क्या बिहार में तेजस्वी यादव के नेतृत्व में अगली सरकार बनेगी?

सारांश
Key Takeaways
- दीघा विधानसभा की स्थानीय समस्याओं पर ध्यान देना आवश्यक है।
- बेरोजगारी और महिलाओं की सुरक्षा प्रमुख मुद्दे हैं।
- नीतीश कुमार के वादों की आलोचना की गई है।
- महागठबंधन में सीट बंटवारे पर सहमति है।
- दिव्या गौतम एक युवा नेता के रूप में उभर रही हैं।
पटना, 15 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की बहन दिव्या गौतम ने बुधवार को दीघा विधानसभा क्षेत्र से भाकपा (माले) के टिकट पर नामांकन दाखिल किया। उन्होंने कहा कि बिहार में अगली सरकार तेजस्वी यादव के नेतृत्व में बनेगी और यह युवाओं की सरकार होगी।
राष्ट्र प्रेस से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि दीघा विधानसभा में कई स्थानीय समस्याएं हैं, जिनका समाधान अब तक नहीं हुआ। बिहार में बेरोजगारी, महिलाओं की सुरक्षा और भ्रष्टाचार जैसे मुद्दे महत्वपूर्ण हैं। पटना में दिन-दहाड़े अस्पताल में घुसकर हत्या जैसी घटनाएं हो रही हैं। जलभराव और रोज होने वाली दुर्घटनाएं भी बड़ी समस्याएं हैं। मैंने बचपन से दीघा की जनता के मुद्दों को देखा है, लेकिन आज तक स्थानीय विधायक को सक्रिय नहीं देखा।
महागठबंधन और भाकपा (माले) द्वारा जताए गए भरोसे का हवाला देते हुए दिव्या ने कहा कि वह इन मुद्दों को जोर-शोर से उठाएंगी। 2012 में पटना विश्वविद्यालय छात्रसंघ चुनाव में कम अंतर से हार का जिक्र करते हुए दिव्या ने कहा कि मैं हारी नहीं, मुझे हराया गया। अब यह नहीं चलेगा।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के महिला सशक्तिकरण के दावों पर तंज कसते हुए दिव्या ने कहा कि नीतीश कुमार ने महिलाओं को लॉलीपॉप थमाकर ठगा है। उनके खातों में 10,000 रुपए मदद के तौर पर भेजकर उन्हें अपने पाले में लाने की कोशिश की गई। आशा कार्यकर्ताओं और रसोइयों की समस्याओं का समाधान नहीं हुआ। संविदा को नौकरी नहीं माना जा सकता।
दीघा विधानसभा सीट भाजपा की परंपरागत सीट मानी जाती रही है। भाजपा ने यहां से संजीव चौरसिया को उम्मीदवार बनाया है। वहीं, दीघा विधानसभा से महागठबंधन की ओर से भाकपा (माले) ने दिव्या गौतम को चुनावी मैदान में उतारा है।
भाकपा (माले) नेता शशि यादव ने राष्ट्र प्रेस से कहा कि पटना विश्वविद्यालय में लगातार संघर्ष करने वाली दिव्या गौतम दीघा विधानसभा में बदलाव की आंधी लाएंगी। जनता के लिए कोई काम नहीं हुआ है। सीट बंटवारे को लेकर महागठबंधन में आपसी सहमति है और एक-दो दिन में तस्वीर साफ हो जाएगी। उन्होंने दावा किया कि एनडीए में भगदड़ मची है, जबकि महागठबंधन में सबकुछ ठीक है।