क्या बिहार विधानसभा चुनाव के लिए आदर्श आचार संहिता का पालन सख्त होगा?

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क्या बिहार विधानसभा चुनाव के लिए आदर्श आचार संहिता का पालन सख्त होगा?

सारांश

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए चुनाव आयोग द्वारा आदर्श आचार संहिता लागू की गई है, जिससे सख्त नियमों का पालन सुनिश्चित किया जाएगा। क्या यह चुनावी माहौल को प्रभावित करेगा? जानिए इस रिपोर्ट में।

Key Takeaways

  • बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए आदर्श आचार संहिता लागू।
  • सख्त नियमों का पालन सुनिश्चित करने के लिए आयोग ने निर्देश जारी किए।
  • नागरिक शिकायतें सी-विजिल ऐप के जरिए दर्ज कर सकते हैं।
  • सरकारी संसाधनों का दुरुपयोग रोकने के लिए सख्ती।
  • सभी राजनीतिक दलों को समान अवसर मिलेगा।

नई दिल्ली, 8 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत के चुनाव आयोग (ईसीआई) ने बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए आदर्श आचार संहिता (एमसीसी) को तुरंत प्रभाव से लागू करने की घोषणा की है।

6 अक्टूबर को चुनाव कार्यक्रम की घोषणा के साथ, आयोग ने बिहार के मुख्य सचिव और मुख्य निर्वाचन अधिकारी को एमसीसी के सख्त कार्यान्वयन के निर्देश दिए हैं। यह संहिता न केवल राज्य सरकार, बल्कि केंद्र सरकार पर भी लागू होगी, विशेषकर बिहार से संबंधित नीतिगत निर्णयों और घोषणाओं के संदर्भ में।

चुनाव आयोग ने सरकारी, सार्वजनिक और निजी संपत्तियों पर किसी भी प्रकार के विरूपण (जैसे पोस्टर, बैनर) को हटाने का आदेश दिया है। इसके साथ ही, सरकारी वाहनों, आवास या संसाधनों का किसी भी राजनीतिक दल, उम्मीदवार या चुनाव से जुड़े व्यक्ति द्वारा दुरुपयोग रोकने के लिए सख्ती बरतने का निर्देश दिया गया है। सरकारी खर्च पर विज्ञापन जारी करने पर भी पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है। नागरिकों की निजता का सम्मान करने और निजी संपत्तियों पर बिना मालिक की अनुमति के झंडे, बैनर या पोस्टर लगाने पर रोक लगाई गई है। निजी आवासों के बाहर प्रदर्शन या धरना देने की भी मनाही की गई है।

शिकायतों के निपटारे हेतु आयोग ने 24 घंटे चलने वाली शिकायत निगरानी प्रणाली शुरू की है। नागरिक कॉल सेंटर नंबर 1950 या जिला निर्वाचन अधिकारी के पास शिकायत दर्ज करा सकते हैं।

इसके अतिरिक्त, सी-विजिल ऐप के माध्यम से एमसीसी उल्लंघन की शिकायत की जा सकती है, जिस पर 100 मिनट के भीतर कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए राज्य में 824 उड़न दस्ते तैनात किए गए हैं।

आयोग ने मंत्रियों को आधिकारिक कर्तव्यों को चुनाव प्रचार से अलग रखने और सरकारी संसाधनों का दुरुपयोग न करने के निर्देश दिए हैं। चुनाव से जुड़े अधिकारियों के स्थानांतरण पर भी रोक लगा दी गई है। सभी अधिकारियों को निष्पक्षता के साथ काम करने, सभी दलों के साथ समान व्यवहार करने और कानून-व्यवस्था बनाए रखने को कहा गया है। सार्वजनिक स्थलों, जैसे मैदान और हेलीपैड, का आवंटन पहले आओ-पहले पाओ के आधार पर निष्पक्ष रूप से करने के लिए सुविधा मॉड्यूल को सक्रिय किया गया है।

Point of View

बल्कि नागरिकों के अधिकारों और स्वतंत्रता का भी सम्मान करेगा। आयोग की पहल से एक स्वस्थ लोकतंत्र की दिशा में कदम बढ़ाने की उम्मीद है।
NationPress
08/10/2025

Frequently Asked Questions

आदर्श आचार संहिता क्या है?
आदर्श आचार संहिता (एमसीसी) चुनावों के दौरान राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों के लिए दिशा-निर्देश प्रदान करती है, ताकि चुनावी प्रक्रिया निष्पक्ष और पारदर्शी हो सके।
क्या एमसीसी का उल्लंघन करने पर दंड है?
हां, एमसीसी का उल्लंघन करने पर चुनाव आयोग द्वारा कार्रवाई की जा सकती है, जिसमें शिकायतों के निपटारे के लिए विशेष तंत्र स्थापित किए गए हैं।
क्या नागरिक शिकायत दर्ज कर सकते हैं?
जी हां, नागरिक कॉल सेंटर नंबर 1950 पर शिकायत दर्ज कर सकते हैं या सी-विजिल ऐप के माध्यम से एमसीसी उल्लंघन की सूचना दे सकते हैं।
सरकारी संसाधनों का दुरुपयोग कैसे रोका जाएगा?
चुनाव आयोग ने सरकारी संसाधनों के दुरुपयोग को रोकने के लिए सख्त निर्देश जारी किए हैं, ताकि चुनावी प्रक्रिया निष्पक्ष बनी रहे।
क्या चुनाव प्रचार के दौरान सरकारी खर्च पर विज्ञापन पर रोक है?
हां, चुनाव आयोग ने सरकारी खर्च पर विज्ञापन जारी करने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया है।