क्या बिहार के युवा नीतीश कुमार की जगह तेजस्वी यादव को सीएम बनाना चाहते हैं?
सारांश
Key Takeaways
- बिहार के युवा अब तेजस्वी यादव को सीएम देखना चाहते हैं।
- नीतीश कुमार के शासन पर सवाल उठाए जा रहे हैं।
- सरकारी नौकरी का वादा युवाओं को आकर्षित कर रहा है।
- बेरोजगारी की समस्या ने युवाओं को परेशान किया है।
- महागठबंधन के प्रति विश्वास बढ़ा है।
नई दिल्ली, 29 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। समाजवादी पार्टी के सांसद वीरेंद्र सिंह ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कार्यकाल पर तंज कसा है। उन्होंने कहा कि यदि 20 वर्षों में विकास का यही पैमाना है, तो नीतीश कुमार को बधाई। सपा सांसद का कहना है कि बिहार के युवा तेजस्वी यादव को अपना सीएम देखना चाहते हैं, जो सरकारी नौकरी देने का वादा कर रहे हैं।
सपा सांसद ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि छठ पर्व के दौरान सभी ने देखा कि बिहार में बेरोजगारी कितनी भयंकर है। उम्मीद से कई गुना ज्यादा लोग रोजी-रोटी की तलाश में राज्य छोड़कर चले गए। छठ के दौरान लोगों को मवेशियों की तरह गाड़ियों में भरकर लाया गया। यह दिखाता है कि नीतीश कुमार का 20 साल का शासन कैसा रहा है।
उन्होंने कहा कि आज युवा नीतीश के शासन को बदलना चाहते हैं और महागठबंधन तथा तेजस्वी यादव के नेतृत्व में अपना भरोसा जता रहे हैं।
एसआईआर के दूसरे चरण को लेकर उन्होंने कहा कि जो तरीका अपनाया जा रहा है, उससे हमें ऐतराज है। उन्होंने कहा कि गरीब तबका, चाहे हिंदू हो या मुस्लिम, अपने आपको यह साबित नहीं कर पाएगा कि वह देश का नागरिक है। आजादी के 78 साल बाद भी गरीबों को मालिकाना हक नहीं दिया गया है। गांव की जिस जमीन पर गरीब बसा है, वहां रह रहा है, मेहनत-मजदूरी कर रहा है, सरकार ने आज तक उन्हें जमीन पर मालिकाना हक नहीं दिया।
सांसद वीरेंद्र सिंह ने कहा कि एसआईआर में जब कागजात मांगे जाते हैं, तो गरीब बेबस हो जाता है। यह भारत सरकार की साजिश है, जो चुनाव आयोग के जरिए बिहार में लाखों मतदाताओं को वोट से वंचित कर रही है। आगे भी कई प्रदेशों में यह प्रक्रिया करने की कोशिश की जा रही है, जिसका हम लोग विरोध कर रहे हैं।
पश्चिम बंगाल में बंगाली भाषा का जिक्र करते हुए सपा सांसद ने कहा कि पश्चिम बंगाल में बोली जाने वाली बंगाली भाषा हमारे देश की भाषा है। भाजपा लगातार बंगालियों को टारगेट कर विदेशी घोषित करने पर तुली है। भाजपा साजिश के तहत उन्हें घुसपैठिया करार करना चाहती है। उन्होंने कहा कि बंगाली भाषा हमारी भाषा है और किसी को भी इस पर कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए।