क्या अबू धाबी में भारत-यूएई का संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘डिजर्ट साइक्लोन’ शुरू हो रहा है?

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क्या अबू धाबी में भारत-यूएई का संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘डिजर्ट साइक्लोन’ शुरू हो रहा है?

सारांश

भारत और यूएई का संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘डिजर्ट साइक्लोन–2’ 18 दिसंबर से शुरू होने वाला है। यह अभ्यास दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग को मजबूत करने और सामरिक प्रक्रियाओं की आपसी समझ बढ़ाने पर केंद्रित है। जानिए इस महत्वपूर्ण सैन्य अभ्यास के बारे में और क्या है इसका उद्देश्य।

Key Takeaways

  • संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘डिजर्ट साइक्लोन–2’ 18 दिसंबर से शुरू होगा।
  • इसमें भारतीय और यूएई की सेनाएं एक साथ प्रशिक्षण लेंगी।
  • अभ्यास का उद्देश्य रक्षा सहयोग को सुदृढ़ करना है।
  • शहरी अभियानों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
  • क्षेत्रीय शांति और सुरक्षा में सहयोग बढ़ेगा।

नई दिल्ली, 17 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय सेना का एक दल संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के लिए रवाना हो गया है। यह दल यूएई में संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘डिजर्ट साइक्लोन–2’ का हिस्सा बनेगा। दोनों देशों की सेनाओं का यह संयुक्त अभ्यास 18 दिसंबर से शुरू होने जा रहा है।

रक्षा मंत्रालय के अनुसार, यह महत्वपूर्ण सैन्य अभ्यास 30 दिसंबर तक अबू धाबी में आयोजित किया जाएगा। लगभग दो सप्ताह लंबे इस अभ्यास के दौरान, दोनों देशों के सैनिक निर्मित क्षेत्रों में युद्धाभ्यास करेंगे। हेलिबोर्न ऑपरेशंस किए जाएंगे, जिनमें हेलिकॉप्टर से आतंकवादी क्षेत्रों में प्रवेश, राहत और बचाव का अभ्यास किया जाएगा।

इस अभियान में विस्तृत मिशन योजना निर्माण जैसे विविध सामरिक अभ्यासों पर संयुक्त प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके अतिरिक्त, शहरी अभियानों के लिए मानवरहित हवाई प्रणालियों और काउंटर मानवरहित हवाई प्रणालियों की तकनीकों का भी अभ्यास किया जाएगा। इसमें भारतीय सेना का 45 सदस्यीय दल भाग ले रहा है, जिसमें मुख्य रूप से मैकेनाइज्ड इन्फैंट्री रेजिमेंट की एक बटालियन के सैनिक शामिल हैं।

यूएई की ओर से भी समान संख्या वाली 53 मैकेनाइज्ड इन्फैंट्री बटालियन (यूएई लैंड फोर्सेज) का सैन्य दल अभ्यास में हिस्सा लेगा। अभ्यास का प्रमुख उद्देश्य भारतीय सेना और यूएई लैंड फोर्सेज के बीच आपसी तालमेल (इंटरऑपरेबिलिटी) को बढ़ाना है। इसके साथ ही, यह अभ्यास दोनों के बीच रक्षा सहयोग को सुदृढ़ करेगा।

इसमें शहरी युद्ध परिवेश में संयुक्त प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसमें संयुक्त राष्ट्र के अधिदेश के अंतर्गत उप-पारंपरिक अभियानों पर विशेष ध्यान रहेगा। इससे दोनों सेनाएं शांति स्थापना, आतंकवाद-रोधी और स्थिरता अभियानों में एक साथ प्रभावी रूप से कार्य करने में सक्षम होंगी। यह अभ्यास यूएई लैंड फोर्सेज के कमांडर की 27 और 28 अक्टूबर 2025 की भारत यात्रा तथा यूएई प्रेसीडेंशियल गार्ड के कमांडर की 15 व 19 दिसंबर 2025 की हालिया यात्रा की सकारात्मक गति को आगे बढ़ाता है।

रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि डिजर्ट साइक्लोन–2 अभ्यास भारत और यूएई के बीच द्विपक्षीय रक्षा सहयोग को और अधिक मजबूत करेगा। इस संयुक्त सैन्य अभ्यास का आयोजन भारत और यूएई के बीच गहराते रणनीतिक साझेदारी और सैन्य कूटनीति को रेखांकित करता है।

रक्षा मंत्रालय के अनुसार, यह अभ्यास क्षेत्रीय शांति, सुरक्षा और स्थिरता के प्रति दोनों देशों की साझा प्रतिबद्धता को पुन: पुष्ट करता है। साथ ही, यह दोनों सेनाओं के बीच पेशेवर संबंधों को सुदृढ़ करेगा, सामरिक प्रक्रियाओं की आपसी समझ बढ़ाएगा और अंतर-संचालनीय क्षमताओं (इंटरऑपरेबल कैपेबिलिटीज) के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देगा।

Point of View

बल्कि क्षेत्र में स्थिरता और सुरक्षा को भी बढ़ावा देगा।
NationPress
17/12/2025

Frequently Asked Questions

डिजर्ट साइक्लोन–2 का मुख्य उद्देश्य क्या है?
इस अभ्यास का मुख्य उद्देश्य भारत और यूएई की सेनाओं के बीच आपसी तालमेल को बढ़ाना और रक्षा सहयोग को मजबूत करना है।
यह अभ्यास कब और कहाँ आयोजित किया जाएगा?
यह अभ्यास 18 दिसंबर से 30 दिसंबर तक अबू धाबी में आयोजित किया जाएगा।
इस अभ्यास में कितने सैनिक भाग ले रहे हैं?
इस अभ्यास में भारतीय सेना का 45 सदस्यीय दल और यूएई का 53 सदस्यीय दल भाग ले रहा है।
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