क्या भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था बनेगा और क्या आने वाले समय में बेहतर प्रदर्शन करेगा? : वित्त मंत्री सीतारमण

सारांश
Key Takeaways
- भारत की आर्थव्यवस्था दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती है।
- अच्छे मानसून का सकारात्मक प्रभाव।
- एमएसएमई को मिलेगी सहायता।
- वित्त मंत्री का दृष्टिकोण सकारात्मक है।
- रक्षा क्षेत्र में वृद्धि हो रही है।
नई दिल्ली, 30 जून (राष्ट्र प्रेस)। भारत की आर्थव्यवस्था विश्व की सबसे तेजी से विकसित होती हुई इकोनॉमी है और निकट भविष्य में अच्छे मानसून और कृषि के कारण और भी बेहतर प्रदर्शन करने की संभावना है। यह बात वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को कही।
आरबीआई के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, कृषि, निर्माण और सेवा क्षेत्रों की मजबूती के चलते 2024-25 की चौथी तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 7.4 प्रतिशत हो गई, जिससे पूरे वित्तीय वर्ष के लिए विकास दर 6.5 प्रतिशत तक पहुंच गई।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर अपने मीडिया इंटरव्यू में वित्त मंत्री ने कहा कि यह विकास दर बनी रहेगी और अच्छे मानसून के चलते आर्थव्यवस्था का प्रदर्शन सुधरेगा।
उन्होंने आगे कहा कि हमारे बाजारों की गहराई स्पष्ट रूप से दिखाई दे रही है, जिससे खुदरा विक्रेताओं और आम नागरिकों को लाभ मिल रहा है।
वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा, "हमारी प्रणालियां पारदर्शी और डिजिटल हैं, और लोग घर बैठे ही इनका उपयोग कर सकते हैं। लोग दूसरों पर निर्भर रहने के बजाय खुद ही काम कर सकते हैं। यह एक बहुत अच्छी गतिशील आर्थव्यवस्था का संकेत है।"
उन्होंने आगे कहा कि हमारी नीति स्पष्ट है कि श्रम-प्रधान इकाइयों को सहायता प्रदान की जाएगी।
वित्त मंत्री ने कहा, "हमने स्पष्ट किया है कि हस्तशिल्प और हस्तनिर्मित सामान को सहायता मिलेगी। हम श्रम और पूंजी/तकनीक के बीच भेद नहीं करेंगे। चाहे वह रोजगार-प्रधान विनिर्माण हो या स्वचालित, उसे नीति समर्थन मिलेगा।"
उन्होंने बताया कि पिछले 11 वर्षों में सभी बजट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने "यह सुनिश्चित किया है कि हम ठोस नीतियां बनाएं जो लोगों, विशेषकर एमएसएमई की मदद करें।"
इसी तरह वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि 2014 से रक्षा क्षेत्र की मांगों पर ध्यान केंद्रित किया गया है, चाहे वह बुलेटप्रूफ जैकेट हो या ऊंचाई पर सामान पहुंचाना। इसके चलते रक्षा उत्पादन और निर्यात में भी उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है।