क्या भारत के विदेश सचिव ने नेपाल के पीएम से द्विपक्षीय सहयोग पर चर्चा की?

सारांश
Key Takeaways
- भारत के विदेश सचिव की नेपाल यात्रा द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने का अवसर है।
- दोनों देशों के बीच संपर्क बढ़ाने पर जोर दिया गया।
- भारत की ‘पड़ोसी पहले’ नीति का महत्व फिर से रेखांकित किया गया।
- नेताओं ने विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ाने के उपायों पर चर्चा की।
- यह यात्रा उच्च स्तरीय आदान-प्रदान की परंपरा को आगे बढ़ाती है।
काठमांडू, 17 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने रविवार को नेपाल के प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली से मुलाकात की और विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को और मजबूत करने के उपायों पर चर्चा की।
भारतीय दूतावास ने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा, "विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने नेपाल के प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली से शिष्टाचार भेंट की। उन्होंने भारत-नेपाल के गहरे सभ्यतागत संबंधों और मजबूत साझेदारी को पुनः रेखांकित किया तथा विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग को और प्रगाढ़ बनाने के तरीकों पर चर्चा की।"
मिस्री ने नेपाल के राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल से भी मुलाकात की और भारतीय नेतृत्व की ओर से शुभकामनाएं प्रेषित कीं। इस दौरान उन्होंने राष्ट्रपति को द्विपक्षीय संबंधों में हुई प्रगति से अवगत कराया।
भारतीय दूतावास ने बताया, "विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने नेपाल के राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल से भेंट की और भारतीय नेतृत्व की शुभकामनाएं प्रेषित करने के साथ-साथ द्विपक्षीय संबंधों में हुई प्रगति की जानकारी दी।"
इसके अलावा, मिस्री ने नेपाल की विदेश मंत्री डॉ. अर्जू राणा देउबा से भी मुलाकात की। बैठक में दोनों पक्षों ने आपसी हितों के मुद्दों पर विचार-विमर्श किया और सभी क्षेत्रों में भारत-नेपाल की बहुआयामी साझेदारी को और मजबूत करने के उपायों पर चर्चा की।
रविवार सुबह मिस्री काठमांडू पहुंचे। वे अपने नेपाली समकक्ष अमृत बहादुर राय के निमंत्रण पर दो दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर नेपाल आए हैं।
भारतीय दूतावास ने उनके आगमन की जानकारी देते हुए कहा, "भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री आधिकारिक यात्रा पर काठमांडू पहुंचे। यह भारत-नेपाल के बीच नियमित उच्च स्तरीय आदान-प्रदान की परंपरा को दर्शाता है और भारत की ‘पड़ोसी पहले’ नीति के प्रति प्रतिबद्धता को पुनः रेखांकित करता है।"
भारत के विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को जारी बयान में कहा था, "भारत और नेपाल के बीच मजबूत और मैत्रीपूर्ण संबंध हैं, जिनमें हाल के वर्षों में विभिन्न क्षेत्रों में ठोस प्रगति हुई है। भारत अपनी ‘पड़ोसी पहले’ नीति के तहत नेपाल के साथ संबंधों को अत्यधिक महत्व देता है। विदेश सचिव की यह यात्रा उच्च स्तरीय आदान-प्रदान की परंपरा को आगे बढ़ाती है और द्विपक्षीय संबंधों को और प्रगाढ़ बनाने का अवसर होगी।"
नेपाल के विदेश मंत्रालय के अनुसार, इस दौरान दोनों विदेश सचिव भारत-नेपाल साझेदारी के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा करेंगे, जिसमें संपर्क बढ़ाने, विकास सहयोग और आपसी हित के अन्य मुद्दे शामिल होंगे। विक्रम मिस्री की काठमांडू में अन्य उच्च स्तरीय नेताओं से भी मुलाकात का कार्यक्रम तय है।