क्या बिहार चुनाव में एनडीए की प्रचंड जीत केवल एक ट्रेलर है, बंगाल अभी बाकी है?: प्रदीप भंडारी
सारांश
Key Takeaways
- बिहार में एनडीए की शानदार जीत
- विकास की प्राथमिकता
- जाति आधारित राजनीति से ऊपर उठना
- महिलाओं और युवाओं की भागीदारी
- बंगाल में संभावित चुनावी परिणाम
नई दिल्ली, 16 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार चुनाव में एनडीए की शानदार जीत पर भाजपा के अनुभवी नेता प्रदीप भंडारी, बिहार सरकार के मंत्री हरि साहनी और भाकपा (माले) महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने अपनी प्रतिक्रिया दी। उनका मानना है कि बिहार की जनता ने विकास को प्राथमिकता दी है।
भाजपा नेता प्रदीप भंडारी ने एनडीए की ऐतिहासिक जीत को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन की जीत बताया। उन्होंने कहा कि बिहार की जनता ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वे प्रधानमंत्री मोदी के विकास के एजेंडे के साथ हैं। उन्होंने राहुल गांधी और विपक्ष के सभी झूठों का पर्दाफाश कर दिया है। कांग्रेस अब दोफाड़ हो चुकी है, उसके नेता भी राहुल गांधी के खिलाफ बोल रहे हैं।
उन्होंने राजद पर परिवारवाद का आरोप लगाते हुए कहा कि आरजेडी में खुलकर परिवारवाद चल रहा है। बिहार की महिलाएं और युवा वोट देने में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेकर यह दिखा चुके हैं कि वे विकास चाहते हैं। यह महिलाओं और युवाओं की जीत है। भंडारी ने आगे कहा कि बिहार तो ट्रेलर है, इसके बाद बंगाल बाकी है।
बिहार सरकार में मंत्री हरि साहनी ने एनडीए की जीत को दोहरी खुशी बताया। उन्होंने कहा कि पहली खुशी एनडीए की शानदार जीत की है और दूसरी खुशी इस बात की है कि बिहार की जनता ने जाति आधारित राजनीति से ऊपर उठकर वोट दिया है। चाहे विपक्ष हमारे बारे में कुछ भी कहता रहे, जनता ने विकास को प्राथमिकता दी है।
वहीं, भाकपा (माले) महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने इन परिणामों को चौंकाने वाला बताया। उन्होंने कहा कि ये परिणाम उम्मीदों के बिल्कुल विपरीत हैं और इन्हें समझना मुश्किल है। इस कारण बिहार में एक तरह का सन्नाटा है। सड़कों पर किसी प्रकार का जश्न नहीं दिख रहा।
उन्होंने 2010 के दौर का उदाहरण देते हुए कहा कि 2010 में नीतीश कुमार के उभार का दौर था। उस समय सुशासन, सड़कें और बदलाव दिख रहे थे, इसलिए जीत समझ में आती थी, लेकिन 2025 में अपराध बढ़ा हुआ है, भ्रष्टाचार चरम पर है और पुल तक टिक नहीं रहे। इस प्रकार के परिणाम कई सवाल खड़े करते हैं। दीपांकर ने यह भी चेतावनी दी कि अगर ऐसा ही प्रयोग अन्य राज्यों में भी हुआ, तो आने वाले समय में देश में चुनाव मजाक बन जाएंगे।