क्या भारत में किसी भी गैर विवादित भूमि पर धार्मिक स्थल बनाने का हक है?
सारांश
Key Takeaways
- भारत में गैर विवादित भूमि पर धार्मिक स्थल का निर्माण संविधानिक अधिकार है।
- संवाद के माध्यम से विवादों का समाधान संभव है।
- कांग्रेस की एकता को लेकर भाजपा ने झूठ फैलाया है।
- कर्नाटक में कांग्रेस सरकार जनता के हित के लिए काम कर रही है।
- उत्तर प्रदेश में दलित उत्पीड़न और किसानों की समस्याओं पर ध्यान दिया जाना आवश्यक है।
लखनऊ, २ दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। कांग्रेस के प्रवक्ता सुरेंद्र राजपूत ने पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस के विधायक हुमायूं कबीर के बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि भारत में हर किसी को किसी भी गैर विवादित स्थल पर धार्मिक स्थल बनाने का अधिकार है। चाहे वह मंदिर हो या मस्जिद। इस पर किसी को भी आपत्ति नहीं होनी चाहिए। यह हमारा संविधान हमें देता है।
उन्होंने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि यदि किसी मुद्दे पर दोनों पक्षों के बीच विवाद उत्पन्न हो रहा है, तो हम संवाद के माध्यम से समाधान निकाल सकते हैं। भारत का संविधान किसी भी मुद्दे का सम्मानजनक समाधान खोजने के लिए संवाद का मार्ग प्रशस्त करता है।
कांग्रेस नेता ने यह भी दावा किया कि पश्चिम बंगाल के आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा ने जीत हासिल करने के लिए यह तांडव मचाया है, जिसे किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकता।
उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत के बयान पर भी आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि संघ प्रमुख को समझना चाहिए कि मौजूदा सरकार सबसे कमजोर है और यह निर्णय लेने में असमर्थ है।
सुरेंद्र राजपूत ने कहा कि यह सरकार अब तक की सबसे कमजोर सरकार है, लेकिन अफसोस है कि भागवत इसे सबसे ताकतवर बताने की कोशिश कर रहे हैं।
उन्होंने कांग्रेस में फूट की आशंका को खारिज करते हुए कहा कि भाजपा इस संबंध में झूठ फैलाने का प्रयास कर रही है। कर्नाटक के बारे में उन्होंने कहा कि वहां की जनता समझदार है और कांग्रेस सरकार उनके हित के लिए काम कर रही है।
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र में वे जनता के हित से जुड़े मुद्दों को उठाएंगे। राज्य में दलित उत्पीड़न और किसानों की समस्याओं पर ध्यान देने की आवश्यकता है, लेकिन मौजूदा सरकार इस दिशा में ध्यान नहीं दे रही है।