क्या सेबी आरईआईटी और इनविट्स को बाजार सूचकांकों में शामिल करने की योजना बना रहा है?
सारांश
Key Takeaways
- आरईआईटी और इनविट्स को प्रमुख बाजार सूचकांकों में शामिल करने की योजना।
- निवेशकों के लिए बढ़ती तरलता और दृश्यता।
- भारत का आरईआईटी बाजार एशिया में चौथा सबसे बड़ा है।
- बड़ी वित्तीय कंपनियाँ निवेशकों के लिए अवसर बना सकती हैं।
- 2047 तक 700 लाख करोड़ रुपये का निवेश आवश्यक।
नई दिल्ली, 21 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। सेबी के चेयरमैन तुहिन कांत पांडे ने शुक्रवार को बताया कि बाजार नियामक रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (आरईआईटी) और इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (इनविट्स) को प्रमुख बाजार सूचकांकों में जोड़ा जा सकता है।
उन्होंने कहा कि यह निर्णय पूरी सावधानी से और क्रमबद्ध तरीके से लिया जाएगा। इसके परिणामस्वरूप आरईआईटी और इनविट्स में तरलता बढ़ेगी, दृश्यता बढ़ेगी और निवेशकों की रुचि में इजाफा होगा।
राष्ट्रीय राजधानी में एक कार्यक्रम के दौरान बोलते हुए, पांडे ने कहा कि यह भारत के युवा आरईआईटी और इनविट्स बाजार के लिए एक महत्वपूर्ण संकेत है।
उन्होंने आगे कहा कि इन वित्तीय उपकरणों को देश की दीर्घकालिक इन्फ्रास्ट्रक्चर आवश्यकताओं को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी।
पांडे ने कहा, "भारत एशिया का चौथा सबसे बड़ा आरईआईटी बाजार बन गया है, लेकिन इसमें गतिविधियां अभी भी धीमी हैं। इनमें खुदरा हिस्सेदारी एक प्रतिशत से भी कम है और ट्रेडिंग वॉल्यूम भी न्यूनतम स्तर पर है।"
देश में अक्टूबर 2025 तक कुल 24 सूचीबद्ध आरईआईटी और इनविट्स हैं, और उनकी संयुक्त संपत्तियां 9.25 लाख करोड़ रुपये हैं।
पांडे ने कहा कि सेबी बाजार में पहुंच को बेहतर बनाने के लिए कई परिवर्तनों पर विचार कर रहा है।
उन्होंने कहा, "इसमें और अधिक म्यूचुअल फंडों को इन उपकरणों में निवेश करने की अनुमति देना, आरईआईटी को इक्विटी मानते हुए तरलता बढ़ाना और न्यूनतम निवेश आवश्यकताओं को कम करना शामिल है, जिससे अधिक लोग निवेश कर सकें।"
उन्होंने कहा कि बड़ी गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां बाजार को बढ़ाने के लिए एंकर निवेशक के रूप में कार्य कर सकती हैं।
सेबी के प्रमुख ने कहा कि भारत के इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास के अगले चरण को पूंजी बाजार पर अधिक निर्भर रहना होगा।
एनएबीएफआईडी के अनुसार, देश को ऊर्जा और शहरी यातायात जैसे क्षेत्रों में वृद्धि को समर्थन देने के लिए 2047 तक 700 लाख करोड़ रुपये के निवेश की आवश्यकता होगी।
पांडे ने कहा कि सेबी, सार्वजनिक संपत्ति मुद्रीकरण में तेजी लाने के लिए वित्त मंत्रालय और राज्य सरकारों के साथ सहयोग कर रहा है। उन्होंने कहा कि NHAI जैसी सार्वजनिक क्षेत्र की संस्थाएं, भले ही वे सूचीबद्ध न हों, अधिक आसानी से इनविट्स लॉन्च कर सकती हैं। आईपीओ और राइट्स इश्यूज के माध्यम से पूंजी जुटाने की प्रक्रिया को सरल बनाया जाएगा।