क्या तेजस्वी की दाल नहीं गलेगी? बिहार की जनता एनडीए के पक्ष में: उपेंद्र कुशवाहा

सारांश
Key Takeaways
- उपेंद्र कुशवाहा का एनडीए के पक्ष में रुख
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह का बिहार दौरा
- 225 सीटों का लक्ष्य
- तेजस्वी यादव की चुनावी यात्रा पर टिप्पणी
- गठबंधन में सीट बंटवारे पर स्पष्टता
पटना, 16 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। जैसे-जैसे बिहार विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं, राजनीतिक दलों की गतिविधियाँ बढ़ती जा रही हैं। केंद्र और अन्य राज्यों के प्रमुख नेता लगातार बिहार का दौरा कर रहे हैं और जनता के बीच जाकर अपनी पार्टी को बेहतर विकल्प साबित करने के प्रयास में जुटे हैं। इसी क्रम में एनडीए नेता और सांसद उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि जनता का झुकाव साफ तौर पर एनडीए के पक्ष में है।
कुशवाहा ने गृहमंत्री अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बिहार आगमन पर कहा कि यह स्वाभाविक है, चुनाव का समय है और हमें बेहतर से बेहतर रणनीति बनानी होगी। प्रधानमंत्री जब भी बिहार आते हैं, तो राज्य को विकास की बड़ी सौगातें देकर जाते हैं।
गृह मंत्री अमित शाह का भी दौरा होगा और पार्टी नेताओं के बीच रणनीति पर विमर्श किया जाएगा। उन्होंने दावा किया कि विधानसभा चुनाव में एनडीए का लक्ष्य 225 सीटें जीतने का है और इसे प्राप्त करने के लिए पूरा प्रयास किया जा रहा है।
एनडीए के अंदर सीट शेयरिंग से संबंधित सवाल पर कुशवाहा ने बताया कि इसमें किसी तरह की देरी नहीं होगी। अब तक औपचारिक बातचीत नहीं हुई है, लेकिन जल्द ही इस पर निर्णय हो जाएगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि गठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर कोई विवाद नहीं है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के घुसपैठियों वाले बयान का समर्थन करते हुए कुशवाहा ने कहा कि बाहर से आने वाले अनधिकृत लोगों को देश में रहने का कोई अधिकार नहीं है और उन्हें वापस जाना चाहिए। प्रधानमंत्री ने यह बिल्कुल सही कहा है।
प्रधानमंत्री के मंच पर पप्पू यादव की उपस्थिति से संबंधित सवाल पर कुशवाहा ने कहा कि इसमें कोई विशेष अर्थ निकालने की आवश्यकता नहीं है।
उपेंद्र कुशवाहा ने तेजस्वी यादव की अधिकार यात्रा पर कटाक्ष करते हुए कहा कि हर पार्टी चुनाव से पहले तैयारी करती है और अपने कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाने का प्रयास करती है, लेकिन इस बार तेजस्वी यादव की दाल नहीं गलने वाली है। जनता एनडीए के पक्ष में है और एक बार फिर से एनडीए की ही सरकार बनेगी।
जीतन राम मांझी के ब्राह्मण समाज से जुड़े विवादित बयान पर कुशवाहा ने कहा कि इसका जवाब मांझी जी खुद ही देंगे। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि गठबंधन के सभी नेताओं को मर्यादा का ध्यान रखते हुए बयान देना चाहिए, क्योंकि गलत संदेश गठबंधन को नुकसान पहुंचा सकता है।