क्या बिहार में निर्माताओं की रुचि बढ़ रही है, 37 फिल्मों की शूटिंग को मिली मंजूरी?
सारांश
Key Takeaways
- 37 फिल्मों, वेब सीरीज और डॉक्यूमेंट्री को शूटिंग की अनुमति मिली है।
- बिहार फिल्म प्रोत्साहन नीति-2024 ने बिहार को सिनेमा में नई पहचान दी है।
- युवाओं को पारंपरिक कला का प्रशिक्षण देने के लिए मुख्यमंत्री गुरु शिष्य योजना शुरू की गई है।
- सभी बड़े आयोजनों में बिहार की नीतियों का प्रचार किया जा रहा है।
- पांडुलिपि संरक्षण के लिए भी प्रयास किए जा रहे हैं।
पटना, 31 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार सरकार प्रदेश में फिल्म निर्माताओं की रुचि को बढ़ाने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है। इसके सकारात्मक परिणाम अब सामने आने लगे हैं। सरकार का कहना है कि बिहार अब फिल्म, वेब सीरीज और डॉक्यूमेंट्री निर्माताओं की पसंदीदा जगह बनता जा रहा है। बिहार में अब तक 37 फिल्मों, वेब सीरीज और डॉक्यूमेंट्री को राज्य के विभिन्न स्थानों पर शूटिंग की अनुमति मिल चुकी है।
कला और संस्कृति विभाग के सचिव प्रणव कुमार ने बुधवार को एक प्रेस वार्ता में बताया कि राज्य सरकार द्वारा लागू की गई बिहार फिल्म प्रोत्साहन नीति-2024 ने बिहार को सिनेमा के राष्ट्रीय मानचित्र पर एक नई पहचान प्रदान करना शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा कि फिल्म और नाट्य के क्षेत्र में शिक्षा लेने वाले छात्रों को छात्रवृत्ति देने की योजना भी चलाई जा रही है। इसके तहत 13 लाख से अधिक की राशि वितरित की गई है।
प्रणव कुमार ने मुख्यमंत्री गुरु शिष्य योजना का उल्लेख करते हुए कहा कि राज्य की विलुप्तप्राय और हाशिए पर जा चुकी लोक कलाओं को पुनर्जीवित करने के लिए यह योजना शुरू की गई है। इस योजना के अंतर्गत अनुभवी कलाकार ‘गुरु’ के रूप में युवाओं को पारंपरिक कला, लोक संगीत, नृत्य और वादन का प्रशिक्षण देंगे। इस योजना का सकारात्मक प्रभाव देखा गया है। अब तक 233 आवेदन प्राप्त हो चुके हैं।
उन्होंने आगे बताया कि इसी तरह वरिष्ठ और उपेक्षित कलाकारों के लिए शुरू की गई मुख्यमंत्री कलाकार पेंशन योजना भी प्रभावी ढंग से लागू की जा रही है। इस योजना के तहत पात्र कलाकारों को प्रतिमाह तीन हजार रुपये की पेंशन दी जा रही है।
प्रणव कुमार ने बताया कि जहाँ भी बड़े आयोजन हो रहे हैं, वहां बिहार अपनी नीतियों को बड़े पैमाने पर प्रचारित करता है। उन्होंने बताया कि सरकार ने बिहार फिल्म और ड्रामा संस्थान की स्थापना के लिए भी सैद्धांतिक स्वीकृति प्रदान की है। कई पर्यटन स्थलों के विकास के लिए भी कार्य किया जा रहा है। पांडुलिपि संरक्षण के लिए भी परंपरा को सुरक्षित करने के प्रयास किए जा रहे हैं।