क्या बिहार में तीन नक्सलियों ने पुलिस महानिदेशक के सामने आत्मसमर्पण किया?

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क्या बिहार में तीन नक्सलियों ने पुलिस महानिदेशक के सामने आत्मसमर्पण किया?

सारांश

बिहार में नक्सलियों के आत्मसमर्पण की घटना ने सुरक्षा बलों के प्रयासों को प्रदर्शित किया है। मुंगेर में तीन इनामी नक्सलियों ने पुलिस महानिदेशक के सामने आत्मसमर्पण किया और साथ में भारी मात्रा में हथियार भी प्रस्तुत किए। यह घटना विकास की राह में एक महत्वपूर्ण कदम है।

Key Takeaways

  • नक्सलियों का आत्मसमर्पण सुरक्षा बलों की मेहनत का परिणाम है।
  • हथियारों और गोला-बारूद का प्रस्तुतिकरण नक्सलियों की सक्रियता को दर्शाता है।
  • सरकार की पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया।
  • विकास की राह पर चलने का नक्सलियों का निर्णय एक सकारात्मक संकेत है।
  • स्थानीय समुदाय का सहयोग नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई में महत्वपूर्ण है।

मुंगेर, 28 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार पुलिस ने रविवार को नक्सलियों के खिलाफ एक महत्वपूर्ण सफलता हासिल की है, जब मुंगेर में तीन इनामी नक्सलियों ने राज्य के पुलिस महानिदेशक विनय कुमार के समक्ष आत्मसमर्पण किया। आत्मसमर्पण करने वालों में तीन-तीन लाख रुपए के इनामी नक्सली नारायण कोड़ा और बहादुर कोड़ा भी शामिल हैं।

इन नक्सलियों ने भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद भी पुलिस के सामने प्रस्तुत किए हैं। बताया गया है कि सरकार की आत्मसमर्पण-सह-पुनर्वास नीति से प्रेरित होकर एवं सुरक्षा बलों के निरंतर अभियान और स्थानीय जन सहयोग के कारण मुंगेर जिले के नक्सल प्रभावित खड़गपुर थाना क्षेत्र में आयोजित कार्यक्रम के दौरान इन नक्सलियों ने सशस्त्र आत्मसमर्पण किया।

इस कार्यक्रम में बिहार के डीजीपी विनय कुमार, एडीजी हेडक्वार्टर सह लॉएंडऑर्डर कुंदन कृष्णन, एसटीएफ एसपी संजय सिंह सहित कई वरिष्ठ पुलिस अधिकारी और बड़ी संख्या में स्थानीय लोग उपस्थित थे। आत्मसमर्पण करने वालों में 23 नक्सली कांडों में फरार जोनल कमांडर नारायण कोड़ा, 24 नक्सली कांडों में फरार जोनल कमांडर बहादुर कोड़ा तथा तीन नक्सली कांडों में फरार दस्ता सदस्य बिनोद कोड़ा शामिल हैं।

इस अवसर पर पूर्व में आत्मसमर्पण कर चुके नक्सली रावण कोड़ा और भोला कोड़ा के परिजन भी कार्यक्रम में उपस्थित रहे। अधिकारियों ने नक्सलियों के परिवारों को भी सम्मानित किया। नक्सलियों ने अपने साथ दो इंसास राइफल, चार एसएलआर राइफल, करीब 500 चक्र कारतूस, वॉकी-टॉकी, बम सहित अन्य सामग्री पुलिस के समक्ष प्रस्तुत की।

इस मौके पर पुलिस महानिदेशक विनय कुमार ने कहा कि माओवाद उन्मूलन के क्षेत्र में प्रत्येक राज्य ने महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ हासिल की हैं। कई क्षेत्रों से माओवाद समाप्त हो चुका है। बिहार में इस क्षेत्र में तेजी से कार्य हो रहा है। 23 अतिउग्रवाद प्रभावित क्षेत्र में उनकी उपस्थिति शून्य हो गई है। माओवाद प्रभावित क्षेत्रों में विकास कार्य तेजी से किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि विकास से क्षेत्रों को जोड़ा जा रहा है, जिसका परिणाम यह है कि अब नक्सलवाद का प्रभाव तेजी से समाप्त हो रहा है और लोग हिंसा छोड़कर विकास की राह चुन रहे हैं।

Point of View

बल्कि यह भी दिखाया है कि वे विकास के मार्ग पर चलने के लिए तैयार हैं। यह घटना अन्य नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के लिए एक प्रेरणा हो सकती है।
NationPress
28/12/2025

Frequently Asked Questions

क्या आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली पहले से अपराधी थे?
हाँ, आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली विभिन्न नक्सली कांडों में फरार थे और उनके खिलाफ कई मामले दर्ज थे।
सरकार की आत्मसमर्पण नीति क्या है?
सरकार की आत्मसमर्पण-सह-पुनर्वास नीति का उद्देश्य नक्सलियों को मुख्यधारा में लौटने का अवसर प्रदान करना है।
इस आत्मसमर्पण से क्या प्रभाव पड़ेगा?
इस आत्मसमर्पण से नक्सलवाद के खिलाफ स्थानीय समुदाय में विश्वास बढ़ेगा और विकास की गति में तेजी आएगी।
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