क्या भारत और मिस्र के बढ़ते संबंधों से ईवी, रिन्यूएबल एनर्जी और फिनटेक में सहयोग बढ़ेगा?

सारांश
Key Takeaways
- भारत और मिस्र के बीच सहयोग बढ़ रहा है।
- इलेक्ट्रिक वाहनों और फिनटेक में अपार संभावनाएं हैं।
- मिस्र में भारतीय कंपनियों के लिए निवेश के अवसर उपलब्ध हैं।
- डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर पर भी चर्चा की गई है।
- दोनों देशों के बीच साझेदारी से वैश्विक स्तर पर मजबूत स्थिति मिलेगी।
नई दिल्ली, 18 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। एक नई रिपोर्ट के मुताबिक, भारत और मिस्र के बीच की रणनीतिक वार्ता इलेक्ट्रिक वाहनों, खाद्य सुरक्षा, रक्षा, तकनीक और स्टार्टअप्स में सहयोग की विशाल संभावनाओं के साथ द्विपक्षीय साझेदारी को मजबूत करेगी।
जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी के वेस्ट एशियन स्टडीज के एसोसिएट प्रोफेसर मुदस्सिर कमर के हवाले से अरब न्यूज ने जानकारी दी है कि दोनों देशों के बीच स्टार्टअप्स, रिन्यूएबल एनर्जी, एआई, फिनटेक, इलेक्ट्रिक वाहन, खाद्य सुरक्षा जैसे उभरते क्षेत्रों में सहयोग की अपार संभावनाएं हैं।
रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि निवेश, ऊर्जा और रक्षा संबंधी सहयोग सबसे महत्वपूर्ण क्षेत्र हैं।
मिस्र, विशेषकर स्वेज नहर आर्थिक क्षेत्र के माध्यम से स्थानीय बाजार की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए भारतीय कंपनियों द्वारा निवेश के लिए इच्छुक है, जो विभिन्न निवेश प्रोत्साहन और कर छूट प्रदान करता है।
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने गुरुवार को दोनों देशों के बीच अपनी पहली रणनीतिक वार्ता के बाद कहा कि भारत और मिस्र स्टार्टअप्स, फिनटेक, साइबर और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में सहयोग बढ़ाने की दिशा में कदम उठा रहे हैं।
मिस्र के विदेश मंत्री डॉ. बद्र अब्देलाती नई दिल्ली में दो दिवसीय यात्रा पर आए, जहां उन्होंने विदेश मंत्री एस. जयशंकर के साथ भारत-मिस्र रणनीतिक वार्ता की सह-अध्यक्षता की।
विदेश मंत्री जयशंकर ने 2023 में भारत-मिस्र रणनीतिक साझेदारी की स्थापना के बाद से गहन सहयोग की सराहना की। उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों ने राजनीतिक, आर्थिक, रक्षा, समुद्री और आतंकवाद-रोधी क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की।
पूर्व राजदूत अनिल त्रिगुणायत ने अरब न्यूज को बताया कि दोनों पक्ष डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर, फिनटेक, फार्मास्यूटिकल्स, स्टार्ट-अप और इनोवेशन के साथ-साथ रिन्यूएबल एनर्जी में निवेश की संभावनाओं पर सहमत हुए।
स्वेज नहर आर्थिक क्षेत्र को भारतीय कंपनियों के लिए एक महत्वपूर्ण निवेश अवसर बताते हुए, मिस्र के विदेश मंत्री अब्देलाती ने कहा कि यह अंतरमहाद्वीपीय राष्ट्र लाल सागर के उत्तर-पश्चिम में स्वेज की खाड़ी के किनारे एक भारतीय औद्योगिक क्षेत्र स्थापित करने का इच्छुक है।