क्या केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता की स्थिति की समीक्षा की?
सारांश
Key Takeaways
- दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण की स्थिति की समीक्षा
- सभी अधिकारियों से ठोस कार्रवाई रिपोर्ट की मांग
- जीरो टॉलरेंस नीति का पालन
- पराली प्रबंधन के लिए जिलावार योजना
- सड़क धूल को कम करने के लिए नए उपाय
नई दिल्ली, 11 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने मंगलवार को दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण की स्थिति की समीक्षा करने के लिए एक उच्चस्तरीय बैठक का आयोजन किया। इस बैठक में उन्होंने सभी संबंधित राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के अधिकारियों से अनुरोध किया कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में वायु प्रदूषण प्रबंधन के लिए ठोस कार्रवाई रिपोर्ट प्रस्तुत करें। यह बैठक दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में वायु प्रदूषण की रोकथाम और नियंत्रण के लिए आयोजित चौथी समीक्षा बैठक थी। बैठक में दिल्ली सरकार के पर्यावरण मंत्री सरदार मनजिंदर सिंह सिरसा भी उपस्थित रहे।
भूपेंद्र यादव ने वायु प्रदूषण नियंत्रण के प्रयासों की समीक्षा करते हुए अधिकारियों से पराली प्रबंधन के लिए जिलावार योजना तैयार करने और निगरानी रखने का निर्देश दिया। उन्होंने यह भी कहा कि जिला अधिकारियों को फसल अवशेष प्रबंधन (सीआरएम) मशीनों के संचालन पर किसानों के लिए क्षमता निर्माण और प्रशिक्षण सुनिश्चित करना चाहिए।
केंद्रीय मंत्री ने नगर पालिका ठोस अपशिष्ट (एमएसडब्ल्यू) जलाने के खिलाफ जीरो टॉलरेंस रखने और निगरानी बनाए रखने पर भी जोर दिया। उन्होंने एनसीआर के नगरपालिका अधिकारियों से अपशिष्ट प्रबंधन में कमियों को समाप्त करने के लिए सख्त समयसीमा तैयार करने का अनुरोध किया। पर्यावरण मंत्री ने अधिकारियों को एमएसडब्ल्यू प्रबंधन के सर्वोत्तम तरीकों को साझा करने के लिए प्रोत्साहित किया।
उन्होंने दिल्ली-एनसीआर के रेड कैटेगरी के उद्योगों में ऑनलाइन सतत उत्सर्जन निगरानी प्रणाली (ओसीईएमएस) और वायु प्रदूषण नियंत्रण उपकरणों (एपीसीडी) की स्थापना को मिशन मोड में शुरू करने का निर्देश दिया। सड़क की धूल कम करने के लिए एनसीआर के शहरी/औद्योगिक क्षेत्रों के लिए सड़क पुनर्विकास रोडमैप की समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को सड़क निर्माण कार्यों की गुणवत्ता और समय पर पूरा होने की सुनिश्चितता पर ध्यान देने को कहा।
इसके साथ ही, उन्होंने विभिन्न प्राधिकरणों को सड़कों के किनारे हरियाली बढ़ाने के लिए मिशन मोड में कार्य करने के लिए प्रोत्साहित किया, ताकि धूल के उत्सर्जन को कम किया जा सके। उन्होंने सुझाव दिया कि एनसीआर के नगर निगम संबंधित वन विभागों के साथ मिलकर नर्सरियों में पौधे उगाना शुरू करें, जिन्हें बाद में बंजर वन भूमि पर बड़े पैमाने पर लगाया जा सके।
केंद्रीय मंत्री ने सभी हितधारकों के साथ समन्वित कार्रवाई और सहयोग के माध्यम से क्षेत्र में वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया। इस बैठक में सीएक्यूएम, सीपीसीबी, दिल्ली, हरियाणा और पंजाब की सरकारों, एनसीआर शहरों के नगर आयुक्तों और अन्य प्रमुख हितधारकों ने भाग लिया।