क्या बिहार में प्रारूप मतदाता सूची जारी होने के बाद राजनीतिक दलों ने आपत्ति दर्ज नहीं कराई?

Click to start listening
क्या बिहार में प्रारूप मतदाता सूची जारी होने के बाद राजनीतिक दलों ने आपत्ति दर्ज नहीं कराई?

सारांश

भारत निर्वाचन आयोग ने बिहार में मतदाता सूची पुनरीक्षण की प्रक्रिया के तहत महत्वपूर्ण जानकारी साझा की है। क्या राजनीतिक दलों ने इस पर कोई आपत्ति दर्ज की है? जानिए इस बारे में विस्तार से।

Key Takeaways

  • 1 अगस्त को प्रारूप मतदाता सूची जारी की गई।
  • राजनीतिक दलों ने कोई आपत्ति दर्ज नहीं की।
  • मतदाता अपने नाम की जांच कर सकते हैं।
  • नए पहचान पत्र के लिए फोटो देना आवश्यक है।
  • विशेष अभियान 18 वर्ष के युवाओं के लिए चलाया जा रहा है।

नई दिल्ली, 2 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। भारत निर्वाचन आयोग ने शनिवार को बिहार राज्य में मतदाता सूची पुनरीक्षण (एसआईआर) 2025 से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी साझा की। आयोग ने एक प्रेस नोट जारी किया, जिसमें 1 अगस्त दोपहर 3 बजे से 2 अगस्त दोपहर 3 बजे तक के आंकड़ों और घटनाक्रमों का विस्तृत ब्यौरा दिया गया है।

प्रेस नोट के अनुसार, 24 जून से 25 जुलाई तक चले गणना चरण के बाद बिहार की प्रारूप मतदाता सूची 1 अगस्त को आम जनता के लिए प्रकाशित की गई। राज्य के सभी 38 जिलों के डीएम ने 243 विधानसभा क्षेत्रों के कुल 90,712 मतदान केंद्रों पर यह सूची तैयार कर साझा की। यह सूची सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को 1 अगस्त को प्रदान की गई है। जो मतदाता 24 जून की मतदाता सूची में दर्ज थे, लेकिन 1 अगस्त की प्रारूप सूची से उनका नाम हट गया है, उनके नामों की अलग से सूची तैयार कर सभी राजनीतिक दलों को दी गई है ताकि वे उसका परीक्षण कर सकें। इस विशेष सत्यापन अभियान में भाग लेने के लिए 12 प्रमुख राजनीतिक दलों के जिला अध्यक्षों द्वारा नियुक्त किए गए करीब 1.6 लाख बूथ लेवल एजेंट्स भी सक्रिय रूप से भाग ले रहे हैं।

आयोग ने बताया कि जन सामान्य को इस प्रक्रिया की जानकारी देने के लिए अखबारों, टेलीविजन और सोशल मीडिया पर व्यापक प्रचार-प्रसार किया गया है। मतदाता सूची को और अधिक पारदर्शी और सुलभ बनाने के लिए हर प्रखंड-सह-अंचल कार्यालय और शहरी निकाय कार्यालय में 1 सितंबर 2025 तक प्रतिदिन सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक विशेष शिविर लगाए जा रहे हैं, जिसमें लोग आकर अपने नाम की पुष्टि कर सकते हैं या फिर दावा व आपत्ति दर्ज करा सकते हैं।

मतदाता अपने एपिक नंबर के माध्यम से निर्वाचन आयोग की वेबसाइट पर जाकर भी प्रारूप मतदाता सूची में अपना नाम जांच सकते हैं। यदि नाम सूची में नहीं है या किसी सुधार की जरूरत है, तो उसी पोर्टल से दावा या आपत्ति दर्ज की जा सकती है। चुनाव आयोग ने यह भी स्पष्ट किया है कि सभी योग्य मतदाताओं को नया पहचान पत्र (एपिक) जारी किया जाएगा, जिसके लिए हर मतदाता से अनुरोध किया गया है कि वे अपना नवीनतम पासपोर्ट साइज फोटो संबंधित बीएलओ को 1 सितंबर तक अवश्य सौंपें।

आयोग के अनुसार, चौंकाने वाली बात यह रही कि 1 अगस्त दोपहर 3 बजे से 2 अगस्त दोपहर 3 बजे तक किसी भी राजनीतिक दल ने अपने बीएलओ के माध्यम से मतदाता सूची में नाम जोड़ने या हटाने के संबंध में कोई दावा या आपत्ति दर्ज नहीं कराई। आयोग ने इसे 'शून्य दावे और आपत्तियां' के रूप में दर्ज किया है।

वहीं, 1 जुलाई से 1 अक्टूबर के बीच 18 वर्ष की आयु प्राप्त करने वाले युवाओं को मतदाता सूची में शामिल करने हेतु विशेष अभियान चलाया जा रहा है। इसी अभियान के तहत 1 अगस्त से 2 अगस्त के बीच 3,223 युवाओं ने फॉर्म के साथ घोषणा पत्र भी भरे हैं।

चुनाव आयोग ने यह भी स्पष्ट किया कि 1 अगस्त को जारी प्रारूप सूची से कोई भी नाम बिना उचित जांच और संबंधित निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी (ईआरओ/एईआरओ) द्वारा आदेश जारी किए बिना नहीं हटाया जा सकता। साथ ही, संबंधित व्यक्ति को जांच का पूरा अवसर दिया जाएगा ताकि निष्पक्षता बनी रहे।

Point of View

यह संभव है कि कई योग्य मतदाता अपनी पहचान से वंचित रह जाएं। यह आयोग की जिम्मेदारी है कि वह मतदान प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और सुलभ बनाए।
NationPress
02/08/2025

Frequently Asked Questions

मतदाता सूची में नाम कैसे जांचें?
आप अपने एपिक नंबर के माध्यम से निर्वाचन आयोग की वेबसाइट पर जाकर अपनी नाम की पुष्टि कर सकते हैं।
क्या राजनीतिक दलों ने आपत्ति दर्ज की?
चुनाव आयोग के अनुसार, 1 अगस्त से 2 अगस्त के बीच किसी भी राजनीतिक दल ने कोई आपत्ति दर्ज नहीं की।
नया पहचान पत्र कैसे प्राप्त करें?
हर मतदाता को अपने नवीनतम पासपोर्ट साइज फोटो संबंधित बीएलओ को 1 सितंबर तक सौंपना होगा।
विशेष अभियान कब चलाया जा रहा है?
1 जुलाई से 1 अक्टूबर के बीच 18 वर्ष की आयु प्राप्त करने वाले युवाओं को शामिल करने के लिए अभियान चलाया जा रहा है।
आपत्ति या दावा कैसे दर्ज करें?
आप निर्वाचन आयोग की वेबसाइट के माध्यम से ऑनलाइन दावा या आपत्ति दर्ज कर सकते हैं।