क्या बिहार कांग्रेस ने 43 नेताओं को कारण बताओ नोटिस भेजा?
सारांश
Key Takeaways
- कांग्रेस ने 43 नेताओं को कारण बताओ नोटिस भेजा है।
- पूर्व मंत्री और विधायक शामिल हैं।
- 21 नवंबर तक स्पष्टीकरण देना होगा।
- अनुशासन समिति सख्त कार्रवाई कर सकती है।
- कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव में छह सीटें जीतीं।
पटना, 18 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन का हिस्सा रही कांग्रेस ने अब उन नेताओं के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है, जो चुनाव में पार्टी के खिलाफ गतिविधियों में शामिल रहे हैं। इसके तहत मंगलवार को 43 नेताओं को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है, जिनमें पूर्व विधायक और पूर्व मंत्री भी शामिल हैं।
सूत्रों के अनुसार, बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान पार्टी-विरोधी गतिविधियों में संलिप्त पाए जाने के कारण कांग्रेस पार्टी की अनुशासन समिति ने कई नेताओं को कारण बताओ नोटिस (शोकॉज नोटिस) जारी किया है। चुनावी अवधि में इन व्यक्तियों ने मीडिया सहित अन्य सार्वजनिक मंचों पर पार्टी की आधिकारिक लाइन से हटकर बयानों का सहारा लिया था, जिससे पार्टी की छवि, प्रतिष्ठा और चुनावी प्रदर्शन पर नकारात्मक असर पड़ा।
प्रदेश कांग्रेस अनुशासन समिति के अध्यक्ष कपिल देव प्रसाद यादव के अनुसार, सभी संबंधित व्यक्तियों को निर्देशित किया गया है कि वे 21 नवंबर को दोपहर 12 बजे तक अपना लिखित स्पष्टीकरण समिति के समक्ष प्रस्तुत करें। उन्होंने बताया कि यदि निर्धारित समय-सीमा में उत्तर प्राप्त नहीं हुआ, तो अनुशासन समिति मजबूर होकर सख्त कार्रवाई करेगी, जिसमें कांग्रेस पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से लेकर छह वर्षों के लिए निष्कासन भी शामिल है।
प्रदेश कांग्रेस अनुशासन समिति ने यह भी कहा है कि पार्टी अनुशासन और एकता सर्वोच्च प्राथमिकता है और पार्टी को क्षति पहुँचाने वाले किसी भी प्रकार के कृत्य को गंभीरता से लिया जाएगा। जिन्हें नोटिस जारी किया गया है, उनमें पूर्व मंत्री अफाक आलम, पूर्व प्रवक्ता आनंद माधव, पूर्व विधायक छत्रपति यादव, पूर्व मंत्री वीणा शाही, पूर्व एमएलसी अजय कुमार सिंह, पूर्व विधायक गजानंद शाही उर्फ मुन्ना शाही, सुधीर कुमार उर्फ बंटी चौधरी, बांका जिला कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष कंचना कुमारी, सारण जिला अध्यक्ष बच्चू कुमार बीरू, और पूर्व युवा कांग्रेस अध्यक्ष राज कुमार राजन शामिल हैं।
यह उल्लेखनीय है कि विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने छह सीटों पर जीत हासिल की। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश राम को भी इस चुनाव में हार का सामना करना पड़ा।