क्या भारत 153 देशों को खिलौने निर्यात कर रहा है? सरकार एक और प्रोत्साहन योजना लाने की तैयारी में है: पीयूष गोयल

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क्या भारत 153 देशों को खिलौने निर्यात कर रहा है? सरकार एक और प्रोत्साहन योजना लाने की तैयारी में है: पीयूष गोयल

सारांश

क्या आपने सुना? भारत का खिलौना उद्योग अब 153 देशों को निर्यात कर रहा है। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने इस उद्योग में आए बदलावों और संभावित प्रोत्साहनों के बारे में जानकारी दी। जानिए क्या नई योजनाएं लाने की तैयारी है और कैसे यह उद्योग वैश्विक मानकों का पालन कर रहा है।

Key Takeaways

  • भारत का खिलौना उद्योग अब 153 देशों को खिलौने निर्यात कर रहा है।
  • केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने गुणवत्ता मानकों के महत्व पर जोर दिया है।
  • सरकार नई प्रोत्साहन योजना लाने की योजना बना रही है।
  • भारत की जनसंख्या एक बड़ा बाजार प्रदान करती है।
  • उद्योग को ब्रांडिंग और पैकेजिंग पर ध्यान देने की आवश्यकता है।

नई दिल्ली, 5 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि भारत का खिलौना उद्योग, जो पहले विदेशी आयात पर निर्भर था, अब घरेलू मैन्युफैक्चरिंग कर रहा है और 153 देशों को निर्यात कर रहा है।

16वें 'टॉय बिज इंटरनेशनल बी2बी एक्सपो 2025' को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री गोयल ने कहा कि यह परिवर्तन लगातार नीतिगत समर्थन, गुणवत्ता मानकों के प्रवर्तन और लोकल मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर को मजबूत करने के कारण संभव हुआ है।

उन्होंने बताया कि गुणवत्ता नियंत्रण आदेश (क्यूसीओ) के कार्यान्वयन ने भारत को गुणवत्ता के प्रति जागरूक देश बनाने में मदद की है और घरेलू खिलौना निर्माताओं को वैश्विक मानदंडों के अनुरूप आने में सक्षम बनाया है।

केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि भारत की 1.4 बिलियन की आबादी एक विशाल कैप्टिव बाजार प्रदान करती है, जो मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ाने के लिए एक स्वाभाविक लाभ उत्पन्न करती है। इस पैमाने के साथ, उद्योग लागत दक्षता प्राप्त कर सकता है और वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बन सकता है।

उन्होंने बताया कि यह बड़ा घरेलू बाजार न केवल विस्तार का समर्थन करता है बल्कि अंतरराष्ट्रीय विकास के लिए एक मजबूत आधार भी प्रदान करता है।

उन्होंने यह भी कहा कि सरकार खिलौना क्षेत्र के लिए एक नई प्रोत्साहन योजना लाने की योजना बना रही है। इस योजना का उद्देश्य भारतीय खिलौना निर्माताओं की डिजाइन क्षमताओं को बढ़ाकर, गुणवत्तापूर्ण मैन्युफैक्चरिंग सुनिश्चित करके, पैकेजिंग को मजबूत करके और ब्रांड निर्माण को समर्थन देकर उन्हें विश्व स्तरीय बनाने में मदद करना है।

केंद्रीय मंत्री गोयल ने वैश्विक बाजार में आगे आने के लिए उद्योग को अच्छी ब्रांडिंग, आकर्षक पैकेजिंग और मजबूत उत्पाद डिजाइन पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता पर जोर दिया।

उन्होंने कहा कि अगर इन तीन पहलुओं को प्राथमिकता दी जाती है तो भारतीय खिलौने अंतरराष्ट्रीय बाजारों में मजबूत अपील हासिल कर सकते हैं।

गोयल ने याद दिलाया कि जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'वोकल फॉर लोकल' पहल की शुरुआत की थी तो कई लोगों ने इसे संदेह से देखा था, क्योंकि विदेशी उत्पाद उपभोक्ता की पसंद पर हावी थे। हालांकि, 'आत्मनिर्भर भारत' के विजन के तहत, घरेलू उद्योगों के लिए जागरूकता और समर्थन लगातार बढ़ा है।

केंद्रीय मंत्री गोयल ने कहा कि खिलौनों की इनोवेटिव अवधारणाएं विकसित करने वाले स्टार्टअप्स को प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के माध्यम से महत्वपूर्ण समर्थन मिला है, जिसे अब 20 वर्ष तक बढ़ा दिया गया है।

इससे छोटे व्यवसायों के लिए कोलेटेरल-फ्री लोन तक पहुंच सुनिश्चित हुई है। इसके साथ ही घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए एमएसएमई मंत्रालय द्वारा देशभर में 18 खिलौना क्लस्टरों को समर्थन दिया गया है।

Point of View

NationPress
03/09/2025

Frequently Asked Questions

भारत का खिलौना उद्योग कितने देशों को निर्यात करता है?
भारत का खिलौना उद्योग वर्तमान में 153 देशों को खिलौने निर्यात कर रहा है।
सरकार द्वारा कौन सी नई योजना लाई जा रही है?
सरकार खिलौना क्षेत्र के लिए एक नई प्रोत्साहन योजना पर काम कर रही है, जिसका उद्देश्य भारतीय निर्माताओं को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाना है।
भारत की जनसंख्या का खिलौना उद्योग पर क्या प्रभाव है?
भारत की 1.4 बिलियन की जनसंख्या एक बड़ा कैप्टिव बाजार प्रदान करती है, जो मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देती है।