क्या भारत पाकिस्तान के परमाणु ब्लैकमेल के आगे झुकेगा? पेटल गहलोत ने शरीफ के 'जीत' के दावों का मजाक उड़ाया

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क्या भारत पाकिस्तान के परमाणु ब्लैकमेल के आगे झुकेगा? पेटल गहलोत ने शरीफ के 'जीत' के दावों का मजाक उड़ाया

सारांश

भारत ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के युद्ध जीतने के दावों का मजाक उड़ाते हुए चेतावनी दी है कि वह परमाणु ब्लैकमेल के आगे नहीं झुकेगा। पेटल गहलोत ने आतंकवादियों और उनके प्रायोजकों के खिलाफ ठोस कार्रवाई का संकल्प लिया है। जानें इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर भारत की स्थिति क्या है।

Key Takeaways

  • भारत ने आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई है।
  • पाकिस्तान के दावों का मजाक उड़ाया गया है।
  • भारत परमाणु ब्लैकमेल के आगे नहीं झुकेगा।
  • गहलोत ने स्पष्ट किया कि आतंकवादियों और उनके प्रायोजकों के बीच कोई भेदभाव नहीं होगा।
  • भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय मुद्दों का समाधान होगा।

न्यूयॉर्क, 27 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत ने स्पष्ट किया है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के लिए नष्ट हुए एयरफोर्स बेस को जीत के प्रतीक के रूप में देखना एक मजाक है। भारत ने उनके युद्ध जीतने के दावों का उपहास उड़ाते हुए यह भी चेतावनी दी है कि वह परमाणु ब्लैकमेल के आगे नहीं झुकेगा और आतंकवादियों तथा उनके प्रायोजकों के खिलाफ ठोस कार्रवाई करेगा।

भारत के संयुक्त राष्ट्र मिशन की फर्स्ट सेक्रेटरी पेटल गहलोत ने संयुक्त राष्ट्र में शहबाज शरीफ के 'हमने युद्ध जीत लिया' बयान पर चुटकी लेते हुए कहा कि अगर तबाह रनवे और जलते हैंगर को जीत मान लिया जाए तो पाकिस्तान को इसे मनाने का पूरा हक है।

उन्होंने अपनी सुबह की स्पीच में शरीफ के बेतुके दावों और भारत पर लगाए गए आरोपों को नकारते हुए कहा कि भारत ने आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई है।

गहलोत ने स्पष्ट किया, "जहां तक आतंकवाद का सवाल है, हम यह सुनिश्चित करेंगे कि आतंकवादियों और उनके प्रायोजकों के बीच कोई भेदभाव नहीं होगा। दोनों को जिम्मेदार ठहराया जाएगा।"

उन्होंने कहा, "हम परमाणु ब्लैकमेल के नाम पर आतंकवाद को सहन नहीं करेंगे। भारत कभी ऐसी धमकियों के आगे नहीं झुकेगा।"

गहलोत ने कहा, "दुनिया के लिए भारत का संदेश स्पष्ट है, आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस होना चाहिए।"

उन्होंने कहा कि आतंकवाद पाकिस्तान की विदेश नीति का केंद्र है और हाल की घटनाएं दिखाती हैं कि इस्लामाबाद आतंकवाद को प्रोत्साहित करता है और आतंकवादियों की रक्षा करता है।

गहलोत ने कहा, "भले ही कितनी भी नाटकबाज़ी हो, सच्चाई नहीं छुप सकती।" उन्होंने कहा, "पाकिस्तान ने फिर से आतंकवाद को सराहा है, जो उनकी विदेश नीति का मुख्य हिस्सा है।"

उन्होंने उल्लेख किया कि 25 अप्रैल को सुरक्षा परिषद में जब पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर में पर्यटकों की हत्या करने वाले 'पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवादी संगठन' द रेसिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) को बचाने का प्रयास किया, तो इसका आतंकवाद को बढ़ावा देने वाला चेहरा फिर से सामने आया।

टीआरएफ ने खुद यह बेशर्मी से स्वीकार किया था कि उसने पहलगाम में 26 हिंदू और ईसाई पर्यटकों की हत्या की थी।

गहलोत ने कहा, "9 मई तक पाकिस्तान भारत पर हमले की धमकी देता रहा, लेकिन 10 मई को उनकी सेना ने सीधे हमसे लड़ाई बंद करने की गुजारिश की।"

गहलोत ने कहा कि पाकिस्तान के मिलिट्री ऑपरेशंस के डायरेक्टर जनरल मेजर जनरल काशिफ अब्दुल्ला ने अपने भारतीय समकक्ष लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई को संघर्ष विराम की मांग करने के लिए फोन किया।

उन्होंने कहा, "बीच में जो हुआ, वह यह था कि भारतीय सेना ने कई पाकिस्तानी एयरबेस को नष्ट कर दिया।"

गहलोत ने 'ऑपरेशन सिंदूर' का बचाव करते हुए कहा, "सच्चाई यह है कि पाकिस्तान हमेशा भारत में निर्दोष नागरिकों पर आतंकवादी हमलों का जिम्मेदार रहा है।"

गहलोत ने कहा, "जो देश आतंकवाद को बढ़ावा देने की पुरानी परंपरा रखता है, उसके लिए इस तरह के तर्क देना कोई शर्म की बात नहीं है।"

उन्होंने कहा, "एक तस्वीर हजार शब्द कहती है, और हमने 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान बहावलपुर और मुरिदके में भारतीय सेना द्वारा मारे गए आतंकवादियों की कई तस्वीरें देखी हैं।"

गहलोत ने सवाल उठाया, "जब पाकिस्तानी सेना और सरकार के अधिकारी खुलेआम आतंकवादियों की तारीफ करते हैं, तो उनकी मंशा पर कोई संदेह नहीं होना चाहिए।"

गहलोत ने कहा, "उनके मंत्रियों ने हाल ही में स्वीकार किया है कि वे दशकों से आतंकवादी कैंप चला रहे हैं। इसलिए, इस बार प्रधानमंत्री के स्तर पर भी यह दोहरापन कोई आश्चर्य की बात नहीं है।"

गहलोत ने शरीफ के भाषण का भी जवाब दिया, जिसमें उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति का नाम लेकर संघर्ष विराम में उनकी भूमिका का दावा किया था।

गहलोत ने कहा, "भारत और पाकिस्तान के बीच लंबे समय से सहमति है कि उनके बीच कोई भी मुद्दा द्विपक्षीय रूप से सुलझाया जाएगा। इसमें किसी तीसरे पक्ष की कोई भूमिका नहीं है। यह हमारी पुरानी राष्ट्रीय नीति है।"

Point of View

NationPress
27/09/2025

Frequently Asked Questions

भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ क्या कदम उठाए हैं?
भारत ने आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई है और आवश्यक होने पर ठोस कार्रवाई करने का संकल्प लिया है।
क्या पाकिस्तान के दावे सच हैं?
भारत ने पाकिस्तान के दावों को बेतुका बताते हुए उनका मजाक उड़ाया है, यह स्पष्ट करते हुए कि सच्चाई नहीं छुप सकती।
भारत की विदेश नीति क्या है?
भारत की विदेश नीति आतंकवाद के खिलाफ सख्त रुख अपनाने और द्विपक्षीय मुद्दों को सुलझाने पर आधारित है।