क्या वित्त वर्ष 26 में ऑयल मार्केटिंग कंपनियों का मार्जिन बढ़ेगा और मुनाफे में 50 प्रतिशत का इजाफा होगा?
सारांश
Key Takeaways
- मुनाफा 50 प्रतिशत बढ़ सकता है
- कच्चे तेल की कीमतें 65-67 डॉलर प्रति बैरल
- ग्रॉस रिफाइनिंग मार्जिन 4-6 डॉलर
- अच्छा नकदी प्रवाह ओएमसी के पूंजीगत खर्च को सपोर्ट करेगा
- मार्केटिंग मार्जिन बढ़कर 14 डॉलर प्रति बैरल हो सकता है
नई दिल्ली, 21 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। इस वित्त वर्ष में ऑयल मार्केटिंग कंपनियों का मुनाफा लगभग 50 प्रतिशत बढ़कर 18-20 डॉलर प्रति बैरल तक पहुँचने की संभावना है, जबकि पिछले वित्त वर्ष में यह 12 डॉलर प्रति बैरल था। यह जानकारी शुक्रवार को जारी एक रिपोर्ट में साझा की गई।
क्रिसिल रेटिंग्स द्वारा जारी रिपोर्ट में बताया गया है कि ऑपरेटिंग मुनाफे में वृद्धि का मुख्य कारण मार्जिन में मजबूती, खुदरा ईंधनों की स्थिर कीमतें और कच्चे तेल की सकारात्मक गतिशीलता है।
पेट्रोल, डीजल और अन्य पेट्रोलियम उत्पादों पर मार्केटिंग मार्जिन में वृद्धि से रिफाइनिंग मार्जिन में कमी की भरपाई होने की उम्मीद है। विश्व के बड़े देशों द्वारा क्लीन एनर्जी की ओर बढ़ने के कारण जीवाश्म ईंधन की मांग में इजाफा हो रहा है।
रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि अच्छे नकदी प्रवाह से ओएमसी के पूंजीगत खर्च को समर्थन मिलेगा और इससे उनकी क्रेडिट प्रोफाइल मजबूत बनेगी।
विश्लेषकों का मानना है कि इस वित्त वर्ष में कच्चे तेल की कीमतें 65-67 डॉलर प्रति बैरल रहने की संभावना है। वहीं, ग्रॉस रिफाइनिंग मार्जिन 4-6 डॉलर प्रति बैरल रह सकता है।
क्रिसिल रेटिंग्स के सीनियर डायरेक्टर अनुज सेठी ने कहा, "ईंधन की खुदरा कीमतें स्थिर रहने से मार्केटिंग मार्जिन बढ़कर 14 डॉलर प्रति बैरल (8 रुपए प्रति लीटर) तक पहुँच जाएगा, जिससे कुल मार्जिन 50 प्रतिशत बढ़कर 18-20 डॉलर प्रति बैरल तक पहुँचने की संभावना है।"
रिपोर्ट के अनुसार, अच्छे मार्जिन के चलते इस वित्त वर्ष में नकद प्राप्ति 75,000 से लेकर 80,000 करोड़ रुपए रहने की संभावना है, जो कि पिछले वित्त वर्ष में 55,000 करोड़ रुपए थी।
इससे ओएमसी के 90,000 करोड़ रुपए के पूंजीगत खर्च के योजना को मजबूती मिलेगी, जिसमें से अधिकांश विस्तार ब्राउनफील्ड होगा। इस वित्त वर्ष ओएमसी का डेट-टू-ईबीआईटीडीए बढ़कर 2.2 गुना हो सकता है, जो कि पिछले वित्त वर्ष में 3.6 गुना था।