क्या बिहार के कांग्रेस नेताओं ने जीएसटी स्लैब में बदलाव पर केंद्र सरकार को घेरा?

सारांश
Key Takeaways
- जीएसटी स्लैब में बदलाव का उपभोक्ताओं पर गहरा प्रभाव है।
- कांग्रेस ने भाजपा को नकारात्मक रूप से पेश किया।
- कार्य समिति की बैठक में सामाजिक न्याय और आर्थिक नीति पर चर्चा होगी।
- भाजपा पर नफरत फैलाने का आरोप।
- बिहार में बदलाव की मांग उठ रही है।
पटना, 22 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्र सरकार द्वारा जीएसटी स्लैब में किए गए बदलावों को बिहार के कांग्रेस नेताओं ने नकारात्मक प्रतिक्रिया दी है। बिहार कांग्रेस के नेताओं ने भाजपा को ‘बड़का झूठा पार्टी’ करार दिया।
कांग्रेस विधायक दल के नेता शकील अहमद खान ने कहा कि कफन पर जीएसटी लगाने वाली भाजपा ने सब कुछ बर्बाद कर दिया है और अब आंसू पोंछने आई है।
उन्होंने कहा कि यह शिगूफा केवल चुनाव के लिए है, जनता सब कुछ समझती है। भाजपा का काम ही नफरत फैलाना है। उन्होंने 24 सितंबर को आयोजित कांग्रेस कार्य समिति की बैठक को लेकर कहा कि इसमें पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष से लेकर सभी बड़े नेता उपस्थित होंगे।
उन्होंने आजादी के बाद बिहार में आयोजित पहली कार्यसमिति की बैठक को लेकर कहा कि इसका संदेश साफ है, सामाजिक न्याय और देश की आर्थिक नीति। उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार ने देश और बिहार को तबाह कर दिया है। इसी तबाही के खिलाफ कार्यसमिति की बैठक हो रही है, जिस पर चर्चा की जाएगी।
इधर, बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष राजेश राम ने जीएसटी स्लैब में बदलाव पर कहा कि इसका सबसे अधिक प्रभाव उपभोक्ता पर ही पड़ता है। स्लैब कम करे या अधिक करें, लेकिन इसका प्रभाव आम लोगों पर ही पड़ता है। जीएसटी का भुगतान आम लोगों के लिए घातक है।
उन्होंने 24 सितंबर को पटना में आयोजित कांग्रेस कार्य समिति की बैठक को लेकर कहा कि बिहार में गुंडाराज और 70 हजार करोड़ का गबन सहित कई मुद्दे हैं, जिनसे बिहार के लोग सरकार से नाराज हैं। कांग्रेस बिहार में बदलाव चाहती है। कार्यसमिति की बैठक के जरिए हम देश को बदलाव का संदेश देंगे। उन्होंने कहा कि यह बैठक सदाकत आश्रम में होगी। सदाकत आश्रम से स्वतंत्रता की लड़ाई लड़ी गई थी और अब यहीं से वोट चोरी की लड़ाई भी लड़ी जाएगी।