क्या भारत का अल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट इकोसिस्टम 23 लाख करोड़ रुपए से अधिक एसेट्स तक पहुंच गया?

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क्या भारत का अल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट इकोसिस्टम 23 लाख करोड़ रुपए से अधिक एसेट्स तक पहुंच गया?

सारांश

भारत का अल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट इकोसिस्टम तेजी से बढ़ रहा है, जिसमें पीएमएस और एआईएफ के एसेट्स ने 23 लाख करोड़ रुपए का आंकड़ा पार किया है। इस बदलाव के पीछे वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता और भारतीय निवेशकों की बदलती प्राथमिकताएं हैं। यह रिपोर्ट भारत के वित्तीय बाजार के विकास की नई दिशा को दर्शाती है।

Key Takeaways

  • भारत का अल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट इकोसिस्टम 23 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच गया है।
  • पीएमएस और एआईएफ में पिछले 10 वर्षों में 31.24 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
  • ग्लोबल मैक्रो अनिश्चितता के कारण निवेशक पारंपरिक निवेशों से आगे बढ़ रहे हैं।
  • पीएमएस उद्योग ने 7 गुना वृद्धि की है, जबकि एआईएफ का विकास 49.23 प्रतिशत का है।
  • भारत में सेबी द्वारा रजिस्टर्ड पोर्टफोलियो मैनेजर्स की संख्या बढ़कर 495 हो गई है।

मुंबई, 21 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत का अल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट इकोसिस्टम अब एक नई दिशा में अग्रसर है। सितंबर 2025 तक, पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सर्विस (पीएमएस) और अल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट फंड (एआईएफ) के संयुक्त एसेट्स ने 23 लाख करोड़ रुपए का आंकड़ा पार कर लिया है। यह जानकारी हाल ही में जारी एक रिपोर्ट में सामने आई है।

पिछले 10 वर्षों में, इन निवेशों में 31.24 प्रतिशत की महत्वपूर्ण सीएजीआर वृद्धि हुई है, जो 1.54 लाख करोड़ से बढ़कर 23.43 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच गई है।

पीएमएस बाजार द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, यह परिवर्तन तब देखा गया है जब वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता निवेशकों को पारंपरिक इक्विटी और डेट उपकरणों से आगे बढ़ने के लिए प्रेरित कर रही है।

पीएमएस उद्योग लगभग 7 गुना बढ़ चुका है। एसेट्स अंडर मैनेजमेंट (एयूएम) सितंबर 2015 के 1.27 लाख करोड़ रुपए से इस वर्ष सितंबर में 8.37 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच गया है, जो कि 10 वर्षों में 20.75 प्रतिशत का सीएजीआर दर्शाता है।

यह वृद्धि भारत के इन्वेस्टमेंट इकोसिस्टम के विकास को दर्शाती है, जिसमें सेबी द्वारा रजिस्टर्ड पोर्टफोलियो मैनेजर्स की संख्या 495 हो गई है।

एआईएफ सेगमेंट भी तेज गति से बढ़ रहा है। कुल एआईएफ कमिटमेंट्स सितंबर 2015 के 27,484 करोड़ रुपए से बढ़कर इस वर्ष सितंबर में 15.05 लाख करोड़ हो गए हैं, जो कि 49.23 प्रतिशत का शानदार सीएजीआर दर्शाता है।

पीएमएस बाजार के फाउंडर और डायरेक्टर आर. पल्लवराजन ने कहा, "भारत के अल्ट्रा-रिच और एचएनआई इन्वेस्टर तेजी से बढ़ रहे हैं और अल्फा के विश्वसनीय स्रोत और डायवर्सिफिकेशन का चयन कर रहे हैं। पीएमएस और एआईएफ प्लेटफॉर्म निवेशकों को कनविन्स्ड-लेड, स्ट्रेटेजी-ड्रिवन पोर्टफोलियो तक पहुंच प्रदान कर रहे हैं, जो आज के जटिल बाजार वातावरण के लिए अनुकूलित हैं।"

कंपनी ने एआईएफ बाजार भी लॉन्च किया है, जो अल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट फंड की पारदर्शिता और पहुंच को बढ़ाने के लिए एक समर्पित प्लेटफॉर्म के रूप में काम करेगा।

रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि सभी एआईएफ श्रेणियों में, श्रेणी II एआईएफ ने 54.24 प्रतिशत के सीएजीआर के साथ 14,707 करोड़ से बढ़कर 11,20,589 करोड़ से अधिक की छलांग लगाई है।

Point of View

बल्कि यह हमारे देश की आर्थिक स्थिरता को भी मजबूत करेगी। हमें इस दिशा में आगे बढ़ने की जरूरत है, ताकि हम वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा कर सकें।
NationPress
21/11/2025

Frequently Asked Questions

भारत का अल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट इकोसिस्टम क्या है?
यह एक ऐसा प्रणाली है जिसमें निवेशक पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सर्विस (पीएमएस) और अल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट फंड (एआईएफ) के माध्यम से विभिन्न निवेश विकल्प चुनते हैं।
पीएमएस और एआईएफ में क्या अंतर है?
पीएमएस व्यक्तिगत निवेशकों के लिए कस्टमाइज्ड सेवाएं प्रदान करता है, जबकि एआईएफ समूह निवेश के लिए होते हैं।
क्या इस क्षेत्र में निवेश करना सुरक्षित है?
जैसा कि हर निवेश में जोखिम होता है, लेकिन सही जानकारी और मार्गदर्शन के साथ यह क्षेत्र निवेशकों के लिए लाभकारी हो सकता है।
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