क्या बहरीन के विदेश मंत्री एस. जयशंकर के साथ 5वीं संयुक्त आयोग वार्ता में भाग लेंगे?
सारांश
Key Takeaways
- भारत और बहरीन के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने का प्रयास।
- उच्च संयुक्त आयोग की बैठक में विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग पर चर्चा।
- पेट्रोलियम उत्पाद, मशीनरी और इलेक्ट्रॉनिक्स में व्यापार की वृद्धि।
- भारतीय समुदाय का बहरीन की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान।
- नवीनतम तकनीकों और नवीकरणीय ऊर्जा में सहयोग की संभावनाएं।
नई दिल्ली, 2 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। बहरीन के विदेश मंत्री अब्दुल लतीफ बिन राशिद अलजयानी, भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर के साथ भारत-बहरीन उच्च संयुक्त आयोग की पांचवीं बैठक की सह-अध्यक्षता करने के लिए भारत आए हैं।
इस बैठक का मुख्य उद्देश्य दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करना है। यह यात्रा भारत और बहरीन के बीच विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग की समीक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने रविवार को एक्स पर एक पोस्ट करते हुए लिखा कि बहरीन साम्राज्य के विदेश मंत्री अब्दुल लतीफ बिन राशिद अलजयानी का गर्मजोशी से स्वागत है। वह विदेश मंत्री एस. जयशंकर के साथ पांचवीं भारत-बहरीन उच्च संयुक्त आयोग बैठक की सह-अध्यक्षता करेंगे। यह यात्रा दोनों देशों के संबंधों में सकारात्मक गति को बढ़ावा देने का एक महत्वपूर्ण अवसर है।
उच्च संयुक्त आयोग भारत और बहरीन के बीच बहुआयामी साझेदारी को मजबूत करने और उसकी समीक्षा करने के लिए एक महत्वपूर्ण संस्थागत तंत्र के रूप में कार्य करता है।
बैठक के इस नवीनतम संस्करण में सहयोग के मौजूदा क्षेत्रों में प्रगति का आकलन करने के साथ-साथ व्यापार, निवेश, वित्तीय प्रौद्योगिकी, ऊर्जा, स्वास्थ्य, शिक्षा और लोगों के बीच आदान-प्रदान के नए रास्तों की खोज की उम्मीद है।
भारत और बहरीन के बीच ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और आर्थिक रिश्तों पर आधारित दीर्घकालिक संबंध हैं, जो 1971 से चल रहे हैं।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, बहरीन में एक बड़ा भारतीय समुदाय निवास करता है और यह राज्य की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान देता है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, द्विपक्षीय व्यापार में पेट्रोलियम उत्पाद, मशीनरी, इलेक्ट्रॉनिक्स और खाद्य पदार्थ जैसे क्षेत्र शामिल हैं।
हाल के वर्षों में द्विपक्षीय व्यापार और निवेश सहयोग के महत्वपूर्ण स्तंभ बनकर उभरे हैं।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, भारत और बहरीन के बीच व्यापार में निरंतर वृद्धि हो रही है, जिसमें पेट्रोलियम उत्पाद, मशीनरी, इलेक्ट्रॉनिक्स, लोहा और इस्पात तथा खाद्य पदार्थ जैसे क्षेत्रों का समावेश है।
दोनों पक्ष नवीकरणीय ऊर्जा, डिजिटल प्रौद्योगिकियों और स्टार्ट-अप जैसे क्षेत्रों में भी अधिक सहयोग की संभावनाएं तलाश रहे हैं।
दोनों देशों के बीच उच्च-स्तरीय यात्राओं ने संबंधों को और मजबूत किया है।