क्या बिहार विधानमंडल का मानसून सत्र महत्वपूर्ण है? विजय चौधरी का बयान

सारांश
Key Takeaways
- विधानमंडल का सत्र महत्वपूर्ण है।
- अंतिम सत्र चुनावों से पहले है।
- महत्वपूर्ण विधेयक पेश होंगे।
- सरकार जनहित के मुद्दों पर ध्यान देगी।
- बिहार में बाढ़ की स्थिति पर तैयारियाँ हैं।
पटना, 21 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। बिहार के मंत्री विजय कुमार चौधरी ने बताया कि सोमवार से आरंभ हो रहे विधानमंडल का यह सत्र अत्यंत महत्वपूर्ण है। विशेष रूप से, यह वर्तमान विधानसभा का अंतिम सत्र है, क्योंकि इस सत्र के दो महीने बाद चुनाव होने वाले हैं।
चौधरी ने कहा कि इस सत्र में कई महत्वपूर्ण विधेयक प्रस्तुत किए जाएंगे। इन विधेयकों के माध्यम से सरकार जनहित के लिए कार्य करेगी। सभी गंभीर मुद्दों पर सरकार तैयार है, और विपक्ष के सभी सवालों के जवाब देने के लिए भी। यदि विपक्ष कानून-व्यवस्था के मुद्दों पर सवाल उठाएगा, तो सरकार स्पष्ट जवाब देगी।
उन्होंने यह भी कहा कि बिहार की जनता देख रही है कि अपराध के मामले में पुलिस अन्य राज्यों से भी अपराधियों को पकड़कर बिहार ला रही है। जबकि अपराध की घटनाएं चिंताजनक हैं, परंतु उन पर कार्रवाई भी हो रही है। बाढ़ के हालात पर उन्होंने कहा कि बाढ़ की समस्या के लिए सरकार की तैयारी पूरी है। एसओपी तैयार है, जिसे अधिकारी अनुशासन से पालन करते हैं।
चौधरी ने बताया कि बिहार की स्थिति यह है कि मानसून की बारिश से यहाँ बाढ़ नहीं आती, बल्कि अन्य क्षेत्रों में बारिश से बाढ़ का खतरा बढ़ता है। यदि नेपाल में बारिश होती है, तो उत्तर बिहार की नदियों में उफान आएगा, और झारखंड में बारिश होने पर दक्षिण बिहार की नदियों का जल स्तर बढ़ेगा। इस बार झारखंड में बारिश के कारण बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हुई है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पुत्र निशांत के जन्मदिन पर उपेंद्र कुशवाहा की नसीहत पर उन्होंने कहा कि इसका अर्थ वही बता सकते हैं। कांग्रेस नेता राहुल गांधी के 'जस्ट असेंबल इन इंडिया' के बयान पर उन्होंने कहा कि मेक इन इंडिया और असेंबल इन इंडिया दोनों चल रहे हैं। जब टेक्नोलॉजी ट्रांसफर होती है, तब यह मेक इन इंडिया बन जाती है। यह औद्योगिक विकास की सामान्य प्रक्रिया है।
राजद विधायक मुकेश रौशन ने कहा कि विपक्ष मतदाता सूची पुनरीक्षण और कानून व्यवस्था के मुद्दों पर सरकार को घेरने का प्रयास करेगा। उन्होंने कहा कि मतदाता सूची से गरीबों का नाम हटाया जा रहा है और अपराध की घटनाओं में वृद्धि हो रही है, जिससे लोगों को न्याय नहीं मिल पा रहा है।
मंत्री संजय सरावगी ने कहा कि ये सभी बांग्लादेशी और रोहिंग्या को मतदाता सूची में शामिल रखना चाहते हैं। आंकड़े 95 प्रतिशत तक आ चुके हैं और मृतकों की सूची भी जारी हो रही है। उन्होंने कहा कि ये लोग चाहते हैं कि गलत लोग आएं। चुनाव आयोग को मतदाता पुनरीक्षण का अधिकार है और वह इसे सुनिश्चित कर रहा है। उन्होंने कहा कि अपराधियों को संरक्षण देना इनका काम रहा है।