क्या बिहार में 'आयुष्मान भारत योजना' से ग्रामीणों को लाभ मिल रहा है?

सारांश
Key Takeaways
- आयुष्मान भारत योजना गरीब परिवारों के लिए आर्थिक सहायता है।
- इस योजना के तहत प्रति परिवार 5 लाख रुपए की सहायता मिलती है।
- यह योजना स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार लाने में मदद कर रही है।
- लोगों के अनुभव इस योजना की प्रभावशीलता को दर्शाते हैं।
- यह योजना वैश्विक स्तर पर सबसे बड़ी स्वास्थ्य योजना है।
वैशाली, 8 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। केंद्र सरकार, जो मोदी के नेतृत्व में है, ने आम जनता के कल्याण के लिए अनेक जनहित योजनाएं शुरू की हैं। इनमें से एक है आयुष्मान भारत योजना, जिसका लाभ वैशाली के ग्रामीणों को भी मिल रहा है।
आयुष्मान भारत योजना प्रधानमंत्री मोदी की महत्वपूर्ण योजनाओं में से एक है, जिसके अंतर्गत लाभार्थियों को इलाज के लिए पांच लाख रुपए तक का मुफ्त सहायता मिलती है।
वैशाली जिले के जंदाहा प्रखंड स्थित अरनिया पंचायत के निवासी मनोहर दास ने भी इस योजना का लाभ उठाया। एक समय पर उनके मुंह से लगातार 24 घंटे तक खून बह रहा था। इस योजना के तहत उन्हें मुफ्त इलाज मिला और वह स्वस्थ होकर अपने घर लौट आए। उन्होंने इस योजना के लिए केंद्र सरकार का धन्यवाद किया।
मनोहर दास ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत करते हुए कहा, "कुछ महीने पहले लगातार 24 घंटे तक मेरे मुंह से खून बह रहा था। स्थानीय अस्पताल में भर्ती होने के बाद मुझे पटना के सगुना मोड़ स्थित अस्पताल में बेहतर इलाज के लिए ले जाया गया। वहाँ चार दिनों तक इलाज के बाद 'आयुष्मान भारत योजना' के तहत कार्ड की मांग की गई। जब मैंने उन्हें अपना आयुष्मान कार्ड दिया तो मुझे और भी बेहतर उपचार मिला। सभी सुविधाएँ जैसे कि समय-समय पर देखभाल, खाना-नाश्ता भी उपलब्ध कराया गया। अब मैं अपने परिवार के साथ स्वस्थ हूँ। इसके लिए हम प्रधानमंत्री को धन्यवाद देना चाहते हैं। केंद्र सरकार की यह योजना मध्यम और गरीब वर्गीय परिवारों के लिए वरदान साबित हो रही है।
यह उल्लेखनीय है कि आयुष्मान भारत दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य योजना है, जो 12 करोड़ से अधिक गरीब और कमजोर परिवारों, लगभग 55 करोड़ व्यक्तियों को लक्षित करती है। यह योजना माध्यमिक और तृतीयक अस्पताल में भर्ती होने के लिए प्रति परिवार 5 लाख रुपए का वार्षिक स्वास्थ्य कवर प्रदान करती है।