क्या बिहार एसआईआर मामले में सुप्रीम कोर्ट के सुझावों से चुनाव आयोग सहमत हुआ?

Click to start listening
क्या बिहार एसआईआर मामले में सुप्रीम कोर्ट के सुझावों से चुनाव आयोग सहमत हुआ?

सारांश

बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले सुप्रीम कोर्ट ने मतदाता सूची के एसआईआर अभियान पर सुझाव दिए हैं। चुनाव आयोग ने इन सुझावों को स्वीकार कर लिया है। मतदाताओं को सरलता से सूची में शामिल होने का अवसर प्रदान किया जाएगा। जानें इस महत्वपूर्ण निर्णय के पीछे की पूरी कहानी।

Key Takeaways

  • सुप्रीम कोर्ट के सुझावों का चुनाव आयोग ने किया स्वागत।
  • मतदाता सूची में सुधार के लिए एसआईआर अभियान जारी है।
  • पीड़ित व्यक्ति आधार कार्ड के साथ अपना दावा दायर कर सकते हैं।
  • फॉर्म 6 में नामांकन के लिए आधार कार्ड आवश्यक है।
  • मतदाता सूची पर दावे और आपत्तियों की अवधि 1 अगस्त से 1 सितंबर 2025 तक।

नई दिल्ली, 14 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। बिहार में विधानसभा चुनाव से पूर्व आयोजित मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) अभियान के संबंध में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए सुझावों पर चुनाव आयोग ने अपनी सहमति व्यक्त की है।

भारत निर्वाचन आयोग ने सुप्रीम कोर्ट के सुझावों को लागू करने के लिए आम नागरिकों को अधिक सुविधाएं प्रदान करने की योजना बनाई है।

सर्वोच्च न्यायालय के सुझावों के अनुसार, 20 जुलाई से सभी राजनीतिक दलों को बीएलओ द्वारा दी गई मृत, दो स्थानों पर रह रहे और स्थायी रूप से स्थानांतरित मतदाताओं की सूची के साथ-साथ लिस्ट में शामिल न किए गए मतदाताओं की सूची भी कारण सहित ड्राफ्ट रोल में प्रस्तुत की जानी चाहिए। यह जानकारी जिला निर्वाचन अधिकारियों और मुख्य निर्वाचन अधिकारी की वेबसाइट पर बूथवार ईपिक नंबर से खोजी जा सकेगी।

इसके अतिरिक्त, सुप्रीम कोर्ट के आदेश में कहा गया है कि पीड़ित व्यक्ति आधार कार्ड की एक प्रति के साथ दावा दायर कर सकते हैं। यहाँ पीड़ित वे लोग हैं, जो ड्राफ्ट सूची (65 लाख) में नहीं हैं। केवल वे लोग जो फॉर्म 6 में हैं, वे अपना दावा दायर कर सकते हैं। फॉर्म 6 में पहले से ही आधार का विवरण शामिल है।

इससे पूर्व, चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा प्रस्तुत करते हुए कहा था कि राज्य में किसी भी योग्य मतदाता का नाम बिना पूर्व सूचना, सुनवाई का अवसर और सक्षम अधिकारी के आदेश के बिना मतदाता सूची से नहीं हटाया जाएगा। सभी योग्य मतदाता का नाम अंतिम मतदाता सूची में शामिल कराने के लिए आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं।

आयोग ने बताया कि एसआईआर का पहला चरण पूरा हो चुका है और 1 अगस्त 2025 को प्रारूप मतदाता सूची प्रकाशित की जाएगी। यह चरण बूथ स्तर अधिकारियों (बीएलओ) द्वारा मतदाताओं के नाम और आवश्यक फॉर्म जुटाने के बाद संपन्न हुआ। कुल 7.89 करोड़ मतदाताओं में से 7.24 करोड़ लोगों ने अपने नामों की पुष्टि की या फॉर्म जमा किए हैं। प्रारूप सूची पर दावे और आपत्तियां दर्ज करने की अवधि 1 अगस्त से 1 सितंबर 2025 तक निर्धारित की गई है, जिसके लिए ऑनलाइन और प्रिंट दोनों प्रारूप उपलब्ध कराए गए हैं।

Point of View

यह निर्णय न केवल बिहार बल्कि पूरे देश में चुनावी प्रक्रिया को मजबूत करेगा। मतदाता सूची में पारदर्शिता और समावेशिता सुनिश्चित करने से लोकतंत्र को मजबूती मिलेगी। हम उम्मीद करते हैं कि सभी राज्यों में ऐसे ही सकारात्मक कदम उठाए जाएं।
NationPress
23/08/2025

Frequently Asked Questions

एसआईआर अभियान का मुख्य उद्देश्य क्या है?
एसआईआर अभियान का मुख्य उद्देश्य मतदाता सूची की गुणवत्ता में सुधार करना और सभी योग्य मतदाताओं को सूची में शामिल करना है।
क्या कोई व्यक्ति अपनी नामांकन में सुधार कर सकता है?
हाँ, मतदाता अपने नामांकन में सुधार करने के लिए फॉर्म 6 का उपयोग कर सकते हैं।
इस प्रक्रिया में कितने चरण होते हैं?
इस प्रक्रिया में कई चरण होते हैं, जिसमें पहले चरण का समापन 1 अगस्त 2025 को होगा।
क्या सभी राजनीतिक दलों को जानकारी मिलेगी?
जी हाँ, सभी राजनीतिक दलों को मतदाता सूची की जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी।
क्या आधार कार्ड आवश्यक है?
हाँ, आधार कार्ड का उपयोग पहचान के लिए आवश्यक है, विशेषकर दावा दायर करने के लिए।