क्या भारतीय नौसेना का पोत सह्याद्री दक्षिण चीन सागर और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में मलेशिया की यात्रा पर है?

Click to start listening
क्या भारतीय नौसेना का पोत सह्याद्री दक्षिण चीन सागर और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में मलेशिया की यात्रा पर है?

सारांश

भारतीय नौसेना का पोत आईएनएस सह्याद्री मलेशिया के बंदरगाह पर औपचारिक दौरा कर रहा है। यह यात्रा दक्षिण चीन सागर और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भारतीय नौसेना की तैनाती का हिस्सा है। इस दौरे को लेकर मलेशियाई नौसेना ने गर्मजोशी से स्वागत किया, जो दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक संबंधों को दर्शाता है।

Key Takeaways

  • आईएनएस सह्याद्री की मलेशिया यात्रा भारतीय नौसेना की तैनाती का महत्वपूर्ण हिस्सा है।
  • यह यात्रा दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक और समुद्री परंपराओं का उत्सव है।
  • इसके अंतर्गत व्यावसायिक बातचीत और संयुक्त प्रशिक्षण शामिल हैं।
  • यह यात्रा भारत और मलेशिया के बीच संबंधों को सशक्त करती है।
  • भारतीय नौसेना की यह पहल समुद्री सुरक्षा को बढ़ावा देती है।

नई दिल्ली, 5 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय नौसेना का स्वदेशी स्टील्थ फ्रिगेट आईएनएस सह्याद्री ने अपनी परिचालन तैनाती के अंतर्गत मलेशिया के बंदरगाह का औपचारिक दौरा किया है। यह यात्रा भारतीय नौसेना के पूर्वी बेड़े की दक्षिण चीन सागर और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चल रही तैनाती का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। मलेशियाई नौसेना ने जहाज का गर्मजोशी से स्वागत किया, जो दो देशों के बीच सांस्कृतिक संबंधों और साझा समुद्री परंपराओं का उत्सव है।

आईएनएस सह्याद्री, जिसे स्वदेशी रूप से डिजाइन और निर्मित किया गया है, 2012 में कमीशन किया गया था। यह शिवालिक श्रेणी के गाइडेड मिसाइल स्टील्थ फ्रिगेट्स में तीसरा पोत है। यह पोत ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान का प्रतीक है और कई द्विपक्षीय एवं बहुपक्षीय नौसैनिक अभ्यासों का हिस्सा रहा है।

भारतीय नौसेना के अनुसार, यह आईएनएस सह्याद्री की मलेशिया की तीसरी यात्रा है। इससे पहले, यह पोत 2016 में पोर्ट क्लांग पर सद्भावना मिशन के अंतर्गत गया था और 2019 में कोटा किनाबालु में समुद्री अभ्यास में भाग ले चुका है। ये यात्रा भारत और मलेशिया के बीच बढ़ते नौसैनिक सहयोग और आपसी विश्वास का प्रतीक हैं।

आईएनएस सह्याद्री की यह तैनाती भारत की एक जिम्मेदार समुद्री शक्ति के रूप में उसकी भूमिका को रेखांकित करती है। यह मलेशियाई बंदरगाह पर यात्रा दोनों देशों की नौसेनाओं के बीच परिचालन क्षमता में सहयोग और सर्वोत्तम प्रथाओं के आदान-प्रदान को मजबूत करने के लिए है। यह यात्रा तीन दिनों की है, जिसमें पोत के कमांडिंग ऑफिसर ने मलेशियाई नौसेना के वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात की।

यात्रा के दौरान व्यावसायिक बातचीत, अधिकारियों के बीच क्रॉस विजिट, संयुक्त प्रशिक्षण, खेल मुकाबले और मलेशियाई सांस्कृतिक स्थलों का भ्रमण शामिल रहा। भारतीय नौसेना के कर्मियों ने एक योग सत्र और चैरिटी कार्यक्रम का आयोजन भी किया, जो स्वास्थ्य और भारत-मलेशिया मित्रता के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

रक्षा विशेषज्ञों के अनुसार, भारत और मलेशिया के संबंध गहरे ऐतिहासिक, सांस्कृतिक, सामाजिक और आर्थिक आधार पर स्थापित हैं। बदलते भू-राजनीतिक परिदृश्य में, दोनों देशों ने क्षेत्रीय सहयोग को सशक्त करने के लिए अपने प्रयासों को तेज किया है। भारत और मलेशिया की नौसेनाएं वर्षों से सहयोग बढ़ा रही हैं।

वर्ष 2024 में आयोजित फील्ड ट्रेनिंग एक्सरसाइज के तीसरे संस्करण की सफल समाप्ति ने सिद्ध किया है कि भारत और मलेशिया दोनों हिंद-प्रशांत क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा और सहयोग को सुदृढ़ करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

Point of View

जो उसकी समुद्री शक्ति और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में रणनीतिक भागीदारी को मजबूत करती है। भारतीय नौसेना की यह पहल न केवल सुरक्षा को सुदृढ़ करती है, बल्कि दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक और आर्थिक संबंधों को भी प्रगाढ़ बनाती है।
NationPress
05/10/2025

Frequently Asked Questions

आईएनएस सह्याद्री क्या है?
आईएनएस सह्याद्री भारतीय नौसेना का एक स्वदेशी स्टील्थ फ्रिगेट है, जो गाइडेड मिसाइल प्रणाली से लैस है।
इस यात्रा का उद्देश्य क्या है?
इस यात्रा का उद्देश्य भारत और मलेशिया के बीच नौसैनिक सहयोग और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को सुदृढ़ करना है।
आईएनएस सह्याद्री की मलेशिया में यह यात्रा कितनी महत्वपूर्ण है?
यह यात्रा भारत की समुद्री शक्ति और क्षेत्रीय सुरक्षा में उसके योगदान को उजागर करती है।