय मछुआरों और कैदियों को, जिन्होंने अपनी सजा पूरी कर ली है, उनकी रिहाई और स्वदेश लौटने में तेजी लाने के लिए कहा गया है।

इसके अलावा, पाकिस्तान ने हिरासत में बंद 26 कैदियों और मछुआरों को तत्काल कांसुलर एक्सेस देने की बात कही है। इनके बारे में माना जाता है कि वे भारतीय हैं और इन्हें अब तक कांसुलर एक्सेस नहीं दिया गया है। भारत ने पाकिस्तान से अनुरोध किया है कि वह सभी भारतीय नागरिक कैदियों और मछुआरों की सुरक्षा सुनिश्चित करे, जब तक कि उनकी रिहाई नहीं हो जाती।

विदेश मंत्रालय के अनुसार, भारत एक-दूसरे के देश में कैदियों और मछुआरों से संबंधित मामलों सहित सभी मानवीय मामलों को प्राथमिकता के आधार पर संबोधित करने के लिए प्रतिबद्ध है।

आपको बता दें कि सरकार के निरंतर प्रयासों के चलते, साल 2014 से अब तक 2,661 भारतीय मछुआरों और 71 भारतीय नागरिक कैदियों को पाकिस्तान से वापस लाया गया है। इसमें 2023 से अब तक पाकिस्तान से लौटे 500 भारतीय मछुआरे और 13 भारतीय नागरिक कैदी शामिल हैं।

Point of View

यह स्पष्ट है कि भारत और पाकिस्तान के बीच मानवीय मुद्दों का समाधान करना बहुत महत्वपूर्ण है। कैदियों की रिहाई और मछुआरों की सुरक्षा दोनों देशों के बीच संबंधों को सुधारने में सहायक हो सकती है।
NationPress
04/08/2025

Frequently Asked Questions

भारत और पाकिस्तान के बीच कैदियों की सूची का आदान-प्रदान कब होता है?
यह आदान-प्रदान हर साल 1 जनवरी और 1 जुलाई को किया जाता है।
भारत ने कितने कैदियों और मछुआरों के नाम साझा किए हैं?
भारत ने 382 कैदियों और 81 मछुआरों के नाम साझा किए हैं।
पाकिस्तान ने कितने भारतीय कैदियों के नाम साझा किए हैं?
पाकिस्तान ने 53 कैदियों और 193 मछुआरों के नाम साझा किए हैं।
भारत सरकार ने हिरासत में बंद कैदियों की रिहाई के लिए क्या किया है?
भारत सरकार ने नागरिक कैदियों और मछुआरों की शीघ्र रिहाई और घर वापसी का वादा किया है।
भारत ने पाकिस्तान से क्या अनुरोध किया है?
भारत ने पाकिस्तान से सभी भारतीय नागरिक कैदियों और मछुआरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का अनुरोध किया है।