क्या भारत-सिंगापुर के बीच उभरती टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने पर चर्चा हुई?

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क्या भारत-सिंगापुर के बीच उभरती टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने पर चर्चा हुई?

सारांश

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सिंगापुर के उप-प्रधानमंत्री से मुलाकात की और भारत के सेमीकंडक्टर प्रोजेक्ट्स में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की। जानिए इस महत्वपूर्ण वार्ता के बारे में और क्या संभावनाएं हैं।

Key Takeaways

  • भारत और सिंगापुर के बीच द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ावा देने पर जोर।
  • सिंगापुर सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री एसोसिएशन का समर्थन।
  • सेमीकंडक्टर सम्मेलन 'सेमीकॉन इंडिया 2025' की सफलता।
  • भारत के तकनीकी क्षमता का विकास।
  • वैश्विक टेक्नोलॉजी पावरहाउस बनने की दिशा में कदम।

नई दिल्ली, 21 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शुक्रवार को बताया कि उन्होंने सिंगापुर के उप-प्रधानमंत्री और व्यापार एवं उद्योग मंत्री गान किम योंग से मुलाकात की। इसके साथ ही, उन्होंने सिंगापुर की कुछ प्रमुख कंपनियों के अधिकारियों के साथ भारत के सेमीकंडक्टर प्रोजेक्ट्स में सहयोग को लेकर बातचीत की।

केंद्रीय मंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "सिंगापुर के उप-प्रधानमंत्री और व्यापार एवं उद्योग मंत्री गान किम योंग से बैठक हुई। दोनों देशों के बीच चर्चा मुख्य रूप से उभरती टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग के विस्तार पर केंद्रित रही।"

इसके अतिरिक्त, मंत्री ने कहा कि सिंगापुर सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री एसोसिएशन (एसएसआईए) भारत के साथ देश के अप्रूव्ड सेमीकंडक्टर प्रोजेक्ट को सहयोग देने के लिए साझेदारी करने जा रहा है।

उन्होंने लिखा, "सिंगापुर की कंपनियों के साथ उनके अनुभव, प्रमुख चुनौतियों और उपकरण एवं सामग्री के मूवमेंट में तेजी लाने के उपायों पर चर्चा की गई।"

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि एमटीआई, एंटरप्राइज एसजी, इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्निकल एजुकेशन, सिंगापुर पॉलिटेक्निक और ए स्टार के अधिकारियों के साथ सेमीकंडक्टर प्रोजेक्ट्स के लिए तकनीशियनों और इंजीनियरों की कौशल विकास पर भी चर्चा हुई।

सिंगापुर में मौजूद केंद्रीय मंत्री ने बताया कि एवनेट, जो कि एक प्रमुख सेमीकंडक्टर और इलेक्ट्रॉनिक्स वेयरहाउसिंग कंपनी है, भारत में अपने परिचालन का विस्तार करने के लिए पूरी तरह तैयार है।

इस वर्ष 2-4 सितंबर को भारत में आयोजित हुए देश के सबसे बड़े सेमीकंडक्टर सम्मेलन 'सेमीकॉन इंडिया 2025' ने भारत को अगला सेमीकंडक्टर पावरहाउस बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुआ है।

प्रधानमंत्री मोदी ने पहले दिन इस सम्मेलन का उद्घाटन किया और दूसरे दिन प्रदर्शनी का अवलोकन करते हुए प्रदर्शकों के साथ संवाद किया।

'सेमीकॉन इंडिया 2025' सेमीकंडक्टर से बढ़कर आत्मनिर्भरता, नवाचार और भारत के एक वैश्विक टेक्नोलॉजी पावरहाउस के रूप में उभरने से संबंधित था।

Point of View

तो भारत और सिंगापुर के बीच यह द्विपक्षीय सहयोग एक सकारात्मक कदम है। यह न केवल भारत की तकनीकी क्षमताओं को बढ़ाएगा, बल्कि वैश्विक स्तर पर भारत को एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में स्थापित करेगा।
NationPress
21/11/2025

Frequently Asked Questions

भारत और सिंगापुर के बीच क्या चर्चा हुई?
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सिंगापुर के उप-प्रधानमंत्री से मुलाकात की और उभरती टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की।
सेमीकंडक्टर प्रोजेक्ट्स के लिए क्या योजनाएँ हैं?
सिंगापुर सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री एसोसिएशन ने भारत के सेमीकंडक्टर प्रोजेक्ट को सपोर्ट करने के लिए साझेदारी करने की योजना बनाई है।
क्या इस सहयोग से भारत को लाभ होगा?
हां, यह सहयोग भारत को तकनीकी रूप से मजबूत बनाने और वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने में मदद करेगा।
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