क्या भारत ने अफगानिस्तान को 16 टन से अधिक दवाओं की मदद भेजी?

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क्या भारत ने अफगानिस्तान को 16 टन से अधिक दवाओं की मदद भेजी?

सारांश

भारत ने अफगानिस्तान को 16 टन से अधिक दवाओं का दान किया है, जो मलेरिया, डेंगू और लीशमैनियासिस से लड़ने में मदद करेगी। तालिबान प्रवक्ता के अनुसार, यह सहायता अफगानिस्तान के स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण है। जानिए इस मानवीय प्रयास की पूरी कहानी।

Key Takeaways

  • भारत ने अफगानिस्तान को 16 टन दवाओं की सहायता पहुँचाई।
  • यह दवा मलेरिया, डेंगू और लीशमैनियासिस के खिलाफ है।
  • तालिबान प्रवक्ता ने इस मदद का स्वागत किया है।
  • यह भारत की मानवीय सहायता का एक महत्वपूर्ण उदाहरण है।
  • इस सहायता से अफगानिस्तान के स्वास्थ्य क्षेत्र को मजबूती मिलेगी।

काबुल, 2 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत ने अफगानिस्तान को 16 टन से अधिक दवा की एक बड़ी खेप पहुंचाई है। तालिबान के प्रवक्ता ने रविवार को बताया कि भारत ने मलेरिया, डेंगू और लीशमैनियासिस जैसी वेक्टर जनित बीमारियों के उपचार के लिए यह सहायता दी है।

तालिबान के प्रवक्ता शराफत जमान ने कहा कि यह दवाइयां और डायग्नोस्टिक किट अफगानिस्तान के राष्ट्रीय मलेरिया और अन्य वेक्टर जनित रोग निवारण कार्यक्रम में सहायक होंगी। उन्होंने यह भी बताया कि भारत की यह मदद अफगानिस्तान की स्वास्थ्य प्रणाली को मजबूत करेगी।

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में, जमान ने कहा, "भारत ने अफगानिस्तान को 16 टन से अधिक वेक्टर जनित रोगों के लिए दवाइयाँ दान की हैं। भारत सरकार ने इस सहायता के माध्यम से लोक स्वास्थ्य मंत्रालय (एमओपीएच) को यह महत्वपूर्ण सामग्री भेजी है।"

जमान ने यह भी बताया कि यह सहायता अफगानिस्तान में स्वास्थ्य क्षेत्र को समर्थन देने और लोक स्वास्थ्य में द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करने की भारत की प्रतिबद्धता का हिस्सा है।

उन्होंने कहा, "ये दवाइयां सीधे तौर पर अफगानिस्तान के राष्ट्रीय मलेरिया और अन्य वेक्टर जनित रोग निवारण कार्यक्रम को सहायता प्रदान करेंगी। इन आपूर्तियों का उद्देश्य देश की उस क्षमता को बढ़ाना है जिससे मलेरिया, डेंगू और लीशमैनियासिस जैसी बीमारियों का सामना किया जा सके।"

जमान ने कहा कि अफगानिस्तान के जन स्वास्थ्य मंत्रालय ने भारत सरकार की समय पर और मूल्यवान सहायता के लिए आभार व्यक्त किया है।

उन्होंने कहा, "ये दवाइयां और डायग्नोस्टिक किट जन स्वास्थ्य की बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाने में सहायक होंगी, खासकर कमजोर और उच्च जोखिम वाले समुदायों में। यह मदद अफगानिस्तान के साथ भारत की दीर्घकालिक साझेदारी को दर्शाती है।"

प्रवक्ता ने बताया कि इस सहायता के माध्यम से, भारत अपनी भूमिका को एक विश्वसनीय भागीदार के रूप में दर्शाता है, जो स्वास्थ्य, स्थिरता और मानवता के सहयोग में योगदान देने के लिए प्रतिबद्ध है।

गौरतलब है कि अफगानिस्तान के विदेश मंत्री मावलवी अमीर खान मुत्ताकी ने अक्टूबर में भारत का दौरा किया था। इस दौरे के बाद ही भारत ने काबुल को मेडिकल हेल्प प्रदान की।

अपने भारत दौरे के दौरान, मुत्ताकी ने 10 अक्टूबर को विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात की, जिसमें दोनों ने अफगानिस्तान के विकास, द्विपक्षीय व्यापार, क्षेत्रीय अखंडता, लोगों के बीच संबंधों और क्षमता निर्माण के लिए भारत के समर्थन पर चर्चा की।

विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि मुत्ताकी की यात्रा से द्विपक्षीय संबंधों को सशक्त बनाने में मदद मिलेगी। उन्होंने अफगानिस्तान को पांच एम्बुलेंस देने की भी घोषणा की। इसके अलावा, भारत ने भूकंप प्रभावित लोगों की सहायता के लिए अतिरिक्त खाद्य सामग्री भी भेजी है।

Point of View

बल्कि यह द्विपक्षीय संबंधों को भी सशक्त करता है। भारत ने हमेशा अपने पड़ोसी देशों के प्रति मानवीय सहायता का हाथ बढ़ाया है, और यह मदद उसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
NationPress
02/11/2025

Frequently Asked Questions

भारत ने अफगानिस्तान को कितनी दवा भेजी?
भारत ने अफगानिस्तान को 16 टन से अधिक दवा की खेप भेजी है।
ये दवाइयाँ किस प्रकार की बीमारियों के लिए हैं?
ये दवाइयाँ मलेरिया, डेंगू और लीशमैनियासिस जैसी वेक्टर जनित बीमारियों के लिए हैं।
इस मदद का उद्देश्य क्या है?
इस मदद का उद्देश्य अफगानिस्तान में स्वास्थ्य प्रणाली को मजबूत करना और रोग निवारण में सहयोग करना है।