क्या शिवसेना प्रवक्ता संजय निरुपम ने बिहार में एनडीए की जीत को 'क्रांतिकारी' बताया?

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क्या शिवसेना प्रवक्ता संजय निरुपम ने बिहार में एनडीए की जीत को 'क्रांतिकारी' बताया?

सारांश

शिवसेना प्रवक्ता संजय निरुपम ने बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए की जीत को एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर बताया है। उन्होंने इस जीत को विकास के मुद्दे पर जनादेश के रूप में देखा है, जो बिहार की राजनीति में एक नई दिशा दिखा रहा है। जानिए इस चुनाव के परिणाम और उसके पीछे की सोच।

Key Takeaways

  • विकास के मुद्दे पर मतदान का बढ़ता महत्व।
  • जातिवाद के बजाय विकास की सोच की स्वीकृति।
  • महिलाओं के विकास में नीतीश कुमार का योगदान।
  • पंचायती राज में महिलाओं की भागीदारी में वृद्धि।
  • बिहार में क्रांति का संकेत।

मुंबई, 14 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। शिवसेना प्रवक्ता संजय ने बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए की जीत को ‘क्रांतिकारी’ करार दिया।

उन्होंने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत करते हुए कहा कि इस विधानसभा चुनाव को बिहार की जनता ने क्रांतिकारी बना दिया। आमतौर पर जब कभी भी बिहार विधानसभा चुनाव का जिक्र किया जाता है, तो यह विचार आसानी से गढ़ा जाता है कि वहां के लोग जाति के आधार पर मतदान करते हैं, लेकिन यहां के लोगों ने इन सभी धारणाओं को तोड़ते हुए विकास के मुद्दे पर मतदान किया, जिसके लिए वे प्रशंसा के योग्य हैं।

शिवसेना प्रवक्ता ने कहा कि बिहार सदियों से जातिगत बंधनों में जकड़ा रहा है। वहां पर आमतौर पर अपनी जाति के नेता को वोट देने की परंपरा रही है, लेकिन इस बार ऐसा कुछ भी देखने को नहीं मिला। इस बार वहां की जनता ने विकास के नाम पर वोट दिया।

उन्होंने कहा कि इस बार बिहार की जनता ने एक ऐसी सरकार का समर्थन करना आवश्यक समझा, जो विकास से संबंधित कार्यों को प्राथमिकता दे रही थी, जिसके शासनकाल में प्रदेश के विकास को नई गति मिली है। इस संदर्भ में, मैं कहूंगा कि यह स्थिति बिहार के लिए शुभ संकेत है। इससे आने वाले दिनों में बिहार में विकास का एक नया मील का पत्थर स्थापित होगा।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने शासनकाल में महिलाओं को अपनी प्राथमिकता की सूची में उच्चतम स्थान दिया। हमेशा से ही महिलाओं के विकास को प्राथमिकता दी गई। आज से 20 साल पहले जब नीतीश कुमार सत्ता में आए थे, तो उन्होंने महिलाओं को साइकिल देकर उन्हें सशक्त करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए। आज जब वही लड़कियां पढ़-लिखकर शिक्षित हो चुकी हैं, तो नीतीश सरकार ने उन्हें सरकारी नौकरी में आरक्षण दिया। आज वही लड़कियां काफी सशक्त महसूस कर रही हैं और इसका श्रेय निश्चित रूप से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को जाता है।

शिवसेना प्रवक्ता संजय निरुपम ने कहा कि पंचायती राज व्यवस्था में भी नीतीश सरकार ने अधिक से अधिक आरक्षण देकर महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने का कार्य किया। पिछड़े वर्ग के लोगों को मुख्यधारा में लाने का प्रयास किया गया। नीतीश सरकार ने बिहार में बुनियादी विकास को मजबूत करके राज्य में विषमता को समाप्त करने का कार्य किया। इसी का परिणाम है कि आज बिहार में एक नई क्रांति देखने को मिली है, जिसे शब्दों में व्यक्त नहीं किया जा सकता।

Point of View

बिहार विधानसभा चुनाव के परिणाम ने दिखाया है कि मतदाता अब जाति के बजाय विकास को प्राथमिकता दे रहे हैं। यह बदलाव एक नई सोच का प्रतीक है, जो बिहार के भविष्य के लिए सकारात्मक संकेत है।
NationPress
14/11/2025

Frequently Asked Questions

बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए की जीत के पीछे क्या कारण हैं?
एनडीए की जीत का मुख्य कारण विकास के मुद्दे पर मतदाता की प्राथमिकता माना जा रहा है।
शिवसेना प्रवक्ता संजय निरुपम का बयान क्या है?
संजय निरुपम ने एनडीए की जीत को 'क्रांतिकारी' बताया और विकास के मुद्दे पर वोटिंग की सराहना की।
क्या बिहार में राजनीतिक सोच बदल रही है?
जी हाँ, इस चुनाव ने यह संकेत दिया है कि बिहार के लोग अब जाति के बजाय विकास को प्राथमिकता दे रहे हैं।
नीतीश कुमार का महिलाओं के विकास में क्या योगदान है?
नीतीश कुमार ने महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए कई कदम उठाए हैं, जैसे साइकिल वितरण और सरकारी नौकरी में आरक्षण।
पंचायती राज में महिलाओं की भागीदारी कैसे बढ़ी है?
नीतीश सरकार ने पंचायती राज व्यवस्था में अधिक आरक्षण देकर महिलाओं की भागीदारी को बढ़ाया है।
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