क्या विश्व टेलीविजन दिवस 2025 पर भारत का टीवी नेटवर्क 90 करोड़ दर्शकों को जोड़ रहा है?
सारांश
Key Takeaways
- भारत का टेलीविजन नेटवर्क 90 करोड़ दर्शकों को जोड़ता है।
- इसका प्रारंभ 1959 में हुआ था।
- टेलीविजन ने सूचना और शिक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
- 2024 में 680 अरब रुपए की आय का अनुमान है।
- सरकारी आंकड़ों के अनुसार, 918 प्राइवेट चैनल उपलब्ध हैं।
नई दिल्ली, 21 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्र सरकार ने शुक्रवार को विश्व टेलीविजन दिवस के मौके पर जानकारी दी है कि भारत का टेलीविजन नेटवर्क देशभर के 23 करोड़ घरों में 90 करोड़ दर्शकों को जोड़ रहा है।
हर वर्ष 21 नवंबर को मनाए जाने वाले इस दिन की घोषणा संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा 1996 में पारित एक प्रस्ताव के जरिए हुई थी। यह दिन संचार और वैश्विक समझ को बढ़ावा देने में टेलीविजन के महत्व को दर्शाता है, जो जनसमूह को सूचना प्रदान करने, शिक्षित करने और प्रभावित करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है।
यह दिवस सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय और मंत्रालय के पब्लिक ब्रॉडकास्टिंग नेटवर्क, प्रसार भारती के तत्वावधान में मनाया जाता है। दूरदर्शन और ऑल इंडिया रेडियो की ओर से आयोजित गतिविधियाँ और आउटरीच कार्यक्रम टेलीविजन की पब्लिक सर्विस कम्युनिकेशन, विकास संदेशों के प्रसार और राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
केंद्र सरकार के अनुसार, भारत का मीडिया एंड एंटरटेनमेंट सेक्टर ने 2024 में देश की अर्थव्यवस्था में 2.5 ट्रिलियन रुपए का योगदान दिया, जिसके 2027 तक 3 ट्रिलियन रुपए से अधिक होने की संभावना है। अकेले टेलीविजन और ब्रॉडकास्टिंग सेक्टर ने 2024 में 680 अरब रुपए की आय उत्पन्न की है। इस क्षेत्र की वृद्धि डिजिटल विस्तार, 4के ब्रॉडकास्टिंग, स्मार्ट टीवी, 5जी, और ओटीटी प्लेटफार्मों के माध्यम से 60 करोड़ उपयोगकर्ताओं को सेवा प्रदान करने के साथ देखी जा रही है।
भारत में टेलीविजन का प्रसारण 15 सितंबर 1959 को सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के अधीन ऑल इंडिया रेडियो द्वारा प्रारंभ किया गया था। 1982 में नई दिल्ली में एशियाई खेलों के साथ रंगीन टेलीविजन का आगमन भारत के प्रसारण इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ था। 1990 के दशक की शुरुआत में आर्थिक उदारीकरण के साथ, भारत का टेलीविजन परिदृश्य निजी सेटेलाइट प्रसारकों के लिए खुल गया।
भारत में टेलीविजन एक व्यापक और सुलभ माध्यम बना हुआ है, जहां सेटेलाइट और प्रसारण चैनलों की अच्छी पहुंच है।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, 31 मार्च 2025 तक सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने भारत में 918 प्राइवेट सेटेलाइट टीवी चैनलों को अनुमति दी थी। इनमें से 908 चैनल डाउनलिंकिंग के लिए उपलब्ध थे और 333 पे टीवी चैनल थे।
1959 में अपनी शुरुआत से लेकर 90 करोड़ से अधिक दर्शकों को जोड़ने तक, टेलीविजन भारत की प्रगति का एक दर्पण और संदेशवाहक बना हुआ है। यह जागरूकता और समावेशिता को बढ़ावा दे रहा है, जिससे राष्ट्रीय संचार की आधारशिला के रूप में इसकी स्थायी भूमिका मजबूत बनी हुई है।