क्या सरकार ने जन सुरक्षा कानून भाजपा कार्यकर्ताओं की मनमानी के लिए लाया?

सारांश
Key Takeaways
- प्रवीण गायकवाड पर हमला महाराष्ट्र में राजनीतिक तनाव को बढ़ा रहा है।
- नाना पटोले का आरोप है कि जन सुरक्षा कानून का दुरुपयोग किया जा रहा है।
- कृषि केंद्रों में किसानों के साथ धोखाधड़ी का मामला भी उठाया गया है।
भंडारा, १४ जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। संभाजी ब्रिगेड के प्रदेश अध्यक्ष और सामाजिक कार्यकर्ता प्रवीण गायकवाड पर हुए हमले ने महाराष्ट्र की राजनीतिक स्थिति में गरमी ला दी है। कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने सोमवार को इस घटना की कड़ी निंदा की और प्रदेश सरकार पर गंभीर आरोप लगाए।
उन्होंने कहा, "सरकार ने जन सुरक्षा कानून को भाजपा कार्यकर्ताओं की मनमानी के लिए लागू किया है। भाजपा के कार्यकर्ता सामाजिक संगठनों को दबाने का प्रयास कर रहे हैं। रविवार को हुए प्रदर्शन के बाद जो हुआ, उसमें प्रवीण गायकवाड पर जो हमला हुआ, उसकी हम कड़ी भर्त्सना करते हैं।"
उन्होंने आगे कहा, "सरकार ने जन सुरक्षा कानून इसलिए बनाया है ताकि भाजपा के कार्यकर्ताओं को सामाजिक संगठनों पर हमले करने का अधिकार मिल सके। क्या उन हमलावरों पर एफआईआर दर्ज की गई है? क्या उन पर उचित कार्रवाई की जाएगी? क्या सरकार प्रवीण गायकवाड को सुरक्षा प्रदान करेगी? आज कई प्रश्न उठ खड़े हुए हैं। हम महाराष्ट्र में सरकार की मनमानी नहीं चलने देंगे और अपनी लड़ाई जारी रखेंगे।"
वास्तव में, महाराष्ट्र के अक्कलकोट में रविवार को प्रवीण गायकवाड एक सम्मान समारोह में शामिल होने गए थे। जैसे ही वह अपनी गाड़ी से उतरे, कुछ लोगों ने उन पर स्याही और ग्रीस फेंका। इसके साथ ही उनके कपड़े फाड़ने और गाड़ी में तोड़फोड़ की गई। गायकवाड के अनुसार, हमलावरों ने खुद को शिवधर्म फाउंडेशन का बताया।
इसके अलावा, नाना पटोले और सांसद डॉ. प्रशांत पडोले ने भंडारा कलेक्ट्रेट में कृषि अधिकारियों की बैठक भी की। इस अवसर पर नाना पटोले ने आरोप लगाया कि भंडारा जिले में मिलने वाली खाद्य सामग्री बेची जा रही है और कालाबाजारी को रोकने के लिए तुरंत कदम उठाए जाने चाहिए।
सरकार पर किसानों के हितों की अनदेखी का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा, "खरीफ सीजन की शुरुआत हो चुकी है। कृषि केंद्र संचालक किसानों को बड़े पैमाने पर लूट रहे हैं। खाद की जबरदस्ती बिक्री की जा रही है। ऐसे में किसानों के साथ हो रही लूट को रोकने के लिए खाद निर्माता कंपनी के खिलाफ तुरंत पुलिस में मामला दर्ज कराएं और किसानों की लूट रोकें।"