क्या बिहार में सच में विकास हो रहा है? - शिवराज सिंह चौहान

सारांश
Key Takeaways
- बिहार में विकास कार्य तेज हो रहे हैं।
- मखाना महोत्सव रोजगार के अवसर प्रदान करेगा।
- केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर विकास का कार्य कर रही हैं।
- युवाओं और महिलाओं का सशक्तीकरण हो रहा है।
- विपक्ष परिवारवाद में उलझा हुआ है।
पटना, 4 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार की राजधानी पटना में लगातार हो रही बारिश के बीच शनिवार को केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि बिहार में विकास भी बरस रहा है और सौगातें भी मिल रही हैं।
पटना में एक कार्यक्रम में भाग लेने के दौरान केंद्रीय मंत्री चौहान ने मीडिया से बातचीत में कहा कि बिहार में बदरा भी बरस रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज जो बिहार को सौगातें दी हैं, वे अद्भुत और अभूतपूर्व हैं।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में केंद्र सरकार और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में राज्य सरकार ने विकास की ऐसी गंगा बहाई है, जो पूरी दुनिया में एक मिसाल है। आज बिहार में मखाना महोत्सव की भी शुरुआत हो रही है। यह केवल उत्सव नहीं है, बल्कि मखाना महोत्सव बिहार में निवेश और रोजगार के लिए एक नया अवसर है।
उन्होंने बिहार में मखाना बोर्ड के गठन की चर्चा करते हुए कहा कि इसका गठन हो चुका है। इसके लिए प्रधानमंत्री ने 400 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। मखाना का उत्पादन बढ़ाना है और लागत घटानी है। हम ऐसे बीज विकसित कर रहे हैं, जिससे कम गहरे पानी में भी मखाना की खेती की जा सके। मखाना निकालने के लिए पानी में डूबना न पड़े, इसके लिए मशीनी उपयोग की व्यवस्था की जा रही है।
उन्होंने कहा कि मखाने की मार्केटिंग, ब्रांडिंग, पैकेजिंग और निर्यात की सभी व्यवस्थाओं का इसमें प्रावधान है। लेकिन केवल मखाना ही नहीं है। बिहार में आज जो हो रहा है, वह लोग देख रहे हैं। कृषि मंत्री चौहान ने कहा कि बिहार में युवाओं, महिलाओं, किसानों और गरीबों का सशक्तीकरण हो रहा है। यह सब देखकर विपक्ष परिवारवाद और कुर्सीवाद में उलझ गया है। यहाँ महाभारत मचा हुआ है।
उन्होंने विश्वास जताते हुए कहा कि बिहार में इस बार फिर रिकॉर्ड तोड़ बहुमत से एनडीए की सरकार बनने जा रही है। उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि उनकी कुंठा देश में नहीं, बल्कि विदेशों में निकल रही है। वे विदेश में जाकर देश को बदनाम करने का पाप कर रहे हैं। जो देश को दुनिया में बदनाम करते हैं, उन्हें जनता स्वीकार नहीं करती।