क्या बिहार चुनाव में बाढ़ प्रभावित कृषि प्रधान क्षेत्र चेरिया बरियारपुर पार्टियों को चुनौती देगा?

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क्या बिहार चुनाव में बाढ़ प्रभावित कृषि प्रधान क्षेत्र चेरिया बरियारपुर पार्टियों को चुनौती देगा?

सारांश

बेगूसराय के चेरिया बरियारपुर विधानसभा क्षेत्र में 2025 के चुनावों से पहले बाढ़ और कृषि मुद्दों का सामना करना होगा। इस सीट का चुनावी इतिहास चौंकाने वाला रहा है, और यह एनडीए के लिए चुनौतीपूर्ण साबित हो सकता है। जानें इस क्षेत्र के चुनावी समीकरण और संभावनाओं के बारे में।

Key Takeaways

  • चेरिया बरियारपुर का चुनावी इतिहास चौंकाने वाला है।
  • बाढ़ ने यहाँ के किसानों को प्रभावित किया है।
  • जातीय समीकरण चुनावी नतीजों को प्रभावित करेंगे।
  • 2025 चुनाव में मुख्य मुद्दे रोजगार और कृषि सुधार होंगे।
  • एनडीए को जीत के लिए कठिनाई का सामना करना पड़ सकता है।

बेगूसराय, 5 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारियों में तेजी आ गई है, जिसमें बेगूसराय जिले की चेरिया बरियारपुर (सीट नंबर 141) सीट विशेष रूप से चर्चा का विषय बनी हुई है। इस सीट के चुनावी परिणाम हर बार आश्चर्यजनक रहे हैं, क्योंकि मतदाता अक्सर बदलाव के पक्ष में निर्णय लेते हैं। हालांकि, 2020 विधानसभा चुनाव में राजद ने इस सीट से बड़े अंतर से जीत हासिल की थी। ऐसे में एनडीए को यहां जीत पाने के लिए कठिन संघर्ष करना पड़ सकता है।

चेरिया बरियारपुर बेगूसराय लोकसभा क्षेत्र के सात विधानसभा क्षेत्रों में से एक है, जिसमें बछवाड़ा, तेघरा, मटिहानी, साहबपुर कमाल, बेगूसराय और बखरी (एससी) शामिल हैं। यह सामुदायिक विकास खंड मध्य गंगा मैदान में स्थित है। बेगूसराय शहर से 22 किमी दूर, यह क्षेत्र बुढ़ी गंडक, करेह और बागमती नदियों से घिरा हुआ है। यहाँ की उपजाऊ मिट्टी कृषि को मुख्य आजीविका बनाती है, जिसमें धान, गेहूं और मक्का प्रमुख फसलें हैं।

हाल के वर्षों में बाढ़ ने लाखों हेक्टेयर फसल को नष्ट कर दिया है, जिससे किसान परेशान हैं। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने बेगूसराय को बाढ़ प्रभावित जिला घोषित करने की मांग की है। चेरिया बरियारपुर से पटना की दूरी 120 किमी है।

1977 में गठित यह सीट चेरिया-बरियारपुर, चौराही ब्लॉकों और नवकोठी के कुछ पंचायतों को कवर करती है। जातीय समीकरण में कुशवाहा समुदाय का दबदबा है, साथ ही यादव, भूमिहार और अन्य पिछड़े वर्ग के मतदाता प्रभावी हैं।

अब तक 11 बार विधानसभा चुनाव हो चुके हैं, और परिणाम अक्सर बदलते रहे हैं। 1977-85 में कांग्रेस, 1990-95 में जनता दल, 2005 में लोजपा, 2010-15 में जदयू और 2000-2020 में राजद ने जीत हासिल की। राजद की जीतें भारी अंतर से रही हैं, जिसमें 2000 में 35,154 वोट और 2020 में राजबंशी महतो ने जदयू की मंजू वर्मा को 40,897 वोटों से हराया।

आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, इस क्षेत्र की कुल जनसंख्या 4,44,930 है, जिसमें पुरुष 2,31,869 और महिलाएं 2,13,061 हैं। इस क्षेत्र में कुल मतदाता 2,71,391 हैं।

2025 चुनाव में बाढ़ नियंत्रण, रोजगार, शिक्षा और कृषि सुधार जैसे मुद्दे प्रमुख रहेंगे। विपक्ष महागठबंधन और एनडीए के बीच टक्कर होगी। बेगूसराय एक समय वामपंथी विचारों का गढ़ रहा है, लेकिन अब जातीय समीकरण निर्णायक होंगे।

Point of View

ताकि वे सही रणनीति बना सकें।
NationPress
05/10/2025

Frequently Asked Questions

चेरिया बरियारपुर की प्रमुख फसलें कौन सी हैं?
यहां की प्रमुख फसलें धान, गेहूं और मक्का हैं।
चेरिया बरियारपुर की कुल जनसंख्या कितनी है?
इस क्षेत्र की कुल जनसंख्या 4,44,930 है।
बाढ़ का चेरिया बरियारपुर पर क्या प्रभाव पड़ा है?
बाढ़ ने लाखों हेक्टेयर फसल को नष्ट कर दिया है, जिससे किसान परेशान हैं।
2025 के चुनाव में कौन से मुद्दे महत्वपूर्ण होंगे?
बाढ़ नियंत्रण, रोजगार, शिक्षा और कृषि सुधार जैसे मुद्दे महत्वपूर्ण होंगे।
चेरिया बरियारपुर में कौन सी राजनीतिक पार्टियों के बीच मुकाबला होगा?
विपक्ष महागठबंधन और एनडीए के बीच मुकाबला होगा।