क्या एआई किसानों की समृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है, उत्पादन में बढ़ोतरी कर सकता है? - नितिन गडकरी

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क्या एआई किसानों की समृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है, उत्पादन में बढ़ोतरी कर सकता है? - नितिन गडकरी

सारांश

क्या आपको पता है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) किसानों की समृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है? केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने हाल ही में इस विषय पर चर्चा की, जिसमें उन्होंने बताया कि एआई के माध्यम से उत्पादन में वृद्धि संभव है। इस लेख में जानिए कैसे एआई कृषि में सुधार ला सकता है।

Key Takeaways

  • एआई किसानों की समृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
  • फसलों की बीमारियों का पहले से पता लगाया जा सकता है।
  • उत्पादन में वृद्धि करने के लिए नई तकनीकें अपनाई जा रही हैं।
  • भारत में खाद्यान्न उत्पादन में पिछले 10 वर्षों में महत्वपूर्ण वृद्धि हुई है।
  • कृषि उपकरणों में बदलाव से खेती की प्रक्रिया में सुधार हो रहा है।

नागपुर, 21 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने शुक्रवार को बताया कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) किसानों की समृद्धि में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है और इससे उत्पादन में वृद्धि करने में सहायता मिलती है।

नागपुर में आयोजित एग्रोविजन 2025 में बोलते हुए गडकरी ने कहा कि वर्तमान में खेती में तेजी से एआई का उपयोग किया जा रहा है। इससे पहले से पता चल जाता है कि फसल में कौन-से कीड़े लग सकते हैं, कौन-सी बीमारियाँ हो सकती हैं, मिट्टी को किस खाद की आवश्यकता है, कितनी पानी की जरूरत है और इससे उत्पादन में वृद्धि करने में सहायता मिलती है।

उन्होंने आगे कहा कि हाल ही में संतरे का एक सेमिनार आयोजित किया गया था, जिसमें देश-विदेश की तकनीकें साझा की गईं। इसमें 250 रुपए का प्रवेश शुल्क रखा गया था और 650 से अधिक किसान उपस्थित हुए थे। इससे क्षेत्र में संतरे की उत्पादकता में बड़ा लाभ हुआ है।

गडकरी ने कहा कि यह प्रदर्शनी पिछले 16 वर्षों से चल रही है, जिससे हजारों किसानों को लाभ पहुंचा है। पहले विदर्भ के किसान आत्महत्याओं का शिकार बन गए थे। किसानों को इस संकट से बाहर निकालने के लिए प्रदर्शनी का आयोजन किया गया था। उनकी उत्पादन क्षमता को बढ़ाने और उन्हें सशक्त बनाने के लिए अत्याधुनिक तकनीक और कृषि विकास आवश्यक है।

मीडिया से बातचीत में उन्होंने बताया कि एआई से किसानों को बड़े स्तर पर लाभ मिलेगा। इससे कौन-सी बीमारियाँ लग सकती हैं, इसका पहले से पता चल जाएगा। किस प्रकार के NPK की आवश्यकता है, इसका भी अनुमान लगाया जा सकेगा और कितनी मात्रा में पानी देना है, इसकी जानकारी भी मिलेगी।

उन्होंने आगे कहा कि कृषि से जुड़े उपकरणों में तेजी से परिवर्तन हो रहा है। अब CNG और इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर का चलन बढ़ रहा है।

भारत का खाद्यान्न उत्पादन पिछले 10 वर्षों में 106 मिलियन टन बढ़कर वित्त वर्ष 2024-25 में 357.73 मिलियन टन तक पहुंच गया है, जो कि वित्त वर्ष 2015-16 में 251.54 मिलियन टन था।

सरकार के अनुसार, चावल का उत्पादन बढ़कर 1,501.84 लाख टन हो गया है, जो पिछले साल के 1,378.25 लाख टन से 123.59 लाख टन अधिक है।

गेहूं का उत्पादन भी बढ़कर 1,179.45 लाख टन हो गया है, जो पिछले साल के 1,132.92 लाख टन से 46.53 लाख टन अधिक है।

मूंग का उत्पादन बढ़कर 42.44 लाख टन, सोयाबीन का 152.68 लाख टन और मूंगफली का 119.42 लाख टन हो गया है।

Point of View

तो यह तकनीक किसानों की उत्पादकता को बढ़ाने में सहायक हो सकती है। सरकार को इस दिशा में और प्रोत्साहन देने की आवश्यकता है।
NationPress
21/11/2025

Frequently Asked Questions

किसानों को एआई कैसे मदद कर सकता है?
एआई किसानों को फसल की बीमारियों, कीड़ों और मिट्टी की जरूरतों के बारे में जानकारी प्रदान कर सकता है, जिससे उत्पादन में वृद्धि संभव होती है।
भारत में खाद्यान्न उत्पादन में क्या वृद्धि हुई है?
भारत का खाद्यान्न उत्पादन पिछले 10 वर्षों में 106 मिलियन टन बढ़कर 357.73 मिलियन टन हो गया है।
कृषि उपकरणों में क्या बदलाव हो रहा है?
अब सीएनजी और इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर का चलन तेजी से बढ़ रहा है, जो कृषि में क्रांति ला सकता है।
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