क्या बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण के लिए सिर्फ 1 दस्तावेज की जरूरत है?

सारांश
Key Takeaways
- 1 दस्तावेज की आवश्यकता
- हेल्पलाइन नंबर 1950 उपलब्ध है
- महत्वपूर्ण तिथियाँ: 25 जून से 30 सितंबर
- ऑनलाइन आवेदन की सुविधा
- विपक्ष की याचिकाएँ सुप्रीम कोर्ट में
पटना, 6 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर, मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान चलाया जा रहा है। इस संदर्भ में, भारत निर्वाचन आयोग ने 11 दस्तावेजों की सूची जारी की है, जिसमें से किसी एक दस्तावेज को बूथ लेवल अधिकारी (बीएलओ) के पास देना आवश्यक है। यह जानकारी प्रेस सूचना ब्यूरो (पीआईबी) द्वारा साझा की गई है।
बिहार पीआईबी ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर एक पोस्ट के माध्यम से मतदाताओं को जागरूक किया है। उन्होंने स्पष्ट किया है कि यदि आपको वोट देना है तो आपको फॉर्म भरना होगा। बिहार के विशेष गहन पुनरीक्षण 2025 में अब केवल 11 दस्तावेजों में से एक संलग्न करें। गणना प्रपत्र भरकर मतदाता सूची में अपना नाम शामिल करें। क्यूआर कोड को स्कैन करें और फॉर्म को ऑनलाइन भरें।
बिहार पीआईबी ने अपने 'एक्स' पर एक वीडियो भी साझा किया है, जिसमें बताया गया है कि हम लोगों को सोचने से नहीं रोक सकते, लेकिन उनकी सोच को बदलने की कोशिश कर सकते हैं। इसलिए, सोच में परिवर्तन लाएं, भ्रम को छोड़ें। 11 दस्तावेजों में से एक दस्तावेज अपने बीएलओ को दें।
इसके साथ ही, बिहार पीआईबी ने मतदाताओं के लिए हेल्पलाइन नंबर 1950 भी जारी किया है, जिससे आप वोटर दस्तावेजों से संबंधित अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। इसके अलावा, क्यूआर स्कैन करके ऑनलाइन आवेदन करने की सुविधा भी उपलब्ध है।
विशेष गहन पुनरीक्षण के लिए कुछ महत्वपूर्ण तिथियां भी निर्धारित की गई हैं। हाउस टू हाउस सर्वेक्षण 25 जून से 26 जुलाई तक होगा। मतदाता सूची का प्रारूप (ड्राफ्ट) 1 अगस्त को प्रकाशित किया जाएगा। दावे और आपत्तियों की अवधि 1 अगस्त से 1 सितंबर तक रहेगी। अंतिम मतदाता सूची 30 सितंबर को प्रकाशित की जाएगी।
हालांकि, विपक्ष ने चुनाव आयोग के विशेष गहन पुनरीक्षण पर आपत्ति जताई है। विभिन्न राजनीतिक दलों ने इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है।