क्या भारत के शिपबिल्डिंग और मैरीटाइम इकोसिस्टम को पुनर्जीवित करने के लिए सरकार का 8 बिलियन डॉलर का पैकेज महत्वाकांक्षा का संकेत है? : पीएम मोदी

सारांश
Key Takeaways
- भारत के शिपबिल्डिंग क्षेत्र को पुनर्जीवित करने के लिए 8 बिलियन डॉलर का पैकेज महत्वपूर्ण है।
- ग्रीन शिपिंग की दिशा में भारत वैश्विक नेतृत्व की ओर अग्रसर है।
- जलवायु परिवर्तन के मुद्दों पर ध्यान देने की आवश्यकता है।
- मोदी सरकार नवीकरणीय ऊर्जा के लिए ठोस आधार बना रही है।
- बड़े पैमाने पर निवेश से भारत की भूमिका को मजबूत किया जाएगा।
नई दिल्ली, 23 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री (एमओपीएसडब्ल्यू) सर्बानंद सोनोवाल द्वारा लिखित एक लेख साझा किया, जिसमें बताया गया है कि 'मेक इन इंडिया' योजना के तहत पूर्व-पश्चिम व्यापार मार्ग पर बंदरगाहों के आधुनिकीकरण से देश को महत्वपूर्ण लाभ मिल रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर केंद्रीय मंत्री सोनोवाल के पोस्ट को शेयर करते हुए लिखा, "केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल का यह लेख पढ़ना आवश्यक है, जिसमें वे समझाते हैं कि कैसे 'मेक इन इंडिया' के अंतर्गत मजबूत उद्योग आधार के साथ व्यापार मार्गों के आधुनिकीकरण, मशीनीकरण और डिजिटलीकरण ने देश को लाभान्वित किया है।"
उन्होंने इस लेख की जानकारी देते हुए कहा कि इसमें केंद्रीय मंत्री सोनोवाल ने बताया है कि भारत के शिपबिल्डिंग और मैरीटाइम इकोसिस्टम को पुनर्जीवित करने के लिए सरकार द्वारा पेश किया गया 8 बिलियन डॉलर का पैकेज कोई साधारण बजट नहीं, बल्कि महत्वाकांक्षा का संकेत है।
केंद्रीय मंत्री सोनोवाल ने अपने लेख में बताया कि भारत कैसे ग्रीन शिपिंग की दिशा में वैश्विक परिवर्तन का नेतृत्व कर सकता है।
उन्होंने अपने लेख में उल्लेख किया कि शिपिंग उद्योग, जो कभी ऊर्जा परिवर्तन में पीछे रहा, अब बदलाव के चरण में है। जलवायु परिवर्तन के कारण उत्सर्जन मानकों को सख्त करने की आवश्यकता बढ़ रही है। इसके साथ ही, निवेशक जीरो-कार्बन जहाजों और ईंधनों की ओर पूंजी पुनर्निर्देशित कर रहे हैं।
सोनोवाल ने बताया कि मोदी सरकार ने नवीकरणीय ऊर्जा के लिए एक ठोस आधार तैयार किया है, जिससे भारत विश्व में सबसे कम नवीकरणीय ऊर्जा लागत वाले देशों में से एक बन गया है।
केंद्रीय मंत्री सोनोवाल के अनुसार, हाल ही में स्वीकृत 69,725 करोड़ रुपए (8 बिलियन डॉलर) का पैकेज कोई साधारण बजट नहीं है, बल्कि यह महत्वाकांक्षा का प्रतीक है। मोदी सरकार ने बड़े पैमाने पर निवेश करके यह संदेश दिया है कि भारत कम कार्बन उत्सर्जन वाले शिपिंग के लिए वैश्विक बदलाव में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।