क्या केंद्र की योजना के तहत 1,100 से ज्यादा एफपीओ ने 1 करोड़ रुपए का कारोबार किया?

Click to start listening
क्या केंद्र की योजना के तहत 1,100 से ज्यादा एफपीओ ने 1 करोड़ रुपए का कारोबार किया?

सारांश

केंद्र की प्रोत्साहन योजना के तहत 1,100 से ज्यादा एफपीओ ने 1 करोड़ रुपए का कारोबार पार कर लिया है। इस योजना ने किसानों की आय को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। जानें इस योजना के विवरण और किसानों के लाभ के बारे में।

Key Takeaways

  • केंद्र सरकार की योजना ने 1,100 से ज्यादा एफपीओ को 1 करोड़ रुपए का कारोबार करने में मदद की है।
  • किसानों की संख्या 30 लाख को पार कर गई है, जिसमें 40% महिलाएं शामिल हैं।
  • एफपीओ का उद्देश्य किसानों की आय बढ़ाना और बाजार तक पहुंच प्रदान करना है।
  • इस योजना के तहत 18 लाख रुपए की वित्तीय सहायता मिलती है।
  • यह योजना 2027-28 तक प्रभावी रहेगी।

नई दिल्ली, 21 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा एकत्रित आंकड़ों के अनुसार, केंद्र सरकार की विशेष प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत स्थापित किए गए 10,000 किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) में से 1,100 से अधिक एफपीओ अब 1 करोड़ रुपए का कारोबार कर चुके हैं।

इस एफपीओ योजना में किसानों की संख्या 30 लाख को पार कर गई है, जिसमें लगभग 40 प्रतिशत महिलाएं शामिल हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने जानकारी दी कि ये एफपीओ अब कृषि क्षेत्र में हजारों करोड़ रुपए का कारोबार कर रहे हैं।

एफपीओ का मुख्य उद्देश्य किसानों की आय में वृद्धि करना और छोटे किसानों को महत्वपूर्ण बाजार लाभों तक सीधी पहुंच और सौदेबाजी की शक्ति प्रदान करना है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 29 फरवरी, 2020 को इस योजना की शुरुआत की गई थी, जिसमें प्रत्येक नए एफपीओ को पांच वर्षों की अवधि के लिए सहायता और 18 लाख रुपए की वित्तीय सहायता देने का प्रावधान है।

इसके साथ ही, एफपीओ के प्रत्येक किसान सदस्य को 2,000 रुपए तक का इक्विटी अनुदान और 2 करोड़ रुपए तक के परियोजना ऋण के लिए ऋण गारंटी सुविधा भी उपलब्ध कराई जाती है।

यह योजना 2027-28 तक 6,865 करोड़ रुपए के बजट के साथ शुरू की गई थी। इसके आरंभ के बाद से, 4,761 एफपीओ को 254.4 करोड़ रुपए का इक्विटी अनुदान और 1,900 एफपीओ को 453 करोड़ रुपए का ऋण गारंटी कवर दिया गया है।

किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) पंजीकृत संस्थाएं हैं, जो कृषि और संबंधित क्षेत्रों के उत्पादन एवं विपणन में सामूहिक लाभ उठाने के लिए गठित की जाती हैं।

अधिकारी ने बताया कि अन्य मंत्रालय भी एफपीओ के माध्यम से किसानों की आय बढ़ाने की दिशा में सक्रिय हैं। उदाहरणस्वरूप, मसाला बोर्ड ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए "निर्यात विकास के लिए प्रगतिशील, नवोन्मेषी और सहयोगात्मक हस्तक्षेपों के माध्यम से मसाला क्षेत्र में स्थिरता (एसपीआईसीईडी)" योजना की शुरुआत की है, जिसमें किसानों और एफपीओ को मसालों के उत्पादन, गुणवत्ता और निर्यात को बढ़ाने के लिए वित्तीय सहायता दी जाती है।

इस योजना का उद्देश्य छोटी और बड़ी इलायची की उत्पादकता में वृद्धि, कटाई के बाद की प्रक्रियाओं की गुणवत्ता में सुधार करना और मूल्यवर्धित, जीआई-टैग और जैविक मसालों के उत्पादन एवं निर्यात को प्रोत्साहित करना है।

Point of View

यह स्पष्ट है कि केंद्र सरकार की योजनाएं कृषि क्षेत्र में एक सकारात्मक बदलाव ला रही हैं। इस दिशा में उठाए गए कदमों से किसानों को न केवल वित्तीय सहायता मिल रही है, बल्कि उन्हें बाजार में भी प्रतिस्पर्धा करने की ताकत मिल रही है।
NationPress
21/07/2025

Frequently Asked Questions

एफपीओ क्या होते हैं?
एफपीओ, किसान उत्पादक संगठन होते हैं, जो किसानों के हितों की रक्षा और उनकी आय को बढ़ाने के लिए गठित किए जाते हैं।
इस योजना का उद्देश्य क्या है?
इस योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों की आय को बढ़ाना और उन्हें बाजार में बेहतर अवसर प्रदान करना है।
कितने किसान इस योजना से लाभान्वित हुए हैं?
इस योजना से 30 लाख से अधिक किसान लाभान्वित हुए हैं।
इस योजना में वित्तीय सहायता का क्या प्रावधान है?
इस योजना के अंतर्गत प्रत्येक नए एफपीओ को 18 लाख रुपए की वित्तीय सहायता दी जाती है।
क्या इस योजना का कोई समयसीमा है?
यह योजना 2027-28 तक चलने का प्रावधान है।