क्या दोहा में कतर-भारत संयुक्त आयोग की बैठक में पीयूष गोयल नेतृत्व करेंगे?

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क्या दोहा में कतर-भारत संयुक्त आयोग की बैठक में पीयूष गोयल नेतृत्व करेंगे?

सारांश

भारत और कतर के बीच व्यापारिक संबंधों को बढ़ाने के लिए पीयूष गोयल का दोहा दौरा महत्वपूर्ण है। इस दौरान कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा होने की संभावना है।

Key Takeaways

  • पीयूष गोयल का कतर दौरा
  • संयुक्त व्यापार एवं वाणिज्य आयोग की बैठक
  • द्विपक्षीय व्यापार का अनुमानित आंकड़ा 14 अरब अमेरिकी डॉलर
  • एफटीए पर विचार-विमर्श
  • विभिन्न मंत्रालयों के प्रतिनिधियों की भागीदारी

नई दिल्‍ली, 5 अक्‍टूबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल 6 से 7 अक्टूबर 2025 तक कतर की राजधानी दोहा का दौरा करेंगे। वे कतर-भारत संयुक्त व्यापार एवं वाणिज्य आयोग की बैठक में शिरकत करेंगे। इस बैठक की सह-अध्यक्षता कतर के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री, महामहिम शेख फैसल बिन थानी बिन फैसल अल थानी करेंगे.

इस यात्रा से स्पष्ट होता है कि भारत कतर के साथ अपने व्यापार एवं निवेश संबंधों को कितना महत्व देता है। कतर, खाड़ी सहयोग परिषद (जीसीसी) में भारत एक महत्वपूर्ण व्यापारिक साझेदार है और 2024-25 में दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार 14 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक होने का अनुमान है.

गोयल की यह पहली कतर यात्रा है, जिसमें उनके साथ विभिन्न मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल होंगे। दोनों पक्षों के बीच द्विपक्षीय व्यापार प्रदर्शन की समीक्षा, मौजूदा व्यापार बाधाओं और गैर-शुल्क मुद्दों का समाधान और व्यापार एवं निवेश को बढ़ावा देने के अवसरों की तलाश पर व्यापक चर्चा होने की उम्मीद है.

वार्ता में प्रस्तावित भारत-कतर एफटीए पर विचार-विमर्श शामिल होने का अनुमान है, साथ ही व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते (सीईपीए) के लिए संदर्भ की शर्तों (टीओआर) को अंतिम रूप देने पर भी चर्चा होगी, जिससे दोनों देशों के बीच आर्थिक सहयोग और ज्यादा मजबूत होगा। भारत और कतर के बीच बहुआयामी साझेदारी को गहरा करने के उद्देश्य से वित्त, कृषि, पर्यावरण, पर्यटन, संस्कृति एवं स्वास्थ्य सेवा जैसे अन्य प्रमुख क्षेत्रों में सहयोग पर चर्चा भी बैठक का अभिन्न अंग होगा.

भारत-कतर संयुक्त व्यापार परिषद की पहली बैठक में शामिल होने के लिए केंद्रीय मंत्री के साथ उद्योग जगत के वरिष्ठ प्रतिनिधियों का एक व्यापारिक प्रतिनिधिमंडल भी जाएगा। यह व्यापारिक प्रतिनिधिमंडल कतर चैंबर, कतर वित्तीय केंद्र, इन्वेस्ट कतर और कतर मुक्त क्षेत्र प्राधिकरण सहित कतर के व्यवसायों एवं संस्थाओं के साथ सक्रिय रूप से बातचीत करेगा.

इस यात्रा के दौरान, गोयल कतर के अन्य गणमान्य लोगों और कतर चैंबर तथा कतर व्यवसायी संघ के शीर्ष व्यवसायियों से भी मुलाकात करेंगे। इसके अलावा, वे इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आईसीएआई) के दोहा चैप्टर, कतर स्थित भारतीय व्यापार एवं व्यावसायिक परिषद (आईबीपीसी) के प्रतिनिधियों, कतर उद्योग जगत के वरिष्ठ सदस्यों और कतर में भारतीय समुदाय के लोगों से भी मुलाकात करेंगे.

जुलाई 2024 में संयुक्त सचिव स्तर पर भारत–कतर व्यापार एवं वाणिज्य संयुक्त कार्य समूह की पहली बैठक आयोजित की गई थी। फरवरी 2025 में कतर के अमीर की भारत यात्रा के दौरान, दोनों पक्षों ने व्यापार को द्विपक्षीय सहयोग के एक प्रमुख स्तंभ के रूप में पहचान की थी और संयुक्त कार्य समूह को व्यापार एवं वाणिज्य पर संयुक्त आयोग में अपग्रेड करने पर सहमति व्यक्त की थी, जिसका नेतृत्व दोनों देशों के वाणिज्य मंत्री करेंगे.

गौरतलब है कि जुलाई 2024 में संयुक्त सचिव स्तर पर भारत–कतर व्यापार एवं वाणिज्य संयुक्त कार्य समूह की पहली बैठक आयोजित की गई थी। इसके बाद, फरवरी 2025 में कतर के अमीर की भारत यात्रा के दौरान, दोनों पक्षों ने व्यापार को द्विपक्षीय सहयोग के एक प्रमुख स्तंभ के रूप में पहचान की थी और संयुक्त कार्य समूह को व्यापार एवं वाणिज्य पर संयुक्त आयोग में अपग्रेड करने पर सहमति व्यक्त की थी, जिसका नेतृत्व दोनों देशों के वाणिज्य मंत्री करेंगे.

Point of View

बल्कि यह क्षेत्रीय स्थिरता में भी योगदान देगा।
NationPress
05/10/2025

Frequently Asked Questions

पीयूष गोयल का कतर दौरा कब है?
पीयूष गोयल का कतर दौरा 6 से 7 अक्टूबर 2025 तक होगा।
बैठक में कौन-कौन शामिल होगा?
बैठक में पीयूष गोयल के साथ विभिन्न मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारी और उद्योग जगत के प्रतिनिधि शामिल होंगे।
बैठक में कौन से मुद्दों पर चर्चा होगी?
बैठक में द्विपक्षीय व्यापार प्रदर्शन, मौजूदा व्यापार बाधाएं और व्यापार एवं निवेश को बढ़ावा देने के अवसरों पर चर्चा होगी।
भारत और कतर के बीच व्यापार का अनुमानित आंकड़ा क्या है?
2024-25 में भारत और कतर के बीच द्विपक्षीय व्यापार 14 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक होने का अनुमान है।
क्या इस यात्रा से भारत-कतर संबंध मजबूत होंगे?
इस यात्रा से दोनों देशों के बीच आर्थिक सहयोग और साझेदारी को और मजबूत बनाने की संभावना है।