क्या वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही में 7.8 प्रतिशत की वृद्धि दर भारतीय अर्थव्यवस्था की मजबूती को दर्शाती है?

सारांश
Key Takeaways
- वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही में 7.8 प्रतिशत की वृद्धि दर
- अच्छा प्रदर्शन सभी सेक्टरों से
- कृषि क्षेत्र ने भी सुधार दिखाया
- अमेरिकी टैरिफ के बावजूद विकास
- भारतीय रिजर्व बैंक का 6.5 प्रतिशत का अनुमान
नई दिल्ली, 31 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही में 7.8 प्रतिशत की विकास दर भारतीय अर्थव्यवस्था की मजबूती को प्रदर्शित करती है। यह जानकारी एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी द्वारा प्रदान की गई है।
आर्थिक कार्य विभाग की सचिव अनुराधा ठाकुर ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि जीडीपी की वृद्धि दर व्यापक है और सभी सेक्टरों का प्रदर्शन अच्छा है।
उन्होंने कहा, "पहली तिमाही में आपूर्ति में हमने चौतरफा वृद्धि देखी है। विनिर्माण, निर्माण और इंजीनियरिंग क्षेत्र में गतिविधियों में मजबूती बनी हुई है।"
ठाकुर के अनुसार, कृषि क्षेत्र ने भी अच्छा प्रदर्शन किया है, रबी की फसल और खरीफ की बुवाई दोनों पिछले स्तर से बेहतर रही हैं। हमारे पास अच्छी बारिश के साथ अच्छा बफर स्टॉक है।
अमेरिकी टैरिफ के बावजूद, भारत की अर्थव्यवस्था की विकास दर वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में 7.8 प्रतिशत रही है, जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में यह 6.5 प्रतिशत थी।
एनएसओ द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल-जून की अवधि में देश की वास्तविक जीडीपी 47.89 लाख करोड़ रुपए रही, जो पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 44.42 लाख करोड़ रुपए थी।
वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही में कृषि और उससे जुड़े क्षेत्रों की वास्तविक जीवीए वृद्धि 3.7 प्रतिशत रही, जो पिछले वर्ष की समान तिमाही में 1.5 प्रतिशत थी।
द्वितीय क्षेत्र की विकास दर वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही में 7.5 प्रतिशत रही है। इसमें मैन्युफैक्चरिंग की विकास दर 7.7 प्रतिशत और कंस्ट्रक्शन की विकास दर 7.6 प्रतिशत रही है।
तृतीय क्षेत्र, जिसमें सेवाएं शामिल हैं, की विकास दर वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही में 9.3 प्रतिशत रही है।
भारतीय रिजर्व बैंक ने पूरे वित्त वर्ष के लिए देश की जीडीपी वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है, जबकि आईएमएफ का अनुमान है कि वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच भारत 6 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि दर बनाए रखने वाली एकमात्र बड़ी अर्थव्यवस्था होगी।