क्या भारत समावेशिता को बढ़ावा देने के लिए इंटरनेशनल फाइनेंशियल आर्किटेक्चर में सुधारों का समर्थन कर रहा है?

सारांश
Key Takeaways
- भारत का समावेशिता के लिए समर्थन महत्वपूर्ण है।
- एमडीबी सुधार दीर्घकालिक विकास लक्ष्यों से जुड़े हैं।
- भारत ने 25 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला है।
- विनियमन नवाचार को बढ़ावा देता है।
- ईआईबी के साथ साझेदारी विकास के लिए आवश्यक है।
सेविले (स्पेन), 2 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने स्पष्ट किया कि भारत समावेशिता और समानता को बढ़ावा देने के लिए मल्टीलेटेरल डेवलपमेंट बैंक (एमडीबी) सुधारों और निष्पक्ष क्रेडिट रेटिंग सिस्टम समेत इंटरनेशनल फाइनेंशियल आर्किटेक्चर में सुधारों का समर्थन करता है।
अंतरराष्ट्रीय वित्तीय विकास पर संयुक्त राष्ट्र द्वारा आयोजित चौथी कॉन्फ्रेंस में तीसरी बैठक के दौरान, वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि एमडीबी की ऋण देने की प्रक्रिया को दीर्घकालिक विकास लक्ष्यों से जोड़ने की आवश्यकता है। इसके साथ ही, एक मजबूत निगरानी फ्रेमवर्क की स्थापना करनी चाहिए ताकि फंड का सही उपयोग हो सके।
उन्होंने कहा, "हम टैक्स सिस्टम को आधुनिक बनाने और अवैध वित्तीय प्रवाह को रोकने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग को समर्थन देते हैं। भारत के व्यापक कर सुधारों और कर प्रशासन में डिजिटल परिवर्तन ने राजस्व में वृद्धि की है और अनुपालन लागत को कम किया है।"
वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि हमारा मानना है कि विनियमन नवाचार और स्थिरता को बढ़ावा देने में सहायक होता है।
उन्होंने बताया, "भारतीय वित्तीय प्रणाली, विशेषकर एमएसएमई के लिए, आसान ऋण और कम अनुपालन लागत के माध्यम से समावेशिता को बढ़ावा देती है। हमने इंफ्रास्ट्रक्चर में स्टार्ट-अप्स और पीपीपी के लिए एक गतिशील इकोसिस्टम विकसित किया है।"
सीतारमण ने जोर दिया कि "लक्षित नीतिगत हस्तक्षेपों के माध्यम से हम 25 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकालने में सफल हुए हैं और समावेशी डिजिटल सार्वजनिक इंफ्रास्ट्रक्चर के माध्यम से समुदायों को सशक्त किया है।"
वित्त मंत्री ने कहा कि हम साउथ-साउथ और त्रिकोणीय सहयोग के लिए प्रतिबद्ध हैं।
उन्होंने एफएफडी4 बैठकों के दौरान यूरोपियन इन्वेस्टमेंट बैंक (ईआईबी) की अध्यक्ष नादिया कैल्विनो से मुलाकात की।
बैठक में कई मुद्दों पर चर्चा की गई, जिसमें भारत में ईआईबी के विस्तारित पोर्टफोलियो - सात मेट्रो परियोजनाएं और एक शहरी रेल परियोजना, जल और स्वच्छता जैसे अन्य क्षेत्रों में विविधता लाने जैसे मुद्दे शामिल थे।
डिजिटलीकरण में भारत की ताकत और आर्थिक विकास तथा समावेशिता को बढ़ावा देने में इसकी भूमिका को पहचानते हुए, वित्त मंत्री सीतारमण और कैल्विनो ने इस क्षेत्र और अन्य क्षेत्रों में तीसरे देशों में साझेदारी की संभावनाओं पर चर्चा की।
कैल्विनो ने ईआईबी और भारत के बीच साझेदारी को मजबूत करने की आशा व्यक्त की।