क्या अमेरिका को भारत ने उसी की भाषा में जवाब दिया? करोड़ों की डील रद्द!

सारांश
Key Takeaways
- भारत ने अमेरिका के टैरिफ का जवाब देने के लिए डील रद्द की।
- पी-8I विमान चीन के प्रभाव पर नजर रखने के लिए आवश्यक हैं।
- भारत ने पहले से 12 ऐसे विमान खरीदे थे।
- भारत ने अमेरिका के अनुचित टैरिफ पर कड़ी प्रतिक्रिया दी।
- सैन्य डील रद्द होने से भारत की सुरक्षा नीति प्रभावित होगी।
नई दिल्ली, 7 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत के रूस के साथ तेल व्यापार के चलते 50 प्रतिशत टैरिफ लगाने का ऐलान किया है। इस पर भारत सरकार ने अमेरिका के इस रुख का जवाब देने का निर्णय लिया है।
एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत सरकार ने अमेरिका के खिलाफ एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए एक महत्वपूर्ण सैन्य डील को रद्द कर दिया है। डिफेंस वेबसाइट आईडीआरडब्ल्यू की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत ने तीन अगस्त को इस सौदे को रोकने का निर्णय लिया।
वास्तव में, भारत ने अपनी नौसेना के लिए अमेरिका की बोइंग कंपनी से छह पी-8I पोसेडन विमान खरीदने का सौदा किया था। ये विमान समुद्र में निगरानी के लिए उपयोग में लाए जाने थे। भारतीय नौसेना को इन विमानों की ज़रूरत है। ये अमेरिकी विमान अत्यधिक आधुनिक और उन्नत हैं। अरब सागर से हिंद महासागर तक चीन के बढ़ते प्रभाव पर नज़र रखने के लिए ये बेहद महत्वपूर्ण हैं। लेकिन फिलहाल इस डील को रोक दिया गया है।
भारतीय नौसेना के पास पहले से ही 12 ऐसे विमान हैं। भारत ने 2009 में बोइंग से विमान खरीदे थे और तब वह अमेरिका का पहला खरीदार बना था। उस समय लागत भारतीय रुपए में लगभग 19,000 करोड़ रुपए आई थी।
2016 में भारत ने 4 विमान और खरीदे थे, जिस पर 8,500 करोड़ की लागत आई थी। भारतीय नौसेना ने इस विमान की क्षमता और दक्षता की सराहना की थी।
इसके बाद 2021 में 6 और विमान खरीदने की योजना थी, जिसकी मंजूरी अमेरिका ने दे दी थी। लागत 21,000 करोड़ होने के कारण डील को रोका गया था। 2025 में सौदे की लागत 31,500 करोड़ हो गई थी, इसके बावजूद भारत सरकार ने इन विमानों की खरीद का निर्णय लिया था। लेकिन फिलहाल इस डील को स्थगित कर दिया गया है।
भारतीय विदेश मंत्रालय ने अमेरिका और यूरोपीय संघ पर भारत पर अनैतिक और अतार्किक टैरिफ लगाने का आरोप लगाया था। विदेश मंत्रालय ने कहा था कि यूरोपीय संघ का व्यापार रूस से भारत की अपेक्षा अधिक है। अमेरिका भी मास्को के साथ व्यापार करता है। ऐसे में भारत पर टैरिफ लगाना अनुचित है।