क्या इंडोनेशिया में भारतीय दूतावास ने डिफेंस अताशे के बयान पर सफाई दी?

सारांश
Key Takeaways
- भारतीय दूतावास ने कैप्टन शिव कुमार के बयान पर सफाई दी।
- बयान को संदर्भ से हटाकर पेश किया गया था।
- भारतीय सेना नागरिक नेतृत्व के अधीन काम करती है।
- 'ऑपरेशन सिंदूर' का उद्देश्य आतंकियों को निशाना बनाना था।
- सेमिनार का लक्ष्य भारत और पड़ोसी देशों की सैन्य व्यवस्था के बीच अंतर को समझाना था।
जकार्ता, २९ जून (राष्ट्र प्रेस)। इंडोनेशिया में भारतीय दूतावास ने रविवार को एक आधिकारिक बयान जारी करते हुए उन मीडिया रिपोर्ट्स को खारिज किया है, जिनमें भारत के रक्षा सलाहकार (डिफेंस अताशे) कैप्टन शिव कुमार के हालिया सेमिनार में दिए गए बयान को "गलत संदर्भ में" प्रस्तुत किया गया था।
दूतावास ने स्पष्ट किया कि कैप्टन शिव कुमार के वक्तव्य को संदर्भ से हटाकर, तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है, जबकि उनका असली उद्देश्य भारतीय सशस्त्र बलों की लोकतांत्रिक व्यवस्था के तहत नागरिक नेतृत्व के प्रति प्रतिबद्धता और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की रणनीति को रेखांकित करना था।
यह सेमिनार इंडोनेशियाई वायुसेना विश्वविद्यालय में आयोजित हुआ था, जिसका लक्ष्य भारत की सैन्य व्यवस्था और कुछ पड़ोसी देशों की व्यवस्था के बीच संरचनात्मक अंतर को समझाना था।
दूतावास ने कहा कि भारतीय सेना पूरी तरह से नागरिक नेतृत्व के अधीन काम करती है, जो कि भारतीय लोकतंत्र का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है।
बयान में यह भी बताया गया है कि कैप्टन शिव कुमार द्वारा अन्य देशों का उल्लेख केवल तुलनात्मक उद्देश्य से किया गया था और उसका आशय किसी देश की आलोचना करना नहीं था।
यह सफाई ऐसे समय में आई है, जब भारत अपनी रक्षा क्षमताओं के आधुनिकीकरण की दिशा में तेजी से काम कर रहा है और वैश्विक मंच पर उसकी रणनीतिक भूमिका को लेकर चर्चाएं तेज हो रही हैं।
दूतावास ने यह भी संकेत दिया है कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और सेमिनार की अन्य प्रमुख बातों से संबंधित अधिक जानकारी आने वाले दिनों में सार्वजनिक की जा सकती है।
उल्लेखनीय है कि पहलगाम हमले के जवाब में भारत ने पाकिस्तान और पीओके में 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत आतंकी ठिकानों को नेस्तनाबूत कर दिया था। इसके साथ ही, पाकिस्तान में कई सैन्य ठिकानों पर हमले किए गए थे।